🕒 गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 | Updated at: सुबह 08:01 बजे IST | नई दिल्ली
भारत ने अपने पश्चिमी तटीय क्षेत्र को अभेद्य सुरक्षा कवच में बदलने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अरब सागर से बढ़ते हवाई खतरे को देखते हुए भारतीय सशस्त्र बलों ने S-400 ट्रायंफ, बराक-8 मीडियम रेंज मिसाइल, और आकाश डिफेंस सिस्टम को एकीकृत करते हुए एक ऐसा मिसाइल नेटवर्क तैयार किया है, जो दुश्मन को हरकत में आने से पहले ही निष्क्रिय कर सकता है।

🔰 ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की सुरक्षा रणनीति में बड़ा बदलाव
मई 2025 में हुए भारत-पाक संघर्ष के बाद भारत ने अपनी वायु और समुद्री सीमाओं को और अधिक सुरक्षित करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान S-400 और आकाश मिसाइल सिस्टम ने पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को पूरी तरह विफल कर दिया था।
अब भारत ने अरब सागर के तटीय क्षेत्र को एक इंटीग्रेटेड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल नेटवर्क से लैस कर दिया है, जिसमें शामिल हैं:
- S-400 ट्रायंफ: 400 किमी तक की मारक क्षमता
- बराक-8 LR-SAM: 70–100 किमी की रेंज
- आकाश मिसाइल सिस्टम: 45 किमी की रेंज

🛰️ मिशन सुदर्शन चक्र: 7000 रडार और 52 सैटेलाइट्स से बनेगा अभेद्य कवच
भारत का दीर्घकालिक लक्ष्य है ‘मिशन सुदर्शन चक्र’, जिसके तहत:
- 6000–7000 रडार,
- 52 निगरानी सैटेलाइट्स,
- और डायरेक्टेड एनर्जी वेपन सिस्टम को एकीकृत किया जाएगा।
यह नेटवर्क 360-डिग्री निगरानी, रियल-टाइम चेतावनी, और ड्रोन/मिसाइल इंटरसेप्शन की क्षमता रखता है।
कोझिकोड (केरल) में नया रडार केंद्र स्थापित किया जा रहा है, जो IACCS (Integrated Air Command and Control System) से जुड़ा होगा।
⚓ भारतीय नौसेना की तैनाती और अंतरराष्ट्रीय अभ्यास
भारतीय नौसेना ने भी अरब सागर क्षेत्र में अपनी तैनाती को बढ़ा दिया है।
INS विक्रांत, बराक-8 प्रणालियों से लैस विध्वंसक जहाज, और INS अंद्रोत जैसे एंटी-सबमरीन क्राफ्ट को सक्रिय किया गया है।
हाल ही में ब्रिटेन की रॉयल नेवी के साथ हुए Exercise कोंकण-2025 ने भारत की एंटी-एयर वॉरफेयर क्षमता को वैश्विक स्तर पर प्रमाणित किया।
🛡️ ड्रोन हमलों के खिलाफ नई सुरक्षा दीवार
DRDO द्वारा विकसित Integrated Counter-Unmanned Aerial System (CUAS) अब पश्चिमी तट पर सक्रिय है।
यह प्रणाली:
- Electronic Warfare,
- Anti-Drone Laser Systems,
- और Kinetic Interception तकनीकों को एक साथ जोड़ती है।
मई 2025 में पाकिस्तानी ड्रोन स्वार्म हमलों को इस प्रणाली ने बिना किसी नुकसान के निष्क्रिय कर दिया था।
✈️ वायुसेना की त्वरित तैनाती क्षमता
भारतीय वायुसेना ने राफेल, मिराज, और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों के ऑपरेशनल रेडीनेस प्लेटफॉर्म्स को पश्चिमी सेक्टर में मजबूत किया है।
एयर मार्शल दिनेश के. त्रिपाठी ने हाल ही में सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की और समुद्री प्रतिरोधक क्षमता को और बढ़ाने के निर्देश दिए।
🔍 भारत की नई सुरक्षा रणनीति
भारत का यह नया तटीय रक्षा ढांचा न केवल पाकिस्तान बल्कि हिन्द महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है।
मई 2025 के संघर्ष में भारत ने 500 से अधिक दुश्मन ड्रोन और कई मिसाइल हमलों को बिना किसी बुनियादी नुकसान के निष्क्रिय कर दिया था — यह भारत की वायु रक्षा प्रणाली की प्रभावशीलता का प्रमाण है।
अब भारत की रणनीति स्पष्ट है:
दुश्मन को हरकत में आने से पहले ही खत्म कर देना।
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संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
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