सड़क सुरक्षा सबसे पहले: यमुना एक्सप्रेसवे पर कोहरा, लेन अनुशासन और ज़िम्मेदारी का सवाल

Wednesday, 17 December 2025, 4:10:00 PM. Agra, Uttar Pradesh

घने कोहरे और शून्य दृश्यता के बीच यमुना एक्सप्रेसवे पर लगातार हो रही दुर्घटनाएँ सड़क सुरक्षा व्यवस्था के लिए गंभीर चेतावनी हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार 2012 से 2023 के बीच एक्सप्रेसवे पर 338 सड़क हादसे दर्ज किए गए, जिनमें 75 लोगों की मौत हुई और 665 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए। ये आंकड़े बताते हैं कि समस्या केवल मौसम की नहीं, बल्कि प्रबंधन और अनुशासन की भी है।

डॉ संजय चतुर्वेदी
Consultant Orthopaedic Surgeon
M.S. Ortho,D.N.B.,MNAMS

कानूनी प्रावधान = यातायात नियंत्रित करने का अधिकार
मोटर वाहन अधिनियम की धारा 115 राज्य सरकार को यह अधिकार देती है कि वह सार्वजनिक सुरक्षा के हित में किसी मार्ग पर आवागमन को नियंत्रित या अस्थायी रूप से प्रतिबंधित कर सके। ऐसे में शून्य दृश्यता वाले हिस्सों में ट्रैफिक रोकना या सीमित करना पूरी तरह कानूनन संभव और आवश्यक है।

पूरे एक्सप्रेसवे को बंद करना समाधान नहीं
हर बार पूरे 165 किलोमीटर लंबे यमुना एक्सप्रेसवे को एक साथ बंद कर देना व्यावहारिक समाधान नहीं माना जा सकता। इससे एम्बुलेंस, फायर ब्रिगेड, पुलिस और आवश्यक आपूर्ति वाले वाहनों की आवाजाही बाधित होती है। टोल प्लाजा के आसपास लंबा जाम लगना खुद एक नया जोखिम बन जाता है, जैसा कि हाल में खंदौली टोल पर 3–4 किलोमीटर तक जाम और घंटों फंसे यात्रियों के रूप में देखा गया।

ब्लैक स्पॉट आधारित रणनीति = बेहतर विकल्प
विशेषज्ञों के अनुसार जिन हिस्सों में कोहरे के दौरान बार-बार गंभीर दुर्घटनाएँ होती हैं, उन्हें “फॉग हाई-रिस्क या ब्लैक स्पॉट कॉरिडोर” घोषित किया जाना चाहिए। इन सेगमेंट्स पर स्पीड लिमिट घटाई जाए, सेक्शन-वाइज प्रवेश नियंत्रित किया जाए और आवश्यकता पड़ने पर कुछ घंटों के लिए केवल इमरजेंसी या एस्कॉर्टेड वाहनों को ही अनुमति दी जाए। अन्य ट्रैफिक को वैकल्पिक मार्गों पर डायवर्ट करना अधिक सुरक्षित और व्यावहारिक उपाय है।

इंजीनियरिंग और e-Enforcement की जिम्मेदारी
एक्सप्रेसवे ऑपरेटर और संबंधित एजेंसियों की जिम्मेदारी है कि हाई-रिस्क पैच पर फेंसिंग दुरुस्त हो, क्रैश बैरियर ठीक हालत में हों, रेडियम टेप और कैट-आई स्पष्ट दिखें, पर्याप्त हाई-मास्ट या एलईडी लाइटिंग हो और CCTV/ANPR कैमरे तथा VMS बोर्ड सही ढंग से काम कर रहे हों।
MoRTH की e-enforcement SOP स्पष्ट कहती है कि स्पीडिंग, गलत लेन में चलना, गलत दिशा में वाहन ले जाना और खतरनाक ड्राइविंग जैसी हरकतों पर कैमरा-आधारित e-challan के जरिए सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि ड्राइवरों के व्यवहार में बदलाव आए।

ड्राइवरों के लिए कोहरे में पांच अनिवार्य नियम
कोहरे में सुरक्षित ड्राइविंग के लिए स्पीड आधी रखना और आगे वाली गाड़ी से दूरी दोगुनी रखना अनिवार्य है। हाई-बीम के बजाय लो-बीम और फॉग लाइट का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। वाहन खराब होने या रुकने की स्थिति में गाड़ी को केवल शोल्डर या लेफ्ट-मोस्ट साइड पर सुरक्षित तरीके से रोकना चाहिए और हैज़र्ड लाइट के साथ चेतावनी संकेत लगाने चाहिए।
बीच की लेन में वाहन रुक जाना सबसे खतरनाक स्थिति होती है। ऐसे में इंजन बंद किए बिना हैज़र्ड लाइट चालू रखें और यदि संभव हो तो बहुत धीमी गति से वाहन को शोल्डर तक ले जाएँ। कोहरे में ओवरटेकिंग, मोबाइल का इस्तेमाल और बिना सीट बेल्ट या हेलमेट ड्राइविंग न केवल खतरनाक बल्कि कानूनन दंडनीय भी है।

हाईवे पेट्रोल और आपात टीम की भूमिका
यदि CCTV या कॉल के जरिए यह जानकारी मिले कि कोई वाहन गलत लेन या बीच सड़क पर खड़ा है, तो नजदीकी हाईवे पेट्रोल, क्रेन और एम्बुलेंस टीम को 10–15 मिनट के भीतर मौके पर पहुंचना चाहिए। पेट्रोल वाहन को पीछे फ्लैशर और एरो-बोर्ड के साथ खड़ा कर मोबाइल सेफ्टी शील्ड बनाई जाए और खराब वाहन को तुरंत टो करके सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए। एक्सप्रेसवे पर किसी भी “डेड” वाहन को 5–10 मिनट से अधिक बीच लेन में रहना सिस्टम की गंभीर चूक मानी जानी चाहिए।

हादसे के बाद EMS और Good Samaritan की अहमियत
हादसे के बाद गोल्डन ऑवर में जान बचाने के लिए iRAD और eDAR सिस्टम के जरिए एम्बुलेंस, ट्रॉमा सेंटर और फायर टीम के बीच बेहतर समन्वय जरूरी है। Good Samaritan नियमों के तहत मदद करने वाले नागरिकों को कानूनी सुरक्षा और सहयोग मिलना चाहिए, ताकि कोई भी सिर्फ कानूनी डर से घायल को सड़क पर न छोड़े।

संदेश साफ = समझदारी, तकनीक और अनुशासन
घने कोहरे और शून्य दृश्यता में तेज़ रफ्तार से गाड़ी चलाना जानलेवा है। समाधान केवल पूरे एक्सप्रेसवे को बंद करना नहीं, बल्कि हाई-रिस्क हिस्सों पर समझदारी, तकनीक और सख्त अनुशासन के साथ ट्रैफिक प्रबंधन है। इसमें ड्राइवर, हाईवे ऑपरेटर, पुलिस और प्रशासन — सभी की साझा जिम्मेदारी है।

विचार: डॉ संजय चतुर्वेदी

#MohaliEncounter #PunjabCrimeNews #RanaBalachauriaMurder #KabaddiPromoter #PoliceEncounter #AGTFPunjab #PunjabPolice #CrimeNewsHindi #IndianCrime #MohaliNews #BreakingCrime #LawAndOrder #GangsterNews #PunjabLawAndOrder #CrimeUpdate

Also read : 10 मिनट की डिलीवरी: क्विक कॉमर्स की चमक में डूबती किराने की दुकानें, दरवाजे पर ऐप की घंटी, दुकानदार की आह निकली

वंदे मातरम विवाद: संसद में ‘राष्ट्रवाद’ का शोर और 100% FDI की चुपके से एंट्री; क्या है भाजपा के ‘नेहरू विरोध’ का असली सच?
✍️ संपादन: ठाकुर पवन सिंह
📧 pawansingh@tajnews.in
📱 अपनी खबर सीधे WhatsApp पर भेजें: 7579990777
👉 TajNews WhatsApp Channel
👉 Join WhatsApp Group
🐦 Follow on X (Twitter)
🌐 tajnews.in

Thakur Pawan Singh

✍️ संपादन: ठाकुर पवन सिंह 📧 pawansingh@tajnews.in 📱 अपनी खबर सीधे WhatsApp पर भेजें: 7579990777 👉 Taj News WhatsApp Channel

Related Posts

‘ज़हरीली सांसों का समाजवाद’: अमीर-गरीब में फर्क कर रही हवा; 85% शहर प्रदूषण घटाने में फेल, अब सांस लेना ‘मौलिक अधिकार’ नहीं, जोखिम बन गया

Wednesday, 17 December 2025, 11:45:00 PM. Agra/New Delhi आगरा/नई दिल्ली। उत्तर भारत में सर्दियां अब गुलाबी नहीं, बल्कि ‘काली’ और ‘दमघोंटू’ हो चुकी हैं। सुबह की धुंध कोहरा नहीं, बल्कि…

औरत कब सुरक्षित होगी दरिंदों से? राजमहलों से गलियों तक: जब ‘इश्क़’ इंतकाम बन जाए

Wednesday, 17 December 2025, 6:05:00 PM. New Delhi, India उस रात सब कुछ आम था। सड़क पर हल्की रोशनी, पास की चाय की दुकान से उठती अदरक की महक और…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *