Tuesday, 16 December 2025, 5:00:00 PM. Chandrapur, Maharashtra
चंद्रपुर/महाराष्ट्र। विदर्भ के किसानों की खुदकुशी की खबरें अक्सर दिल दहलाती हैं, लेकिन महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से जो मामला सामने आया है, उसने मानवता की सारी हदें पार कर दी हैं। यहाँ एक किसान की मजबूरी का फायदा उठाकर साहूकारों ने उसे ऐसा निचोड़ा कि अंत में उसकी किडनी तक बिकवा दी। मामला सिर्फ यहीं नहीं रुका; 1 लाख रुपये के कर्ज को ब्याज दर ब्याज जोड़कर 74 लाख रुपये बना दिया गया और वसूली के लिए किसान को कंबोडिया ले जाकर उसका अंग निकाल लिया गया।
पीड़ित किसान ने अब चेतावनी दी है कि अगर उसे न्याय नहीं मिला, तो वह पूरे परिवार के साथ मंत्रालय के सामने आत्मदाह कर लेगा।

डेयरी के लिए लिया था कर्ज, गायें मर गईं और बर्बाद हो गया सब कुछ
चंद्रपुर जिले की नागभीड़ तहसील के मिंथुर गांव निवासी 36 वर्षीय किसान रोशन सदाशिव कुडे के पास 4 एकड़ जमीन थी। खेती में लगातार नुकसान के चलते उसने डेयरी व्यवसाय शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए उसने ब्रह्मपुरी शहर के कुछ साहूकारों से 1 लाख रुपये उधार लिए। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। खरीदी गई गायों की मौत हो गई और फसल भी खराब हो गई। इसके बाद रोशन कर्ज के ऐसे जाल में फंसा कि उसका सब कुछ तबाह हो गया।
10 हजार रुपये प्रतिदिन का ब्याज, जमीन-ट्रैक्टर सब बिका
साहूकारों की दरिंदगी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे 1 लाख रुपये के मूलधन पर 10 हजार रुपये प्रतिदिन का ब्याज वसूल रहे थे। साहूकारों ने घर आकर प्रताड़ित करना शुरू किया। दबाव में आकर रोशन ने अपनी 2 एकड़ जमीन, ट्रैक्टर और घर का कीमती सामान बेच दिया। इसके बावजूद साहूकारों का हिसाब खत्म नहीं हुआ और कर्ज की रकम 1 लाख से बढ़कर 74 लाख रुपये बता दी गई।
कोलकाता में जांच, कंबोडिया में सर्जरी
जब किसान के पास देने को कुछ नहीं बचा, तो एक साहूकार ने उसे किडनी बेचने की सलाह दी। एक एजेंट के जरिए रोशन को पहले कोलकाता ले जाया गया, जहाँ उसकी मेडिकल जांच हुई। इसके बाद उसे विदेश (कंबोडिया) ले जाया गया, जहाँ सर्जरी के जरिए उसकी किडनी निकाल ली गई। किडनी का सौदा 8 लाख रुपये में हुआ, लेकिन साहूकारों की भूख इसके बाद भी शांत नहीं हुई और वे अब भी पैसे मांग रहे हैं।
साहूकारों के नाम उजागर, पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप
पीड़ित किसान ने पुलिस अधीक्षक (SP) से शिकायत की थी, लेकिन आरोप है कि प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। रोशन ने अपनी शिकायत में साहूकार किशोर बावनकुले, मनीष कालबांडे, लक्ष्मण उरकुडे, प्रदीप बावनकुले, संजय बल्लारपूरे और लक्ष्मण बोरकर का नाम लिया है।
रोशन का कहना है, “अगर पुलिस समय रहते कदम उठाती, तो मुझे इस शारीरिक और मानसिक नरक से नहीं गुजरना पड़ता। अब मेरे पास खोने को कुछ नहीं है, न्याय नहीं मिला तो आत्मदाह ही एक रास्ता है।”
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