दिल्ली मेट्रो : मेट्रो के गेट में साड़ी फसने से महिला की मौत

0

दिल्ली मेट्रो : मेट्रो के गेट में साड़ी फसने से महिला की मौत

 

पीछे छोड़ गई 2 बच्चे,

2014 में ही चल बसे थे पति

 

17 दिसम्बर 2023, दिल्ली। 

दिल्ली मेट्रो के यात्रियों के लिए एक चौंका देने वाली घटना सामने आई है। एक 35 वर्षीय महिला रीना को पिछले गुरुवार को दिल्ली मेट्रो के अंदर मस्तिष्क और छाती पर गंभीर चोटें आई थीं, जिसके बाद महिला सफदरजंग अस्पताल भर्ती थी। महिला की अब शनिवार 16 दिसंबर को मौत हो गई है।

महिला जब दिल्ली मेट्रो में इंद्रलोक स्टेशन पर उतर रही थी तो उसकी साड़ी मेट्रो ट्रेन के दरवाजे में फंस गई थी, जिसके कारण ट्रेन उसे कई मीटर तक घसीटते हुए ले गई। जिसकी वजह से उन्हें चोट लग गई थी और महिला अस्पताल में भर्ती थी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त घटना की जांच करेंगे।

सीसीटीवी फुटेज से पता चलता है कि महिला पहले कोच में दाखिल हुई और फिर प्लेटफॉर्म पर छूट गए अपने बच्चे को लेने के लिए पीछे मुड़ी। संभवत उसी वक्त महिला की साड़ी दरवाजे में फंस गई और ट्रेन चलने पर वह प्लेटफॉर्म पर घसीटी गई। जैसे ही ट्रेन स्टेशन से बाहर निकली, महिला पटरी पर गिर पड़ी। ये घटना दोपहर 1.04 बजे की है। जिसके बाद एक एम्बुलेंस महिला को दीप चंद बंधु अस्पताल ले गई, जिसने वेंटिलेटर की कमी का हवाला देते हुए उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया।

रीना के रिश्तेदारों के मुताबिक, राम मनोहर लोहिया अस्पताल और लोक नायक अस्पताल ने भी कथित तौर पर मेट्रो के विवाद की वजह से उसे भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसलिए महिला को सफदरजंग में भर्ती कराया गया।

 अस्पताल में उसका इलाज करने वाले डॉक्टरों ने कहा कि जब वह अस्पताल पहुंची तो उसकी हालत गंभीर थी और वह बेहोश थी। डॉक्टरों ने कहा, ‘उसे फैली हुई एक्सोनल चोट थी (जो एक कुंद चोट के कारण होती है जिसके कारण मस्तिष्क घूमता है और खोपड़ी के अंदर तेजी से शिफ्ट होता है) और सिर के दाहिनी ओर फ्रैक्चर भी था। इसके अलावा, उसके फेफड़ों के बाहर खून था, जिससे उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। जिसके लिए छाती के दोनों तरफ चेस्ट ट्यूब ड्रेनेज लगाई गई थी।  हम फिर भी महिला को नहीं बचा पाए। शनिवार दोपहर उनका निधन हो गया।’

रीना के पति का 2014 में निधन हो गया था और तब से वह अपने परिवार का पेट भरने के लिए सब्जियां बेच रही हैं। उनके परिवार में उनका 10 साल का बेटा हितेन और 12 साल की बेटी रिया है। अस्पताल में रीना की भाभी मोनिका ने कहा कि, “अब उसके बच्चों की देखभाल कौन करेगा? उनकी स्कूल फीस कौन देगा?” दोनों बच्चे गमगीन है।

बेटी रिया ने कहा कि, उसने आखिरी बार अपनी मां से गुरुवार को बात की थी जब वह स्कूल जा रही थी और उसने उससे कहा था कि वह शुक्रवार को एक शादी में शामिल होने के बाद वापस लौटेगी।

मृतक के रिश्तेदारों ने पहले उसके शव पर दावा करने से इनकार कर दिया था और जोर देकर कहा था कि डीएमआरसी को उन्हें मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अगर दरवाजा खुला होता तो रीना जिंदा होती। बाद में उन्होंने अधिकारियों को उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने की अनुमति दे दी है।

यह पूछे जाने पर कि दरवाजे क्यों नहीं खुले? डीएमआरसी सूत्रों ने कहा कि यह जांच के बाद स्पष्ट होगा। सूत्रों के मुताबिक,अगर दरवाजों में कोई रुकावट आती है, तो एक सुरक्षा तंत्र सक्रिय हो जाता है। दरवाजे स्वचालित रूप से खुलते हैं और तीन बार बंद करने का प्रयास करते हैं। यदि तीन प्रयासों के बाद समापन प्रक्रिया विफल हो जाती है, तो दरवाजे खुले रहते हैं और उन्हें बंद करने के लिए स्टेशन नियंत्रक द्वारा मैन्युअल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है।


Email:-pawansingh@tajnews.in
WhatsApp +91  7579990777

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *