मूल्य आधारित शिक्षा पर तकनीकी और डिजिटल प्लेटफॉर्म का व्यापक प्रभाव
भोपाल
तकनीक और डिजिटल प्लेटफॉर्म से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन आया है। अब शिक्षण न केवल कक्षाओं तक सीमित है, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से वैश्विक रूप से उपलब्ध हो गया है।
ये कहना है भारतीय विश्वविद्यालय संघ (AIU) के अध्यक्ष और छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति प्रोफेसर विनय कुमार पाठक का। वह “तकनीकी और डिजिटल प्लेटफॉर्म का मूल्य आधारित शिक्षा पर प्रभाव: उच्च शिक्षा में एक बदलाव” विषय पर अपने विचार साझा कर रहे थे, मौका था 17वीं एसोसिएशन ऑफ यूनिवर्सिटीज ऑफ एशिया एंड पैसिफिक (एयूएपी) जनरल कॉन्फ्रेंस का। कॉन्फ्रेंस का आज दूसरा दिन था। प्रो. पाठक ने इस बात पर जोर दिया कि नई तकनीकों को अपनाने के साथ-साथ मूल्य आधारित शिक्षा को संरक्षित करना अत्यंत आवश्यक है। डिजिटल माध्यमों के उपयोग से छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ-साथ नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों का भी संवर्धन किया जा सकता है। यह परिवर्तन न केवल छात्रों को उनके करियर में सक्षम बनाएगा बल्कि उन्हें एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में तैयार करेगा।
उन्होंने डिजिटल शिक्षण उपकरणों और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म की भूमिका पर भी चर्चा की और उच्च शिक्षा में तकनीकी एकीकरण की बढ़ती आवश्यकता पर जोर दिया। साथ ही, वैश्विक स्तर पर उच्च शिक्षा में जाती परिवर्तनों, मूल्यों और उनके सामाजिक प्रभावों पर प्रकाश डाला। भोपाल स्थित जागरण लेकसिटी यूनिवर्सिटी की मेजबानी में होटल लेक फ्रंट ताज में आयोजित कॉन्फ्रेंस में स्वागत भाषण विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और एसोसिएशन के उपाध्यक्ष श्री हरि मोहन गुप्ता ने दिया। अध्यक्ष मुहम्मद साबुर खान ने बताया कि कॉन्फ्रेंस की इस वर्ष की थीम “उच्च शिक्षा में बदलाव का नया दृष्टिकोण: जीवन के मूल्य” है, जो उच्च शिक्षा में मूल्यों और नवाचारों के महत्व पर केंद्रित है। इस कॉन्फ्रेंस में एशिया और पैसिफिक क्षेत्र के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षाविद, शोधकर्ता, और नीति-निर्माता हिस्सा ले रहे हैं।
- लेखक श्री अनिल दीक्षित वरिष्ठ पत्रकार है और दैनिक जागरण सहित कई सम्मानित पत्र पत्रिका के लिए लिखते रहे है। जानकर बताते ही की श्री दीक्षित उच्च शिक्षा एवं कानून शिक्षण में महारत रखते है।