UP By Election 2024: आरोप-प्रत्यारोप के बीच उपचुनाव में 49.30 प्रतिशत मतदान, 2022 के मुकाबले कम पड़े वोट
उत्तर प्रदेश की नौ विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में 49.30 प्रतिशत मतदान हुआ। सबसे अधिक मतदान कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में 57.72 प्रतिशत और सबसे कम मतदान गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में 33.30 प्रतिशत हुआ। मतदान के दौरान शिकायत मिलने पर चुनाव आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। सभी नौ सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
पिछले बार से सभी नौ सीटों पर कम हुआ मतदान, चार सीटों में 50 प्रतिशत से भी कम
कुंदरकी में सबसे अधिक 57.72 व गाजियाबाद में सबसे कम 33.30 प्रतिशत पड़े वोट
लखनऊ। सत्तापक्ष व विपक्ष के आरोप-प्रत्यारोप के बीच विधानसभा की नौ सीटों के उपचुनाव में 49.30 प्रतिशत मतदान हुआ। वर्ष 2022 के आम चुनावों से इस बार सभी नौ सीटों पर मतदान कम हुआ।
चार सीटें ऐसी हैं जहां 50 प्रतिशत से भी कम वोट पड़े हैं। कुछ स्थानों पर झड़प व पथराव भी हुआ है। कुंदरकी विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 57.72 प्रतिशत व गाजियाबाद विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 33.30 प्रतिशत मतदान हुआ है। इन सीटों के चुनाव नतीजे 23 नवंबर को आएंगे।
90 प्रत्याशी आजमा रहे किस्मत
विधानसभा की नौ रिक्त सीटों के उपचुनाव में कुल 90 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। सुबह सात बजे से शुरू हुआ मतदान शुरुआत से ही धीमा रहा। दो घंटे में 9.67 प्रतिशत वोट पड़े।
दिन में 11 बजे तक 20.51 प्रतिशत मतदान हुआ था। दोपहर में एक बजे मतदान का आंकड़ा 31.21 प्रतिशत तक पहुंचा। दिन में तीन बजे तक मात्र 41.92 प्रतिशत ही वोट पड़ सके थे।
किस सीट पर कितना हुआ मतदान
विधानसभा क्षेत्र वोट प्रतिशत 2022 में वोट प्रतिशत
मीरापुर 57.12 68.65
कुंदरकी 57.72 71.26
गाजियाबाद 33.30 51.57
खैर 46.36 61.89
करहल 54.10 65.97
सीसामऊ 49.13 56.88
फूलपुर 43.45 60.09
कटेहरी 56.90 62.51
मझवां 50.41 61.60
दिन भर चला आरोप-प्रत्यारोप का दौर
सपा ने आरोप लगाया कि उसके मतदाताओं को वोट डालने से रोका जा रहा है। वहीं, भाजपा ने भी सपा पर गुंडई करने का आरोप लगाया। इस चुनाव में भाजपा आठ व उसकी सहयोगी रालोद एक सीट पर किस्मत आजमा रही है। सपा इस चुनाव में कांग्रेस के समर्थन से सभी नौ सीटों पर लड़ रही है। वहीं, बसपा भी सभी सीटों पर मैदान में थी।
चुनाव आयोग ने शांतिपूर्ण व निष्पक्ष चुनाव के लिए नौ सामान्य प्रेक्षक, पांच पुलिस प्रेक्षक तथा नौ व्यय प्रेक्षक तैनात किए थे। इसके अलावा 350 सेक्टर मजिस्ट्रेट, 56 जोनल मजिस्ट्रेट, 60 स्टेटिक मजिस्ट्रेट व 745 माइक्रो आब्जर्वर लगाए गए थे।
इसके अलावा, बड़ी संख्या में अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी। कुल 3718 पोलिंग बूथों में से आधे की वेबकास्टिंग कराई गई। इसकी निगरानी जिला निर्वाचन अधिकारी, मुख्य निर्वाचन अधिकारी व भारत निर्वाचन आयोग तीनों स्तर पर की गई।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि मतदान शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। मतदान के दौरान जहां से भी ईवीएम व वीवीपैट की शिकायत मिली उसे तत्काल बदल दिया गया। राजनीतिक दलों व उम्मीदवारों से जितनी भी शिकायतें मिली उनकी जांच कराकर निस्तारित कर दिया गया।
चुनाव आयोग ने पांच पुलिसकर्मियों को किया निलंबित
भारत निर्वाचन आयोग ने शिकायत के आधार पर पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि इनमें दो कानपुर, दो मुजफ्फरनगर व एक मुरादाबाद के पुलिसकर्मी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि सभी पुलिसकर्मियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि वे मतदाताओं की आईडी की जांच नहीं करेंगे, इसके बावजूद कुछ पुलिसकर्मियों ने यह काम किया। पहचान पत्र जांचने का अधिकार पोलिंग बूथ के अंदर मतदान कर्मियों को ही है।
दरअसल, सपा अध्यक्ष ने बुधवार को मतदान के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाजपा व आयोग पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कई अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के नाम भी बताए थे। इसी के बाद आयोग ने कार्रवाई की है।