दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक से गांजे की तस्करी के लिए तस्कर नए-नए तरीके अपना रहे हैं। नारियल, कंबल, और क्रिकेट बैट जैसे सामानों के अंदर गांजे को छिपाकर लाया जा रहा है। आगरा कैंट रेलवे स्टेशन पर जीआरपी और आरपीएफ की टीमें नियमित चेकिंग के दौरान गांजे की खेप जब्त कर चुकी हैं।
पिछले मामले:
- नारियल में गांजा:
- दो साल पहले केरल से आए एक पार्सल में नारियल के अंदर गांजा बरामद किया गया।
- मामले में डिलीवरी करने और प्राप्त करने वालों का अभी तक पता नहीं चला।
- कंबल और क्रिकेट बैट:
- दीपावली से पहले कंबल में छिपाकर लाया गया गांजा पकड़ा गया।
- प्लास्टिक क्रिकेट बैट के अंदर छिपाकर भी गांजा लाया जा चुका है।
ताजा मामला:
रविवार को जीआरपी ने चेकिंग के दौरान मथुरा निवासी कुलदीप सोनी को गिरफ्तार किया। उसके बैग से 3 किलो से अधिक गांजा बरामद हुआ।
- गांजे की कीमत: लगभग ₹60,000।
- तस्करी का तरीका: कुलदीप लंबे समय से करियर के रूप में काम कर रहा था। वह दक्षिण से गांजा लाकर मथुरा में एजेंट को सौंपता था।
जीआरपी की चुनौती:
- सरगना तक नहीं पहुंच:
अधिकांश गिरफ्तारियां करियर स्तर पर ही होती हैं। मुख्य तस्करों या सरगनाओं तक पुलिस की पहुंच नहीं बन पाती। - तस्करी का नेटवर्क:
गांजे की अधिकांश खेप दिल्ली पहुंचाई जाती है। यह स्पष्ट है कि तस्करों का नेटवर्क बड़े स्तर पर सक्रिय है।
पुलिस का बयान:
जीआरपी अधिकारियों का कहना है कि तस्करी में शामिल लोग अधिकतर आर्थिक रूप से कमजोर होते हैं और ₹5,000-₹10,000 की लालच में यह काम करते हैं। हालांकि, पुलिस मुख्य सरगनाओं तक पहुंचने के प्रयास कर रही है।
यह तस्करी का सिलसिला न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि समाज में नशे की बढ़ती समस्या की ओर भी इशारा करता है।