झांसी में भीषण हादसा: मेडिकल कॉलेज में आग लगने से 10 नवजातों की मौत, 30 से अधिक बच्चों को बचाया गया
झांसी, उत्तर प्रदेश:
शुक्रवार देर रात झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एनआईसीयू) में भीषण आग लगने से 10 नवजात शिशुओं की दर्दनाक मौत हो गई। इस वार्ड में कुल 54 बच्चे भर्ती थे। अब तक 31 बच्चों को रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया है। दमकल और सेना की मदद से बचाव कार्य जारी है।
कैसे हुई घटना?
मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सचिन माहौर के मुताबिक, आग ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी। चूंकि एनआईसीयू वार्ड में ऑक्सीजन की मात्रा अधिक थी, इसलिए आग ने तेजी से भयानक रूप ले लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रात लगभग 10:45 बजे वार्ड से धुआं निकलता देखा गया। कुछ ही देर में आग ने पूरे वार्ड को अपनी चपेट में ले लिया।
दमकल और सेना की मदद से रेस्क्यू
आग की सूचना मिलते ही दमकल विभाग और सेना की टीमें मौके पर पहुंचीं। अस्पताल की बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई। लगभग 31 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाला गया, लेकिन घने धुएं और आग की लपटों के कारण कई बच्चों को बचाने में देरी हुई।
सीएम योगी ने लिया संज्ञान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस दर्दनाक हादसे पर शोक व्यक्त किया है और मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने 12 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा है। उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव को झांसी भेजा गया है।
बचाव कार्य अभी भी जारी
मौके पर मौजूद मंडलायुक्त बिमल कुमार दुबे ने कहा कि बचाव कार्य प्राथमिकता पर किया जा रहा है। 10 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 30 से अधिक बच्चों को सुरक्षित निकाला गया है। घायल बच्चों का इलाज जारी है।
घटना की जांच के लिए कमेटी गठित
घटना के कारणों का पता लगाने और दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष जांच कमेटी बनाई गई है।
झांसी की यह घटना प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की सुरक्षा व्यवस्था पर बड़े सवाल खड़े करती है। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और पूरे शहर में शोक की लहर है।
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