लापरवाही : नसबंदी के बाद भी बढ़ रही है कुत्तों की आबादी
आगरा नगर निगम ने निजी कंपनी को सौंप रखी है जिम्मेदारी, अभियान की धीमी गति से नहीं दिख रहा है असर
12 जून 2024 आगरा।
ताजमहल के पूर्वी गेट के पास सोमवार को कुत्ते के काटने की घटना से नगर निगम के अभियान पर सवाल उठ रहे हैं। नसबंदी के बाद भी कुत्तों की आबादी कम होती नहीं नजर आ रही है।
अधिकारियों का दावा है कि 45,000 कुत्तों की नसबंदी कर दी गई है। 25,000 को एंटी रैबिज इंजेक्शन लगा दिए गए हैं। ताजमहल के आसपास ही अभियान के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हो रही है।
आगरा में सितंबर 2022 में कुत्तों की नसबंदी का अभियान शुरू हुआ था।तब तीन सेंटर बनाए गए थे, मगर बजट के अभाव में अब एक ही सेंटर हरीपर्वत क्षेत्र में कार्य कर रहा है। इसकी संचालन की जिम्मेदारी एनजीओ को है।
निगम के आंकड़ों के मुताबिक आगरा नगर निगम सीमा में कुत्तों की आबादी 90,000 के आसपास है। इनमें से आधीआबादी की नसबंदी कर दी गई है, बाकी की होना बाकी है। शहर में कुत्ते काटने की घटनाएं सामने आ रही है। यही वजह है कि रोजाना जिला अस्पताल में कुत्ते के काटने पर 300 से अधिक लोग एआरवी के लिए पहुँच रहे हैं।
ताजमहल के आसपास नहीं होते है प्रयास
ताजगंज क्षेत्र के रहने वाले संजीव अरोड़ा ने बताया कि निगम की टीम का जोर गली मोहल्ले में रहने वाले कुत्तों पर रहता है।टीम पागल हो चुकें और बीमार कुत्तों को लेकर नहीं जाती है। वहीं ताजमहल के येलो ज़ोन के आस पास बैरियर लगे हैं। इस कारण निगम की टीम आगे नहीं जा पाती हैं। इस वजह से ताजमहल के बाहर घूमने वाले कुत्ते पकड़े नहीं जाते हैं। यह पर्यटकों के लिए परेशानी का सबब बन रहे हैं।
सीमा से बाहर नहीं ले जा सकते
नगर निगम के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अजय कुमार सिंह ने बताया कि पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के एबीसी रूल 2023 के मुताबिक कुत्तों को उनके निवास क्षेत्र से हटाया नहीं जा सकता है। इस सीमा से बाहर ले जाने पर आक्रामक हो सकते हैं। ताजमहल के आसपास टीम रहती है जो कुत्तों को पकड़ रही है। कई बार स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कुत्तों को नहीं पकड़ पाते हैं, फिर भी नसबंदी का अभियान लगातार चल रहा है।