कमीशनखोर एम्बुलेंस : इमरजेंसी में नहीं बचेगा बच्चा! ले गया एंबुलेंस वाला
कमीशनखोर एम्बुलेंस : इमरजेंसी में नहीं बचेगा बच्चा! ले गया एंबुलेंस वाला
शिशु को निजी अस्पताल में भर्ती कराया, दो दिन में बिल बना 50 हजार, हंगामा करने पर बची रकम
एसएन की इमरजेंसी के बाहर निजी एंबुलेंस का जमावड़ा लगा रहता है
22 नवम्बर 2023, आगरा।
मेरी बात मानो, इमरजेंसी में अच्छा इलाज नहीं होता है। यहां बच्चा बचेगा नहीं। मेरे परिचय का एक अस्पताल है जहां 12 हजार में इलाज हो जाएगा। यह वादा एक एंबुलेंस चालक ने एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी के गेट पर पहुंचे परिवार से किया। इसके बाद उनके शिशु को निजी अस्पताल में भर्ती करवा दिया। दो दिन में 50 हजार रुपये खर्च होने पर दंपती ने हंगामा कर पुलिस बुलाई, तब मामला खुला।
फिरोजाबाद के नारखी थाना के गांव कपावली निवासी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि चार महीने के शिशु शिवांश की पसली चल रही थी। इसे लेकर इमरजेंसी में भर्ती कराने पहुंचे। गेट पर ही राकेश नाम का एंबुलेंस चालक मिला, उसने कहा कि बच्चे की हालत खराब है, यहां इलाज कराओगे तो बचेगा नहीं। अच्छा इलाज नहीं होता, कई बच्चे मर चुके हैं। मेरे परिचय का अस्पताल है, वहां 12 हजार रुपये में बच्चा ठीक हो जाएगा।
उसकी बातें सुनकर वह और पत्नी सरिता डर गए। राकेश अपनी एंबुलेंस लेकर आया और भगवान टॉकीज स्थित श्री हरि हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया। यहां दो दिन में 50 हजार रुपये बिल बना दिया गया। खर्चा अधिक होने पर डिस्चार्ज के लिए कहा तो नहीं किया। तब पता चला कि एंबुलेंस चालक ने अपनी दलाली के चक्कर में ऐसा किया। इस पर पुलिस बुला ली। पुलिस के कहने पर बुधवार को डिस्चार्ज किया गया।
उधर, अस्पताल मैनेजर मोहित अग्रवाल का कहना है कि शिशु गंभीर हाल में आया था, उसे ऑक्सीजन भी दी गई। तीन दिन में 50 हजार का बिल बना था, जिसमें से छूट देते हुए 27 हजार रुपये जमा कराए हैं। पुलिस आई थी, उसको सारी स्थिति बता दी। एंबुलेंस चालक से अस्पताल स्टाफ का कोई लेनदेन नहीं है।
कमीशनखोरी पर भेजे जाते हैं अस्पताल
आगरा जिला केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष आशु शर्मा का कहना है कि एंबुलेंस चालक मरीज और उनके परिजन को भ्रमित कर निजी अस्पताल में भर्ती कराते हैं, इसके लिए उनको कमीशन मिलता है। इसकी पूर्व में भी सीएमओ और आरटीओ से शिकायत कर जांच कराने के लिए कहा गया था।
इमरजेंसी के बाहर लगता एंबुलेंस का जमावड़ा
एसएन की इमरजेंसी के बाहर निजी एंबुलेंस का जमावड़ा लगा है। इन पर कोई कार्रवाई भी नहीं की जाती है। दलाली में यहां के स्टाफ पर भी आरोप लगे हैं। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने बताया कि निजी एंबुलेंस को यहां से हटाने के लिए थाना एमएम गेट को लिखा जा चुका है। स्टाफ शामिल होने के साक्ष्य मिलने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
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