लॉरेंस बिश्नोई : स्‍टूडेंट लीडर से गैंगस्टर बनने की कहानी

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लॉरेंस बिश्नोई : स्‍टूडेंट लीडर से गैंगस्टर बनने की कहानी

 


जेल के भीतर रहते हुए भी लॉरेंस बिश्नोई ने क्राइम वर्ल्‍ड में अपनी धमक बरकरार रखी है। पंजाब के एक किसान का बेटा कैसे अपराध की दुनिया का ‘एनिमल’ बन गया

 

6 दिसम्बर 2023, आगरा। 

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक इशारे पर राजस्थान के जयपुर में हाई-प्रोफाइल मर्डर हो गया। ‘श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना’ के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की गोली मारकर हत्या कर दी गई।

मंगलवार दिनदहाड़े तीन बदमाशों ने गोगामेड़ी के घर में घुसकर उन पर गोलियां चलाईं। बिश्नोई के गुर्गे रोहित गोदारा ने फेसबुक पोस्ट में हत्या की जिम्मेदारी ली है। लॉरेंस बिश्नोई का नाम मर्डर और एक्सटॉर्शन के मामलों में बार-बार सुर्खियों में आता रहा है, जबकि वह 2014 से ही जेल के भीतर है। सलाखों के पीछे से ही वह देश-विदेश में फैला क्राइम नेटवर्क चलाता है।

प्रवर्तन निदेशालय (ED), नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) समेत तमाम राज्यों की पुलिस ने लॉरेंस के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर रखे हैं। पिछले साल पंजाब सिंगर सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में भी लॉरेंस की भूमिका सामने आई थी।

32 साल का लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के फाजिल्का का रहने वाला है। एक संपन्न किसान परिवार में जन्मा लॉरेंस बिश्नोई 2010 में पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया था। कॉलेज में उसकी जिंदगी ऐसी पलटी कि अब वह रियल लाइफ में क्राइम वर्ल्‍ड में प्रवेश कर गया। 

 

लॉरेंस बिश्नोई
32 साल का लॉरेंस बिश्नोई पंजाब के धत्तरांवाली गांव का रहने वाला है। उसने 12वीं कक्षा तक अबोहर में पढ़ाई की। इसके बाद कॉलेज के लिए 2010 में चंडीगढ़ चला गया। वह सेक्टर 10 के डीएवी कॉलेज में पढ़ता था। 2011-2 के बीच वह पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र संगठन (SOPU) का अध्यक्ष था।

लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ पहली एफआईआर हत्या के प्रयास की थी। उसके बाद एक और एफआईआर हुई, अप्रैल 2010 में अतिक्रमण की। फरवरी 2011 में बिश्नोई के खिलाफ मारपीट और सेल फोन लूटने का मामला दर्ज किया गया था। तीनों मामले छात्र राजनीति से जुड़े हैं।

स्‍टूडेंट पॉलिटिक्स के रास्ते उसने अपराध की दुनिया में दाखिला लिया। चंडीगढ़ पुलिस के मुताबिक, लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ शहर में सात एफआईआर दर्ज की गई थीं। चार एफआईआर में उन्हें बरी कर दिया गया और तीन में अदालत में मुकदमा लंबित है।

बिश्नोई से दो बार पूछताछ करने वाले एक पुलिसकर्मी ने द इंडियन एक्‍सप्रेस को 2022 में बताया था, ‘उसे अपने सीनियर्स की संगति में रहना पसंद था। वह हमेशा कुछ बड़ा करने और धूम मचाने को तैयार रहता था।’

2015 में लॉरेंस बिश्नोई मोहाली के पास पुलिस हिरासत से भागने में कामयाब रहा लेकिन उसे जल्द ही गिरफ्तार कर लिया गया।​

लॉरेंस बिश्नोई ने बीए फर्स्ट ईयर भी पास नहीं किया। 2010 में उसे परीक्षा के दौरान चिट से नकल करते हुए पकड़ा गया था। जैसे ही उसे एग्जाम सुप्रिटेंडेंट को सौंपा जाने वाला था, वह अपनी आंसर शीट के साथ पहली मंजिल की खिड़की से बाहर कूद गया। क्राइम वर्ल्ड में दाखिला लेने के बाद उसने फिर एग्जाम देने की सोची। इस बार उसे हथकड़ी लगाकर एग्जाम सेंटर में लाया गया। लॉरेंस ने दो बार बीए पार्ट-1 पास करने की कोशिश की मगर नाकाम रहा।

लॉरेंस बिश्नोई ने कॉलेज के दिनों में खिलाड़ियों और पुलिसवालों के बच्चों को साथ लेकर गैंग बनाया था। एक दौर में वह छात्र संगठन, स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ पंजाब यूनिवर्सिटी (SOPU) का पोस्टर बॉय था।

जरायम की दुनिया में उसकी एंट्री कराई फाजिल्का के गैंगस्टर से नेता बने जसविंदर सिंह उर्फ रॉकी ने। लॉरेंस अपने साथियों के साथ छात्र राजनीति की आड़ में राजस्थान खासकर श्रीगंगानगर, भरतपुर में रहना पसंद करता था।

रॉकी की मई 2016 में हिमाचल प्रदेश के परवाणू के पास हत्या कर दी गई थी। कुख्यात गैंगस्टर जयपाल भुल्लर ने हत्या की जिम्मेदारी ली थी। बाद में भुल्लर को जून, 2020 में कलकत्ता में गोली मार दी गई।

नैशनल लेवल पर लॉरेंस बिश्नोई का नाम उछला 2018 में, जब उसके करीबी सहयोगी संपत नेहरा को पकड़ा गया। जून 2018 में बेंगलुरु से गिरफ्तार नेहरा ने खुलासा किया था कि लॉरेंस ने उसे काले हिरण शिकार मामले में बॉलिवुड स्टार सलमान खान को ठिकाने लगाने का काम सौंपा था। लॉरेंस बिश्नोई समुदाय से हैं। बिश्नोई पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के कई हिस्सों में बसे हैं। बिश्नोई समुदाय काले हिरण को पवित्र मानता है।

लॉरेंस बिश्नोई पर हत्या, हत्या के प्रयास, जबरन वसूली आदि के दो दर्जन से ज्यादा मामले चल रहे हैं। लॉरेंस बिश्नोई के क्राइम सिंडिकेट पर मई 2022 में पंजाबी कलाकार सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश रचने का आरोप है। गैंगस्टर गोल्डी बरार ने शूटिंग की जिम्मेदारी ली है, मगर बिश्नोई की सक्रिय भागीदारी का शक बना हुआ है।​

क्यों है इतना ताकतवर
सलाखों के पीछे होने के बावजूद, लॉरेंस बिश्नोई का पंजाब में तगड़ा प्रभाव है। विभिन्न एजेंसियों ने उस पर एक बड़ा क्रिमिनल नेटवर्क चलाने का आरोप लगाया है। उसके राजनेताओं और रईसों के साथ करीबी रिश्ते हैं। लॉरेंस बिश्नोई का क्राइम नेटवर्क आपराधिक संगठन में पूरे भारत में फैला है। उसमें लगभग 700 सदस्य हैं। वह कनाडा और अन्य जगहों पर बैठे पंजाब के अन्‍य गैंगस्‍टर्स के टच में रहता है। एक तरह से लॉरेंस ने देसी गैंगस्‍टर्स के साथ मिलकर ग्लोबल क्रिमिनल नेटवर्क खड़ा कर रखा है।

बिश्नोई ने खालिस्तान आंदोलन और विभिन्न प्रकार की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों का पुरजोर विरोध किया है। वह शहीद भगत सिंह, गुरु जम्भेश्वर और भगवान हनुमान को मानता है।​

 

 

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