Supreme Court: राहुल ने माफी मांगने से फिर किया इनकार, बोले- दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं; कोर्ट में दाखिल किया जवाब

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Supreme Court: राहुल ने माफी मांगने से फिर किया इनकार, बोले- दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं; कोर्ट में दाखिल किया जवाब

 

 


Defamation Case: हलफनामे में कहा गया है कि आपराधिक प्रक्रिया और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत परिणामों का उपयोग करके राहुल गांधी को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करना, न्यायिक प्रक्रिया का घोर दुरुपयोग है।

 

 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मोदी उपनाम वाली टिप्पणी के लिए माफी मांगने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। इसी मामले में मानहानि से जुड़े केस के चलते उन्हें संसद की सदस्यता गंवानी पड़ी थी। राहुल सुप्रीम कोर्ट से आपराधिक मानहानि मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की है। शीर्ष कोर्ट में दायर एक हलफनामे में राहुल ने कहा कि पूर्णेश मोदी ने अपने जवाब में उनके लिए अहंकारी जैसे निंदनीय शब्दों का इस्तेमाल सिर्फ इसलिए किया, क्योंकि उन्होंने माफी मांगने से इनकार कर दिया।

 



कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया कि उन्होंने हमेशा कहा है कि वह अपराध के दोषी नहीं हैं और दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है। पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि अगर उन्हें माफी मांगनी होती और समझौता करना होता, तो उन्होंने बहुत पहले ऐसा कर लिया होता।

 

 

दरअसल, भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ उनकी इस टिप्पणी को लेकर आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया था कि सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों है? यह बयान राहुल ने 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान की थी।

 


राहुल के जवाब में क्या?
राहुल ने अपने हलफनामे में कहा कि याचिकाकर्ता को बिना किसी गलती के माफी मांगने के लिए मजबूर करने के लिए आपराधिक प्रक्रिया का उपयोग करना न्यायिक प्रक्रिया का दुरुपयोग है। इस न्यायालय द्वारा इसे स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
हलफनामे में कहा गया कि याचिकाकर्ता ने हमेशा कहा है कि वह अपराध का दोषी नहीं है। दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं है। अगर उसे माफी मांगनी होती और समझौता करना होता तो वह बहुत पहले ही ऐसा कर चुके होते।

 


राहुल गांधी ने कहा कि उनका मामला असाधारण है, क्योंकि अपराध मामूली है और एक सांसद के तौर पर अयोग्य ठहराए जाने से उन्हें अपूरणीय क्षति हुई है। इसलिए प्रार्थना की जाती है कि राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई जाए, जिससे वह लोकसभा की चल रही बैठकों और उसके बाद के सत्रों में हिस्सा ले सकें।

 


उन्होंने दावा किया कि रिकॉर्ड में ‘मोदी’ नाम का कोई समुदाय या समाज नहीं है। केवल मोदी वणिका समाज या मोध घांची समाज ही अस्तित्व में है। इसलिए समग्र रूप से मोदी समुदाय को बदनाम करने का अपराध नहीं बनता है।

 


इससे पहले भाजपा नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराये जाने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील खारिज करने की मांग की थी।

 

सोमवार को पूर्णेश मोदी ने कहा कि राहुल ने मोदी उपनाम वाले सभी लोगों विशेष रूप से गुजरात की ‘मोध वणिक’ जाति से संबंधित लोगों की मानहानि की है।

 


कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राहुल गांधी ने इस पूरे प्रकरण में माफी मांगने के बजाय अहंकार दिखाया है। बता दे कि आपराधिक मानहानि के मामले में दी गई सजा पर रोक के खिलाफ राहुल की याचिका पर पुर्णेश मोदी ने सोमवार को जवाबी हलफनामा दाखिल किया।

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