आगरा के अछनेरा क्षेत्र में बिना अनुमति के कॉलोनी विकसित करने और दो दर्जन से अधिक हरे-भरे पेड़ों को काटने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। भाजपा नेता गंगाधर कुशवाहा के नाम से जुड़ी इस कॉलोनी में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई ने वन विभाग और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्लॉट बेचने के लिए लगे बोर्ड मे भगवान सिंह कुशवाह और गंगा सिंह कुशवाह के नाम के साथ भाजपा के चिन्ह कमाल भी लगा हुआ है। कुशवाह पिता पुत्र का यह कानून व्यवस्था को खुला चैलेंज है, अब देखना है की स्थानीय प्रशासन क्या कार्यवाही करता है ?
क्या है मामला?
अछनेरा-किरावली मार्ग पर कथित रूप से बिना एनओसी के विकसित की जा रही कॉलोनी में दो दिनों तक पेड़ों को काटने का खेल चला। आरोप है कि वन विभाग को इसकी भनक तक नहीं लगी। जब मामला सार्वजनिक हुआ, तो विभागीय टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। गायब हुई लकड़ियों को खोजने के लिए सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया।
भाजपा नेता पर गंभीर आरोप
इस कॉलोनी का संबंध भाजपा नेता गंगाधर कुशवाहा से बताया जा रहा है, जिनका नाम जमीनों के कई विवादित मामलों में पहले भी सामने आ चुका है। गंगाधर कुशवाहा बसपा से भाजपा में आए हैं और उनकी सत्ताधारी पार्टी में अच्छी पकड़ मानी जाती है।
अवैध कॉलोनियों का नेटवर्क
फतेहपुर सीकरी से लेकर अछनेरा और आसपास के इलाकों में कृषि भूमि पर अवैध कॉलोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं। इन कॉलोनियों में मानचित्र स्वीकृत नहीं होता और बुनियादी सुविधाओं का अभाव रहता है। निवेशकों को सुनहरे सपने दिखाकर फंसाया जाता है, लेकिन बाद में उन्हें पछताना पड़ता है।
वन विभाग की लापरवाही
पेड़ों की कटाई के मामले में वन विभाग की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। विभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों की मौजूदगी के बावजूद पेड़ों को काटा गया। विभाग ने अब पेड़ों की बची लकड़ियों की तलाश और दोषियों की पहचान के लिए सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है।
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डालमिया फार्म हाउस की यादें ताजा
यह मामला मथुरा के छटीकरा में हुए डालमिया फार्म हाउस प्रकरण की पुनरावृत्ति जैसा लगता है, जहां 300 से अधिक पेड़ों को काटा गया था। उस समय एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, लेकिन इस बार भी प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं।
डीएफओ का बयान
आदर्श कुमार, डीएफओ आगरा, ने कहा:
“घटना की गहन जांच होगी। दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी। जहां पेड़ काटे गए हैं, वहां शेष पेड़ों पर नंबरिंग कराई गई है। विभागीय कर्मियों की भूमिका की भी जांच होगी।”
क्या होगी कार्रवाई?
- मुकदमा दर्ज: थाने में पहले ही अभियोग दर्ज हो चुका है।
- सर्च ऑपरेशन: गायब लकड़ियों की तलाश जारी है।
- दोषियों की पहचान: दोषी पाए गए व्यक्तियों पर कड़ी कार्रवाई होगी।
- विभागीय जांच: स्थानीय वन विभाग के कर्मियों की भूमिका की भी पड़ताल होगी।
निष्कर्ष
यह घटना एक बार फिर से सरकारी विभागों की लापरवाही और सत्ता के प्रभाव में हो रही अवैध गतिविधियों की ओर इशारा करती है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में कितनी सख्ती से कार्रवाई करता है और अवैध कॉलोनियों के खिलाफ क्या कदम उठाए जाते हैं।
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