महाराष्ट्र की राजनीति में एकनाथ शिंदे का नाम फिर चर्चा में है। शिवसेना विधायकों की मांग है कि उन्हें ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर दोबारा बिठाया जाए। रविवार को शिवसेना विधायक दल ने उन्हें नेता चुना, और इसके बाद विधायकों ने उनके पक्ष में पांच प्रमुख तर्क रखे। इन तर्कों से जाहिर होता है कि शिवसेना शिंदे के नेतृत्व में ही राज्य के भविष्य को सुरक्षित मानती है।
शिंदे की मुख्यमंत्री के तौर पर खासियतें
- गठबंधन के सम्मान की मिसाल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव शिंदे, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के नेतृत्व में लड़ा गया। शिंदे ने सीएम रहते हुए सभी सहयोगी दलों के नेताओं को महत्व दिया। यह गठबंधन की परंपरा को मजबूत करता है और सामूहिक नेतृत्व को बढ़ावा देता है। - लोकप्रियता में सबसे आगे
शिंदे को उनकी जन-नेता की छवि के कारण विधायकों का समर्थन मिल रहा है। हालिया सर्वेक्षणों में शिंदे को सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री उम्मीदवार बताया गया है। इससे जाहिर होता है कि जनता के बीच उनकी स्वीकार्यता मजबूत है। - चतुर और विद्वान नेता की जरूरत
महाराष्ट्र को जातीय तनाव और सामाजिक मुद्दों से पार पाने के लिए एक दूरदर्शी नेता की जरूरत है। शिवसेना का मानना है कि शिंदे में नेतृत्व की वह सारी योग्यताएं हैं, जो महाराष्ट्र को दिशा दे सकती हैं। - मराठा नेता की छवि
राज्य में जातीय विभाजन एक गंभीर समस्या है। शिंदे मराठा समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं और उनकी यह छवि समाज में संतुलन बनाए रखने में मददगार साबित हो सकती है। - स्थानीय निकाय चुनावों की तैयारी
अगले कुछ वर्षों में महाराष्ट्र में कई स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं। शिवसेना का तर्क है कि यदि नेतृत्व में बदलाव किया गया, तो नए मुख्यमंत्री के पास उपलब्धियों का अभाव रहेगा, जिससे पार्टी को नुकसान हो सकता है।
भाजपा का अलग नजरिया
भाजपा नेता प्रताप दरेकर ने शिवसेना के इस रुख को खारिज किया। उनका कहना है कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा को जनादेश मिला है और वे राज्य के सबसे योग्य नेता हैं। उन्होंने कहा कि फडणवीस की गहरी समझ और राज्य के प्रति उनकी नीतियां उन्हें मुख्यमंत्री पद के लिए उपयुक्त बनाती हैं।
दरेकर ने यह भी जोड़ा कि महाराष्ट्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए, फडणवीस का नेतृत्व पार्टी और राज्य दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
फडणवीस बनाम शिंदे: कौन बेहतर?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच खींचतान भविष्य में और बढ़ सकती है। शिवसेना जहां शिंदे के नेतृत्व को जारी रखना चाहती है, वहीं भाजपा का झुकाव फडणवीस की ओर है।
राज्य की जनता की उम्मीदें
महाराष्ट्र की जनता की नजर इस राजनीतिक खींचतान पर टिकी है। यह देखना अहम होगा कि आने वाले दिनों में गठबंधन की राजनीति किस ओर जाती है और कौन मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालता है।
इस मामले पर गठबंधन के भीतर चल रही चर्चाओं और सत्ता-साझेदारी के समीकरणों पर सबकी निगाहें बनी हुई हैं।
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