मुरैना जिले के वीआईपी रोड इलाके में सोमवार रात एक भीषण धमाका हुआ, जिसके कारण एक मकान गिर गया और आसपास के कई अन्य घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। इस घटना में एक महिला मलबे में दब गई, जबकि उसके पति सहित तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस के मुताबिक, यह विस्फोट राकेश राठौर के घर में हुआ, जहां देसी पटाखों के खोखे मिले हैं, जिससे यह माना जा रहा है कि विस्फोट पटाखों में हुआ।
रात के करीब 12 बजे की घटना के बाद इलाके में अफरातफरी मच गई। धमाका इतना तेज था कि आसपास के मकान भी उसकी चपेट में आ गए और उनकी संरचनाओं को नुकसान पहुंचा। धमाके की आवाज सुनकर आसपास के लोग अपने घरों से बाहर दौड़े और राहत और बचाव कार्य में जुट गए। घायल राकेश राठौर को गंभीर हालत में मलबे से निकाला गया, वहीं अन्य दो लोग भी घायल हुए हैं। सबसे गंभीर स्थिति राकेश की पत्नी की है, जिन्हें मलबे में फंसा हुआ पाया गया, और अभी तक उन्हें पूरी तरह से बाहर नहीं निकाला जा सका है।
धमाके के कारण और घटनास्थल की स्थिति
घटना के बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घर के आसपास देसी पटाखों के खोखे पाए गए हैं। इन पटाखों के विस्फोट से यह माना जा रहा है कि घर में धमाका हुआ था। पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और मलबे में दबे लोगों को निकालने का काम शुरू किया। आसपास के लोगों ने बताया कि धमाके के समय पूरा इलाका धूल और धुंए से भर गया था, जिससे लोग घबराकर इधर-उधर दौड़ने लगे थे।
आकाश राठौर, जो घटना के समय पास में ही मौजूद थे, ने बताया कि धमाके की आवाज सुनते ही वह बाहर भागे और मलबे में दबे राकेश राठौर को बाहर निकाला। वह घायल अवस्था में थे, जबकि अन्य दो लोग भी घायल हो गए थे। लेकिन राकेश की पत्नी को मलबे से बाहर निकालने में अभी भी मुश्किलें आ रही हैं।
पिछले कुछ दिनों में पटाखों से हुए विस्फोट
इस घटना के कुछ दिन पहले भी मुरैना के सुमावली क्षेत्र में पटाखों के धमाके के कारण एक मकान क्षतिग्रस्त हो चुका था। इसके अलावा, शहर के दत्तपुरा क्षेत्र में भी हाल ही में पटाखों से हुआ एक विस्फोट हुआ था, जिसमें एक मां और बेटी की मौत हो गई थी। इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि देसी पटाखों का इस्तेमाल खतरनाक साबित हो रहा है, और विस्फोटों के कारण कई जान-माल की हानि हो रही है।
राहत और बचाव कार्य
मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम ने जल्द ही राहत और बचाव कार्य शुरू किया। आसपास के लोगों की मदद से मलबे में दबे घायलों को निकालने की कोशिश की जा रही है। घायल लोगों को तुरंत नजदीकी अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।
अभी तक राकेश राठौर की पत्नी को मलबे से पूरी तरह से बाहर नहीं निकाला जा सका है। पुलिस और बचाव दल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि महिला को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके। इसके अलावा, घटना स्थल पर अधिकारियों का एक दल भी मौजूद है, जो जांच कर रहा है कि विस्फोट के कारण और इसके पीछे की परिस्थितियों को स्पष्ट कर सके।
पटाखों के खतरों को लेकर उठते सवाल
इस घटना ने एक बार फिर पटाखों के खतरनाक इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। देसी पटाखों में विस्फोट से होने वाली घटनाओं का सिलसिला लगातार बढ़ रहा है, जिससे यह स्पष्ट हो रहा है कि इनके उपयोग में बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। कई बार ऐसे पटाखों में भारी मात्रा में बारूद और अन्य खतरनाक पदार्थ भरे होते हैं, जो आसानी से विस्फोट कर सकते हैं और भारी जान-माल का नुकसान कर सकते हैं।
हाल ही में सरकार और प्रशासन ने इस पर सख्त रुख अपनाने की कोशिश की है, लेकिन देसी पटाखों के अवैध व्यापार और इनका इस्तेमाल रोकना चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। ऐसे में नागरिकों और खासकर युवाओं को इस दिशा में जागरूक करना जरूरी है, ताकि वे इन खतरनाक पटाखों के इस्तेमाल से बचें और अपने और दूसरों के जीवन को सुरक्षित रखें।
समाज में जागरूकता की आवश्यकता
पटाखों के खतरों को लेकर समाज में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में इन पटाखों का अवैध व्यापार और उनका इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। प्रशासन को इस पर कड़ी निगरानी रखने की आवश्यकता है, ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, पटाखों के सही तरीके से और सुरक्षित स्थानों पर इस्तेमाल करने के बारे में लोगों को शिक्षा देने की जरूरत है।
निष्कर्ष
मुरैना में हुई इस घटना ने देसी पटाखों के खतरों को एक बार फिर से उजागर किया है। विस्फोट के कारण हुई महिला की मृत्यु और अन्य घायलों की हालत गंभीर है। प्रशासन को इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है। साथ ही, समाज को भी इस मुद्दे पर जागरूक करने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और लोगों की जान-माल की हानि से बचा जा सके।
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