झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज की एनआईसीयू में लगी आग के बाद एक और नवजात की मौत हो गई है। इसके साथ इस भयावह हादसे में मृत नवजातों की संख्या 11 हो गई। जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि इलाजरत 38 बच्चों में से तीन की हालत गंभीर थी, जिनमें से एक नवजात ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
हादसे से जुड़े प्रमुख बिंदु:
- नवजातों की हालत:
- जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया कि मौत का कारण जलने की चोट नहीं है।
- एनआईसीयू में भर्ती अन्य बच्चों की हालत भी गंभीर है, लेकिन स्थिति स्थिर बताई गई है।
- निरीक्षण और बचाव कार्य:
- जिलाधिकारी ने रविवार को मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण किया और बच्चों के परिजनों से मुलाकात की।
- 10 बच्चों के शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं, जबकि एक नवजात को सत्यापन के बाद संबंधित परिवार को सौंपा गया।
- जांच समिति का गठन:
- उत्तर प्रदेश सरकार ने इस हादसे की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है।
- समिति प्राथमिक कारण, किसी भी प्रकार की लापरवाही और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के उपायों की जांच करेगी।
- रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।
जांच के दिशा-निर्देश:
जांच में लापरवाही के बिंदुओं पर ध्यान दिया जाएगा और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम सुझाए जाएंगे। अस्पताल प्रशासन और सरकार के प्रयासों के बावजूद इस हादसे ने चिकित्सा सेवाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह हादसा न केवल चिकित्सा क्षेत्र में सुधार की आवश्यकता को दर्शाता है, बल्कि नवजात देखभाल केंद्रों में सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा का भी संकेत देता है।