5 नवंबर 2024, दिल्ली।
बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का आज निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। उनका 11 दिनों से एम्स में इलाज चल रहा था। वो पिछले छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं। शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थी जिन्हें बिहार कोकिला के नाम से भी जाना जाता था।
- 11 दिनों से दिल्ली के एम्स में चल रहा था इलाज।
- छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं लोक गायिका।
अपनी मधुर आवाज के लिए ‘बिहार कोकिला’ के नाम से प्रसिद्ध पद्म भूषण से सम्मानित शारदा सिन्हा का आज निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। एम्स ने शारदा सिन्हा के निधन की पुष्टि की है। वह 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं।
वह पिछले छह वर्षों से ब्लड कैंसर से जूझ रही थीं। पिछले दिनों उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती किया गया था।
शारदा सिन्हा को सोमवार रात से दिल्ली के एम्स में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने दोपहर को ही इस बारे में जानकारी दी थी।
पीएम मोदी ने जताया शोक
पीएम मोदी ने सोशल साइट एक्स पर पोस्ट कर कहा, सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति!
बिहार सीएम ने भी जताया शोक
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी लोक गायिका के निधन पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि बिहार कोकिला शारदा सिन्हा ने मैथिली, भोजपुरी, बज्जिका के अलावा हिंदी गीत भी गाए थे। उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी आवाज दी है। उनके निधन से संगीत के क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।
दिल्ली सीएम ने जताया शोक
दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने एक्स पर पोस्ट कर कहा, प्रसिद्ध लोकगायिका शारदा सिन्हा जी के निधन की खबर बहुत दुखद है। उन्होंने अपने संगीत से हमारी सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का काम किया। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें।
मैथिली और भोजपुरी की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थीं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा मैथिली और भोजपुरी की एक प्रसिद्ध लोक गायिका थी, जिन्हें बिहार कोकिला के नाम से भी जाना जाता है। उनके छठ पूजा के गीत बहुत लोकप्रिय हैं, लेकिन उन्होंने हिंदी फिल्मों में भी अपनी आवाज दी है। उनकी पहचान एक ऐसी गायिका की थी जो अपनी मिठास भरी आवाज से लोगों के दिलों पर छाप छोड़ती थी।
संगीत जगत में योगदान के लिए इन्हें 1991 में पद्मश्री और 2018 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था। शारदा सिन्हा को 2018 में मल्टीपल मायलोमा कैंसर का पता चला था। हाल ही में, उन्होंने अपने पति ब्रज किशोर सिन्हा को खो दिया, जो ब्रेन हैमरेज से पीड़ित थे। दोनों ने इस साल अपनी 54वीं शादी की सालगिरह मनाई थी।
मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं शारदा सिन्हा
शारदा सिन्हा वर्ष 2018 से मल्टीपल मायलोमा से पीड़ित थीं। यह एक तरह ब्लड कैंसर है। उनकी तबीयत बिगड़ने पर 26 अक्टूबर को एम्स के कैंसर सेंटर में भर्ती किया गया था। तब उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखना पड़ा था। बाद में उनके स्वास्थ्य में सुधार होने पर उन्हें प्राइवेट वार्ड में स्थानांतरित किया गया था।
सोमवार को ही जारी हुआ था शारदा सिन्हा का नया छठ गीत
छठ गीतों की जब भी बात होती है तो पद्म भूषण से सम्मानित लोक गायिका शारदा सिन्हा का नाम सबसे पहले आता है। शारदा सिन्हा का मंगलवार रात को देहावसान हो गया। चार दिन का महापर्व छठ नहाय खाय के साथ मंगलवार से शुरू हो गया। जब उनका इलाज चल रहा था तो सोमवार को उनके द्वारा गाए नए छठ गीत “दुखवा मिटाईं छठी मैया, रउए आसरा हमार” का जारी किया गया। यह सोमवार को एम्स से ही जारी हुआ था।