ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराघची ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को कहा कि ईरान पर हमला करने के लिए इजरायल को परिणाम भुगतने होंगे.
व्हाइट हाउस ने ईरान को चेतावनी दी कि अगर उसकी ओर से इजरायली हमले का जवाब दिया गया तो अमेरिका यहूदी राष्ट्र के साथ खड़ा होगा. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे ने बुधवार को कहा, ईरान को इजरायल की जवाबी कार्रवाई का जवाब नहीं देना चाहिए. अगर वे ऐसा करते हैं, तो हम इजरायल का समर्थन करेंगे.’पिछले शनिवार (26 अक्टूबर) को इजरायल ने ईरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए थे. इजरायली सेना ने कहा कि शनिवार सुबह का अटैक अक्टूबर को यहूदी राष्ट्र पर तेहरान के हमले का जवाब था.
हम युद्ध नहीं चाहते- ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन
ईरान की सरकारी एजेंसी के मुताबिक आईआरएनए ने बताया कि 26 अक्टूबर के इजरायली हमलों में एक नागरिक की मौत हो गई, जिससे हमले में मरने वालों की संख्या बढ़कर पांच हो गई. इससे पहले समाचार एजेंसी ने कहा था कि हमलों में चार ईरानी सैन्यकर्मी मारे गए. ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने रविवार (27 अक्टूबर) को कहा, “हम युद्ध नहीं चाहते, लेकिन हम अपने लोगों, राष्ट्र के अधिकारों की रक्षा करेंगे और इजरायल के हमले का उचित जवाब देंगे.”
ईरान पर हमले के लिए इजरायल को परिणाम भुगतने होंगे
ईरान के विदेश मंत्री सैय्यद अब्बास अराघची ने मंगलवार (29 अक्टूबर) को कहा कि ईरान पर हमला करने के लिए इजरायल को परिणाम भुगतने होंगे. ईरानी विदेश मंत्री ने यह बातराजदूतों और राजनयिक मिशनों, संयुक्त राष्ट्र कार्यालयों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों के साथ राजधानी तेहरान में एक बैठक में कही.
अराघची ने कहा कि इजरायल और उसके ‘समर्थक’ ईरानी धरती पर हमले के लिए राजनीतिक और कानूनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं और उन्हें इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. ईरानी विदेश मंत्री ने कहा कि देश ने ‘इस तरह के हमले का उचित तरीके से जवाब देने के अपने कानूनी अधिकार को पूरी तरह से सुरक्षित रखा है.’ उन्होंने जोर देकर कहा कि तेहरान ऐसा करने में न तो हिचकिचाएगा और न ही जल्दबाजी करेगा.