एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा में मोटापे पर विशेष सीएमई का आयोजन
आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग द्वारा 22 नवंबर 2024 को मोटापे (ओबेसिटी) पर एक महत्वपूर्ण सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मेडिकल छात्रों, फैकल्टी, और अन्य स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए दोपहर 1:00 बजे से 3:00 बजे तक LT4 हॉल में आयोजित किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मोटापे के बढ़ते प्रकोप और उससे जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।
कार्यक्रम की शुरुआत एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन और उद्घाटन संबोधन के साथ हुई। उन्होंने मोटापे को एक वैश्विक महामारी करार दिया और इसके गंभीर परिणामों पर प्रकाश डाला। उनके अनुसार, इस प्रकार की शैक्षणिक गतिविधियाँ न केवल स्वास्थ्य विशेषज्ञों को जानकारी प्रदान करती हैं, बल्कि समाज को भी स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। डॉ. गुप्ता ने इस बात पर भी जोर दिया कि इस तरह की सीएमई को नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए ताकि छात्रों और चिकित्सकों को नवीनतम शोध और तकनीकों के बारे में अपडेट रखा जा सके।
विशिष्ट अतिथियों की गरिमामयी उपस्थिति
सीएमई के मुख्य अतिथि पद्मश्री डॉ. डी. के. हाजरा, जो मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रह चुके हैं, ने अपने अनुभव और ज्ञान से कार्यक्रम को विशेष बनाया। डॉ. हाजरा ने मोटापे की जटिलताओं और इसके प्रभावों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि मोटापा न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि यह एक व्यापक सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है।
डॉ. हाजरा ने मोटापे के प्रमुख कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आधुनिक जीवनशैली, जिसमें शारीरिक गतिविधियों की कमी और असंतुलित आहार प्रमुख हैं, मोटापे के लिए जिम्मेदार हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि जागरूकता और जीवनशैली में सुधार के माध्यम से इस समस्या का समाधान किया जा सकता है। उन्होंने चिकित्सकों से आग्रह किया कि वे अपने मरीजों को न केवल मोटापे से बचाव के लिए जागरूक करें, बल्कि उन्हें प्रोत्साहित करें कि वे नियमित दिनचर्या, योग, व्यायाम और संतुलित आहार को अपने जीवन में अपनाएं।
प्रमुख वक्ताओं द्वारा जानकारीपूर्ण सत्र
सीएमई में कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने अपने व्याख्यान और शोध प्रस्तुत किए। इनमें प्रमुख रूप से डॉ. अनुज माहेश्वरी, डॉ. मृदुल चतुर्वेदी, डॉ. अजय तिवारी, और डॉ. धर्मेंद्र त्यागी शामिल थे।
- डॉ. अनुज माहेश्वरी ने मोटापे के भारत में तेजी से बढ़ते मामलों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि भारत अब न केवल मधुमेह और हृदय रोगों का केंद्र बनता जा रहा है, बल्कि मोटापे के मामलों में भी खतरनाक वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में समान रूप से पाई जा रही है।
- डॉ. मृदुल चतुर्वेदी ने मोटापे और उससे जुड़ी जटिल बीमारियों, जैसे टाइप 2 डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, और हृदय रोगों के बीच संबंध पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि मोटापा इन बीमारियों के लिए एक प्रमुख जोखिम कारक है और इसके प्रभाव को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव अनिवार्य है।
- डॉ. अजय तिवारी ने बच्चों और किशोरों में मोटापे के बढ़ते मामलों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने बताया कि आज के समय में बच्चों में फास्टफूड और जंकफूड की आदत बढ़ती जा रही है, जो मोटापे का एक बड़ा कारण है। उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को घर का बना पौष्टिक भोजन खिलाने के लिए प्रेरित करें।
- डॉ. धर्मेंद्र त्यागी ने मोटापे के उपचार और प्रबंधन के लिए नवीनतम चिकित्सा तकनीकों और दवाओं के उपयोग पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मोटापे के इलाज में अब नई दवाएँ और सर्जिकल प्रक्रियाएँ भी उपलब्ध हैं, जो प्रभावी साबित हो रही हैं।
पैनल डिस्कशन और दर्शकों की भागीदारी
कार्यक्रम में एक पैनल डिस्कशन का भी आयोजन किया गया, जिसमें डॉ. मनीष बंसल और डॉ. असीष गौतम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पैनल डिस्कशन में दर्शकों के सवालों के जवाब दिए गए और मोटापे से जुड़े मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया गया। पैनलिस्टों ने इस बात पर जोर दिया कि मोटापे को केवल एक शारीरिक समस्या के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए, बल्कि इसे मानसिक और सामाजिक पहलुओं से भी जोड़कर समझा जाना चाहिए।
समापन और भविष्य की योजनाएँ
कार्यक्रम का समापन प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी प्रतिभागियों, वक्ताओं और आयोजकों का धन्यवाद करते हुए इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई। उन्होंने कहा कि मोटापे जैसे जटिल मुद्दे पर जागरूकता बढ़ाने और उसे नियंत्रित करने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता है।
डॉ. गुप्ता ने बताया कि नियमित व्यायाम, योग, और संतुलित आहार से मोटापे को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज न केवल शिक्षा और प्रशिक्षण का केंद्र है, बल्कि यह समाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने का एक माध्यम भी है। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रकार के विषयों पर और अधिक विस्तृत और नियमित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
कार्यक्रम में सहभागिता
इस आयोजन में मेडिसिन विभाग के सभी संकाय सदस्य, रेजिडेंट डॉक्टर्स, और मेडिकल छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। सभी ने इसे एक ज्ञानवर्धक अनुभव बताया। छात्रों ने मोटापे से संबंधित जानकारी और इसके समाधान के विभिन्न तरीकों के बारे में गहराई से समझने का मौका मिलने के लिए आयोजकों का धन्यवाद किया।
मुख्य संदेश
इस सीएमई का मुख्य संदेश यह था कि मोटापा केवल एक व्यक्तिगत स्वास्थ्य समस्या नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और आर्थिक मुद्दा भी है। इसे नियंत्रित करने के लिए समाज के हर वर्ग को जागरूक और सक्रिय होना होगा। चिकित्सकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों को अपनी भूमिका निभाने के साथ-साथ लोगों को इस विषय पर शिक्षित करने का भी प्रयास करना चाहिए।
एसएन मेडिकल कॉलेज का यह प्रयास निश्चित रूप से स्वास्थ्य क्षेत्र में एक सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक कदम है। इस प्रकार की पहलें न केवल चिकित्सा समुदाय को लाभान्वित करती हैं, बल्कि समाज के व्यापक हित में भी योगदान करती हैं।