27-10-2024, Agra.
आगरा में पुलिसकर्मियों द्वारा जुआ लूटने की घटना सामने आई है। डीसीपी के निर्देश पर चौकी प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने जुआ फड़ से रकम लूटने के साथ ही जुआरियों से छोड़ने के एवज में भी वसूली की। घटना की जांच शुरू कर दी गई है। हालांकि अभी तक किसी पर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ है।
- जुए के फड़ से रकम लूटी और आरोपितों को छोड़ने को वसूली
- डीसीपी ने देर रात चौकी प्रभारी समेत चार को किया निलंबित
सुबह पुलिस आयुक्त जे रविन्दर गौड के आदेश पर थानों में ली गई ईमानदारी की शपथ एत्माद्दौला में शाम तक नहीं चल सकी। चौकी प्रभारी ट्रांस यमुना अपने साथी दारोगा और दो सिपाहियों के साथ जुआ लूटने पहुंच गए। बंद घर में जुए के फड़ से रकम तो समेटी ही, वहां मिले जुआरियों को छोड़ने के एवज में भी वसूली की।
देर रात डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने चौकी प्रभारी समेत चार को निलंबित कर दिया। सभी की विभागीय जांच शुरू करा दी है।
घटना शनिवार शाम सात बजे की है। ट्रांस यमुना कालोनी में एक मकान में शनिवार शाम को जुआ खेला जा रहा था। तभी दो सिपाही बाइक से वहां पहुंचे। बाइक हेरिटेज स्कूल के पास खड़ी कर दी। चौकी प्रभारी योगेश और सहयोगी दारोगा आशीष पुंडीर भी वहां पहुंच गए। सभी जुआरियों को वहां से पकड़कर पुलिसकर्मी पुलिस चौकी ले गए। कुछ देर बाद आरोपित चौकी से बाहर आ गए।
अधिकारियों तक पहुंचा मामला
चौकी के पास ही मुंशी नाम से चर्चित एक व्यक्ति ने मध्यस्थता कराई। इलाके में हल्ला मचा हुआ है। आरोपियों ने ही अपने परिचितों को बताया कि पुलिस ने फड़ पर मिली रकम तो रखी ही उसके बाद छोड़ने के लिए भी आर्थिक दंड लगाया। सभी से वसूली करने के बाद पुलिस ने उन्हें छोड़ दिया। क्षेत्र में मामला चर्चा का विषय बन गया। इसके बाद किसी ने अधिकारियों को सूचना दे दी।
इंस्पेक्टर एत्माद्दौला राकेश त्यागी का कहना है कि पुलिसकर्मियों की भूमिका संदिग्ध दिख रही है। इसलिए रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी गई है। डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि इंस्पेक्टर की रिपोर्ट में प्रथमदृष्टया पुलिसकर्मियों दोष पाया गया है। चौकी प्रभारी योगेश, सब इंस्पेक्टर आशीष पुंडीर, कांस्टेबल विशाल राठी और कांस्टेबल कपिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है।
क्याें नहीं हुआ लूट का मुकदमा?
चौकी प्रभारी समेत चार पुलिसकर्मियों ने जुआ लूट लिया। यह मामला इंस्पेक्टर की रिपोर्ट में प्रथमदृष्टया सही पाया गया है। इसके बाद भी आरोपितों पर लूट का मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। क्या पुलिसकर्मी लूट करे तो वह लूट नहीं होती? इस सवाल का जवाब देने से अधिकारी बच रहे हैं। पुलिसकर्मियों से संबंधित हर मामले में यही होता है।
दस वर्ष पहले एसओजी ने लूटा था जुआ
पुलिस के जुआ लूटने की यह पहली घटना नहीं है। वर्ष 2014 में एसओजी ने संजय प्लेस में एक बिल्डर के आफिस से जुआ लूटा था। इसमें एसओजी टीम के खिलाफ हरीपर्वत थाने में लूट का मुकदमा दर्ज हुआ था। आधा दर्जन पुलिसकर्मी निलंबित हुए थे।