
Wednesday, 17 December 2025, 11:58:00 PM. Agra, Uttar Pradesh
आगामी विश्व ध्यान दिवस के उपलक्ष्य में सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा में बुधवार को एक विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यह सत्र आर्ट ऑफ लिविंग संस्था की ओर से आयोजित किया गया, जिसमें संस्था की वरिष्ठ प्रशिक्षक श्रीमती नीता सरीन और श्रीमती ममता रल्ली ने लगभग 45 मिनट तक प्रतिभागियों को ध्यान एवं मानसिक शांति की तकनीकों से अवगत कराया।
कार्यक्रम का उद्देश्य मेडिकल विद्यार्थियों, चिकित्सकों और कर्मचारियों को तनाव प्रबंधन, मानसिक शांति और भावनात्मक संतुलन के महत्व को समझाना था। आयोजन में कॉलेज परिसर का वातावरण शांत और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण नजर आया।

ध्यान से तनाव प्रबंधन और एकाग्रता पर जोर
ध्यान सत्र के दौरान प्रशिक्षकों ने सरल, व्यावहारिक और प्रभावी ध्यान तकनीकों का अभ्यास कराया। उन्होंने बताया कि नियमित ध्यान अभ्यास से मन को शांत रखा जा सकता है, एकाग्रता में वृद्धि होती है और दैनिक जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
प्रशिक्षकों ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोगों को लंबे समय तक काम करना पड़ता है, ऐसे में मानसिक थकान और तनाव स्वाभाविक है। ध्यान इस तनाव को कम करने का एक प्रभावी साधन है।
मेडिकल विद्यार्थियों और स्वास्थ्यकर्मियों की सक्रिय भागीदारी
सत्र में मेडिकल छात्र-छात्राओं के साथ-साथ फैकल्टी सदस्य और स्वास्थ्यकर्मी बड़ी संख्या में शामिल हुए। सभी ने पूरे मनोयोग से ध्यान अभ्यास किया और प्रशिक्षकों के मार्गदर्शन का लाभ लिया।
कार्यक्रम में वरिष्ठ संकाय सदस्य डॉक्टर योगिता द्विवेदी, डॉक्टर अंकुर गोयल, डॉक्टर अपूर्व मित्तल, डॉक्टर अर्पिता सक्सेना, डॉक्टर अल्का सहित अन्य चिकित्सक और शिक्षक मौजूद रहे।
नियमित ध्यान से बढ़ती है कार्यक्षमता
वरिष्ठ प्रशिक्षकों ने बताया कि नियमित ध्यान केवल मानसिक तनाव को ही कम नहीं करता, बल्कि कार्यक्षमता, निर्णय क्षमता और समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों के लिए ध्यान विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह व्यस्त और चुनौतीपूर्ण कार्य वातावरण में संतुलन बनाए रखने में सहायक होता है।
मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
कार्यक्रम के अंत में प्रतिभागियों ने ध्यान सत्र को अत्यंत उपयोगी और प्रेरणादायक बताया। कई विद्यार्थियों ने भविष्य में भी ऐसे सत्रों के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया।
कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य आज के समय की एक बड़ी आवश्यकता है। इस प्रकार के ध्यान और जागरूकता कार्यक्रम न केवल विद्यार्थियों, बल्कि पूरे समाज के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग संस्था के प्रयासों की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे आयोजनों के लिए सहयोग का आश्वासन दिया।
विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर आयोजित यह सत्र यह संदेश देता है कि स्वस्थ शरीर के साथ स्वस्थ मन भी उतना ही आवश्यक है, खासकर उन लोगों के लिए जो समाज के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी निभा रहे हैं।
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