गिलगिट-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान में इंडिया ज़िंदाबाद के भी नारे लगे

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गिलगिट-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान में इंडिया ज़िंदाबाद के भी नारे लगे

 

गोलोक बिहारी राय

 

नाद अली चौक चौक चौक चौक पर कराक़ाराम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के छात्रों का धरना जारी है।
..इंडिया ज़िंदाबाद के भी नारे लगने लगे हैं

काराकोरम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (केआईयू) का है मामला 

 

 

गोलोक बिहारी राय

पाकिस्तान निवासियों को अब अपनी बदरंग होती जा रही पाकिस्तान से अपनी अपेक्षाओं में हिंदुस्तान की समृद्धि और वैभव का सप्तरंगी इंद्रधनुष दिखाई देने लगा है। आये दिन पाकिस्तान के विभिन हिस्सों में इंडिया ज़िंदाबाद के नारे सुनाई देते है। ताज़ा मामला गिलगिट बालटिस्तान का सामने आया है जहाँ प्रदर्शनकारी छात्रों ने इंडिया ज़िदाबाद के नारे भी लगाए ।   

गिलगिट-बाल्टिस्तान, पाकिस्तान में काराकोरम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (केआईयू) के छात्र फीस वृद्धि और प्रशासनिक कुप्रबंधन के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। छात्र छात्राओं ने कक्षाओं का बहिष्कार कर विश्वविद्यालय के बाहर सड़क अवरुद्ध कर रहे हैं।

ऑल-स्टूडेंट एलायंस (एएसए) ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया, जिसमें सेमेस्टर फीस में महत्वपूर्ण कमी, छात्रों की रक्षा के लिए एक उत्पीड़न-विरोधी समिति का निर्माण, छात्र संगठनों को बहाल करना जो बहुत पहले भंग कर दिए गए थे, और विश्वविद्यालय के खर्च की जांच करने के लिए एक पूरी तरह से वित्तीय ऑडिट का आह्वान किया गया।


विश्वविद्यालय की बार-बार फीस वृद्धि से छात्रों का विरोध तेज हो रहा है। 2020 के बाद से सेमेस्टर शुल्क में 35% की वृद्धि हुई है, जो उच्च शिक्षा आयोग (HEC) की प्रति वर्ष की सीमा 10% से अधिक है। एचईसी के दिशानिर्देशों की इस अवहेलना ने छात्रों पर भारी वित्तीय बोझ डाल दिया है।


छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन पर ‘संपदों का दुरुपयोग’ करने का भी आरोप लगा रहे हैं। वे कहते हैं कि ‘यूनिवर्सिटी को संघीय और जीबी सरकारों से सालाना अरबों रुपये मिलते हैं, लेकिन इस पैसे का उपयोग कैंपस में सुविधाएं देने के लिए नहीं किया जा रहा है’।


प्रदर्शनकारियों का कहना है कि ‘ विश्वविद्यालय में कुप्रबंधन और वित्तीय अनियमितताओं ने हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा दिया है’। वे विश्वविद्यालय के फंडों के वित्तीय ऑडिट की मांग कर रहे हैं।

डॉ अमजद अयूब मिर्ज़ा
सेमेस्टर फीस में कमी के अलावा छात्र उत्पीड़न विरोधी सेल की स्थापना, छात्र संगठनों की बहाली और विश्वविद्यालय निधि का वित्तीय ऑडिट करने की भी मांग कर रहे हैं।

 

डॉ अमजद अयूब मिर्ज़ा
विरोध जारी है, और यह स्पष्ट नहीं है कि यह कब समाप्त होगा।
 नाद अली चौक चौक चौक चौक पर कराक़ाराम इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के छात्रों का धरना जारी है।
..इंडिया ज़िंदाबाद के भी नारे लगने लगे हैं। “ 

 

 

 

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