यदि चीन विभाजित होगा तो कैसा होगा बंटवारा ? : गोलक बिहारी राय

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यदि चीन विभाजित होगा तो कैसा होगा बंटवारा ?

 

     गोलक बिहारी राय

(लेखक आरएसएस विचारधारा से जुड़े हुए है और चीन के मामलों के जानकार है )

 

 

 

 

 

यह एक संभावित विभाजन है जिसे स्टोन चेन  (Stone Chen)

नेअपनेअध्ययन और विश्लेषणों के आधार पर तैयार किया है| स्टोन चैन 14 वर्ष तक चीन में रहें है । 

 


मंचूरिया : पूर्वोत्तर चीन के पारंपरिक तीन प्रांत और भीतरी मंगोलिया का पूर्वी भाग। मांचुकु ओ के समान।

भीतरी मंगोलिया : स्वायत्त क्षेत्र   संभवतः स्वतंत्र हो जाएगा लेकिन मंगोलिया मेंशामिल होनेकी संभावना नहीं हैक्योंकि वे अलग-अलग जनसांख्यिकी साझा करतेहैं (यहां तक कि भीतरी मंगोलिया मेंरहनेवालेमंगोलियाई भी अलग-अलग लेखन प्रणालियों का उपयोग करतेहैं)।
पूर्वी तुर्किस्तान इस्लामी गणराज्य : अलगाववाद सेग्रस्त यह क्षेत्र हिंसा और संघर्षों का केंद्र है, और एक केंद्रीकृ त सरकार के टूटनेके बाद इसके चीन सेअलग होनेकी संभावना है।


नॉर्थवेस्टर्नएलायंस : बड़ी मुस्लिम हुई आबादी वाला चीन का हिस्सा ऐतिहासिक रूप सेअस्थिर क्षेत्र रहा है; केंद्रीय मैदानों से इसकी सापेक्ष दूरी और देश के अन्य हिस्सों सेइसके भौगोलिक अलगाव के कारण, इसके सरदारवाद के तहत लंबेसमय तक स्वतंत्र रहनेकी संभावना है।

तिब्बत : किंघाई-तिब्बत रेलवेके साथ भी, पठार अभी भी बाहर सेमुश्किल सेपहुंच योग्य है, जिससेस्वतंत्र रहना संभव है।


झोंगयुआन : शाब्दिक रूप से “केंद्रीय मैदान”, जो उत्तर और दक्षिण मेंपहाड़ों सेघिरा हुआ है, मेंमहान प्राकृतिक संसाधन और लाभप्रद रणनीतिक स्थिति है, लेकिन यह लगभग सभी दिशाओ ंसेआक्रमण के लिए अत्यधिक असुरक्षित है।

हुबेई : शाब्दिक रूप से “उत्तरी चीन”, यह क्षेत्र किंग राजवंश के ज़िली और शेडोंग प्रांतों के संयुक्त क्षेत्र के समान है।

लिआं गजियांग: चीन के सबसेधनी हिस्सेमेंएक करीबी गठबंधन बननेकी संभावना है, जैसा कि पूरेइतिहास मेंहुआ है।

हुगुआं ग : दो प्रांत, हुबेई और हुनान, ऐतिहासिक रूप सेएक प्रांत थेऔर आमतौर पर इन्हेंएक प्रांत माना जाता था। आमतौर पर बाहरी आक्रमण करना कठिन होता है ( चीन पर जापानी आधिपत्य के समय यांग्त्ज़ी नदी के माध्यम सेजापानियों को हुनान मेंघुसनेमेंलगभग छह साल लग गए)।

सिचुआन : “बहुतायत की भूमि” के रूप मेंजाना जाता है, इस प्रांत में 1920 के दशक मेंगोंगसुन शूके चेंगजिया सेलेकर क़ियाओ ज़ोंग के पश्चिमी शूऔर सिचुआन क्लिक्स तक अलगाववादी शासन का एक लंबा इतिहास है।

फ़ुज़ियान : प्रांत की विशिष्ट भौगोलिक और सांस्कृतिक विशेषता इसेएक स्वतंत्र राज्य बनेरहनेकी संभावना बनाती है।

लिआं गगुआं ग : दो प्रांत (हैनान 1988 मेंही एक प्रांत बन गया) दुनिया मेंसबसेबड़ी कैंटोनीज़ भाषी आबादी का घर हैऔर ऐतिहासिक रूप सेनान्यूके नाम सेजाना जाता है।

युन्नान : चीन का सबसेसांस्कृतिक और नस्लीय रूप सेविविध प्रांत अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखतेहुए सभी अल्पसंख्यकों के बीच एक संघ बनानेकी संभावना है।

गुइझोउ : युन्नान के समान।

हांगकांग और मकाऊ : दो विशेष प्रशासनिक क्षेत्रों को पूर्णस्वायत्तता मिल सकती है।

ताइवान : अपनी वर्तमान अजीब अंतरराष्ट्रीय स्थिति के विपरीत, यह द्वीप चीन के विभाजन का लाभ उठा सकता हैऔर अपनी पूर्णस्वतंत्रता को चरितार्थकर सकता है।


क्या ऐसी संभावना है कि यूरोप और अमेरिका के विभिन्न देश चीन केविभाजन में दिलचस्पी लेंगे?
यह असंभव है……क्योंकि येसभी व्यापारी देश हैं।जिनका अलग अलग हित अपनेव्यापार और अपनेअर्थतंत्र की सुरक्षा मेंहै। ज़ियाओमिंग गुओ जन्मेचीन में, चीन मेंही रहतेथेऔर वहाँकाम करतेथे।उनकी विश्लेषण को केंद्रित कर एक विमर्शको हम आगेबढ़ा सकतेहैं।
1900 मेंआठ देशों के गठबंधन नेचीन की राजधानी बीजिंग पर कब्ज़ा कर लिया। उस समय, आठ शक्तियां चीन को आठ उपनिवेशों मेंविभाजित कर सकती थीं। आठ शक्तियों मेंसेप्रत्येक अपनेस्वयं के एक विशेष क्षेत्र पर दावा कर रही थी। फिर भी उन्होंनेऐसा न करनेका निर्णय लिया। यदि विस्तारवादी चीन के चंगुल सेकई अस्मिताएँ (राष्ट्र) जो सदियों सेचीन के आधिपत्य मेंअपनी पहचान खो चुकी थी, उस geo-demography को लेकर कई छोटेदेशों को मुक्त किया जा सकता था। जो पश्चिमी शक्तियों के पास 1900 मेंही ऐसा करनेका अवसर था। उनमेंसेकु छ के पास चीन को विभाजित करनेका विचार था। परन्तु बॉक्सर विद्रोह नेउन्हेंऐसा करनेसेरोका। बॉक्सर विद्रोह नेयह स्पष्ट कर दिया कि चीनी लोग बाहरी शक्तियों की इच्छा के आगेनहीं झुकेंगे। परिणामस्वरूप, आठ शक्तियां चीन को एक संप्रभुता वाले रक्तपिपासु मानवीय जीवन मूल्यों को दमन करनेवालेदेश के रूप मेंबनाए रखे। जो चीन हाँन वर्चस्व के साथ विभिन्न समुदायों का शोषण , उनके मानवाधिकारों का हनन और उनका दमन अपनी विस्तारवादी नीति के सहारेआज भी कर रहा है। उन प्रत्येक शक्तियों का चीन मेंसाझा हित था आज भी है। किसी भी शक्ति का चीन के किसी भी हिस्सेपर विशेष हित होना वैश्विक क्षेत्रीय सामरिक संतुलन मेंबाधक है। साथ ही वैश्विक व्यापार मेंभी अवरोध है।यही कारण हैकि चीन ऐतिहासिक प्राचीन मलय सागर की पहचान और नाम बदलकर South China Sea करके एक नवीन प्रचलन मेंला दिया है। जो Indo Pacific Sea मेंतनाव का कारण है। जहाँ क्षेत्रीय शांति, वैश्विक व्यापार की सुरक्षा और सामरिक संतुलन ख़तरेमेंपड़ा हुआ है। 1900 मेंआठ-राष्ट्र गठबंधन के समझौतेका उल्लंघन कर द्वितीय विश्व युद्ध के समय जापान नेपूरेचीन को अपनेउपनिवेश के रूप मेंलेनेकी कोशिश की। फलस्वरूप द्वितीय विश्व युद्ध मेंगठबंधन नेजापान के एक्सिस सदस्य को हरा दिया।
आज शी अपनी विस्तारवाद की नीति व महत्वाकांक्षा को बनायेरखनेके लिए एक क्षद्म मानव अस्तित्व के साझा गंतव्य का निर्माण करना चाह रहेहैं। ताकि वेचीन मेंकमजोर – ग़रीब समूहों , पहचानों, अस्मिताओ ं, दमित राष्ट्रों का शोषण लगातार कर सके और उन पर अपना आधिपत्य सदा बनायेंरख सकें।चाहेवह सीझियांग , तिब्बत हेनान, यूनान्न, झिझियाँग, हांगकांग, नानजिंग, ताइवान, इनर मंगोलिया, मंचूरिया ….. हो । इसके अलावा सी का चीन सदैव अन्यान देशों को अपनी पहल में एआईआईबी और ओबीओआर के माध्यम सेबनायेरखना चाहता है। बीजिंग अंतरराष्ट्रीय राजनीति मेंपूरी तरह सेआर्थिक व्यवहार के माध्यम सेग़रीब,कमजोर व अविकसित देशों को आर्थिक ग़ुलाम इसी अति महत्वकांक्षी योजना के माध्यम सेबना रहा है। जहाँसहकार ( Cooperation) और सहअस्तित्वकी कोई भी गुंजाइश नहीं है। आज चीन पूरे विश्व व विश्व की मानवता का ख़तरा बन चुका है। जिसके साथ दोस्ती …. वैश्विक सुख, समृद्धि और शांति के लियेख़तरा है। आज साझा हित डब्ल्यूटीओ का एक सिद्धांत है, जिसेराष्ट्रीय उपचार कहा जाता है। और पश्चिम के देशों का चीन के साथ अपनेअपनेसाझा हित जुड़ेहुए हैं। जो चीन को विभाजित न करके , चीन के हिस्सेको एक शीत युद्ध ब्लॉक का क्षेत्र बनाना चाहतेंहैं। आज हमेंभी चीन के साथ अपनेसाझा हितों को ध्यान मेंरखकर भाउकता को त्याग कर अपनी वैदेशिक नीति, सामरिक नीति पर पुनः विचार करना चाहिए ताकि अपना मानसरोवर और कै लाश धाम चीन के क़ब्ज़ेसेमुक्त हो। जो पारस्परिक सम्मान और पारस्परिक लाभकारी हो।


दूसरी तरफ़ संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन दुनिया की दो सबसेबड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं, और एक दूसरेके सबसेबड़ेव्यापार और निवेश के भागीदार हैं। वहीं सीपीटीपीपी (CPTPP) जापान द्वारा निर्मित एक अन्य एक्सिस जैसा दिखता है। क्या सीपीटीपीपी को दुनिया के किसी भी हिस्सेको अपनेविशेष हित क्षेत्र के रूप मेंदावा करनेके लिए सामरिक शक्ति का उपयोग करनेके योग्य बनाना चाहिए, जो अमेरिका और चीन एक्सिस को के संतुलन के लिए एक नवीन कार्यसमूह ( working group) की तरह कार्यकरे।फिर यह एन नया गठबंधन बन जायेगा जैसा कि द्वितीय विश्व युद्ध मेंहुआ था।


चीन का बाल्कनीकरण मानचित्र कै सा दिखता है ?

ज़ेशान महमूद ने भूगोल का अध्ययन किया


यदि चीन मेंबाल्कनीकरण हुआ तो सबसेशक्तिशाली राज्य कौन सेहोंगे ?

रेकोमू ( Ray Comeau) दशकों सेजोखिम का विश्लेषण करनेऔर रणनीति बनानेमेंकाम कर रहेहैं चीन कभी भी टकराव नहीं करेगा, सदा वह के वल गीदड़ भभकी ही देता रहेगा। हालाँकि अपनी बुद्धि पिपासा व ज्ञान-मनोरंजन के लिए निम्नलिखित पर विचार कर सकतेहैं …


 

 

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