हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ा गया पानी, यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने की आशंका, निचले इलाको में मुनादी

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हथिनी कुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ा गया पानी, यमुना का जलस्तर फिर बढ़ने की आशंका, निचले इलाको में मुनादी

 

 

Yamuna Water Level in Delhi: दिल्ली में यमुना का जलस्तर शनिवार दोपहर 3 बजे 205.17 मीटर दर्ज किया गया. देर शाम के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका है.

 

 


Yamuna Water Level in Delhi:

दिल्ली में यमुना नदी की जलस्तर एक बार फिर से खतरे के निशान को पार कर सकता है. इसकी मुख्य वजह यह है कि हिमाचल-उत्तराखंड में भारी बारिश और हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया भारी मात्रा में पानी है. जी मीडिया संवाददाता ने बताया कि हथिनी कुंड बैराज के सभी फ्लड गेट खोल दिए गए हैं और यमुना नदी में यह पानी डायवर्ट कर दिया गया है जोकि अगले 60 से 72 घंटों में दिल्ली तक पहुंचेगा.इसकी वजह से हरियाणा के यमुनानगर, सोनीपत,पानीपत और करनाल के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है. इसके साथ ही दिल्ली के लोगों की भी मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

 


दिल्ली में यमुना का जलस्तर दोपहर 3 बजे 205.17 मीटर दर्ज किया गया. देर शाम के बाद यमुना का जलस्तर बढ़ने की आशंका है. कल शाम तक यमुना का जलस्तर 206.70 मीटर पहुंचने का पूर्वानुमान है. हथनीकुंड बैराज से भारी मात्रा में छोड़ गए पानी के कारण यमुना उफान पर रहेगी. प्रशासन ने निचले इलाक़ों में मुनादी करना शुरू कर दिया है. प्रशासन ने निचले इलाके में रहने वालों से सुरक्षित जगहों पर जाने की अपील की है.

 



बता दें कि दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर शनिवार को खतरे के निशान से नीचे आ गया जो पिछले कुछ दिनों से खतरे के निशान 205.33 मीटर के आसपास बना हुआ था. हालांकि, उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में ताजा भारी बारिश की सूचना मिली है और इससे नदी के जल स्तर में फिर से वृद्धि हो सकती है. जलस्तर बढ़ने से दिल्ली के बाढ़ प्रभावित निचले इलाकों में पुनर्वास प्रयासों में और देरी हो सकती है.

 


भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 25 जुलाई तक हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भारी से अत्याधिक भारी बारिश की आशंका जताई है. केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार सुबह नौ बजे जलस्तर गिरकर 205.29 मीटर पर आ गया जो शुक्रवार शाम छह बजे 205.34 मीटर पर था. अन्य राज्यों में ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश का प्रभाव स्पष्ट होने से पूर्व इसमें और गिरावट आ सकती है. सीडब्ल्यूसी के आंकड़ों के अनुसार, यमुनानगर स्थित हथिनीकुंड बैराज से जल बहाव सुबह नौ बजे 1.47 लाख क्यूसेक था जो 13 जुलाई से सर्वाधिक है.

 

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