
Tuesday, 23 December 2025, 1:05:00 AM. New Delhi / Unnao, Uttar Pradesh
उन्नाव रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। हाईकोर्ट ने उनकी सजा को अपील पर अंतिम सुनवाई पूरी होने तक निलंबित करते हुए सशर्त जमानत दे दी है। यह वही मामला है, जिसमें ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को “आखिरी सांस तक जेल में रहने” की सजा सुनाई थी।
दिल्ली हाईकोर्ट की जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और जस्टिस हरीश वैद्यनाथन शंकर की खंडपीठ ने सेंगर की अपील पर सुनवाई करते हुए 15 लाख रुपये के निजी मुचलके पर उनकी रिहाई का आदेश दिया। हालांकि कोर्ट ने जमानत के साथ कड़ी शर्तें भी लगाई हैं।

जमानत के साथ चार सख्त शर्तें
अदालत ने स्पष्ट किया है कि कुलदीप सिंह सेंगर को पीड़िता से कम से कम पांच किलोमीटर की दूरी बनाए रखनी होगी। उन्हें हर सोमवार संबंधित पुलिस थाने में हाजिरी देनी होगी। साथ ही अपना पासपोर्ट संबंधित प्राधिकरण के पास जमा कराना होगा, ताकि वे देश छोड़कर न जा सकें। अदालत ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जमानत की किसी भी शर्त का उल्लंघन हुआ, तो उनकी बेल तत्काल रद्द कर दी जाएगी। जमानत मिलने के बावजूद सेंगर दिल्ली से बाहर नहीं जा सकेंगे।
2017 का चर्चित उन्नाव रेप मामला
उन्नाव रेप केस वर्ष 2017 में सामने आया था, जब 17 वर्षीय नाबालिग लड़की ने तत्कालीन विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अगवा कर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया था। इस मामले की जांच बाद में सीबीआई को सौंपी गई। दिसंबर 2019 में दिल्ली की तीस हजारी अदालत ने सेंगर को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी और आदेश दिया था कि उन्हें मृत्यु तक जेल में रखा जाए। कोर्ट ने उन पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था।
सजा के बाद कुलदीप सिंह सेंगर की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी और भाजपा ने उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली ट्रांसफर हुआ था ट्रायल
उन्नाव रेप केस देशभर में भारी आक्रोश का कारण बना था। अगस्त 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े चार केस उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिए थे और निर्देश दिया था कि रोजाना सुनवाई कर 45 दिनों में ट्रायल पूरा किया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके परिवार की सुरक्षा को लेकर भी विशेष निर्देश दिए थे।
कोर्ट की सख्त टिप्पणी और सेंगर की गुहार
ट्रायल कोर्ट ने सजा सुनाते समय कहा था कि “सेंगर के लिए किसी प्रकार की सहानुभूति का कोई स्थान नहीं है।” अदालत ने टिप्पणी की थी कि एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनप्रतिनिधि होने के बावजूद सेंगर ने जनता के भरोसे को तोड़ा।
सजा सुनाए जाने के वक्त अदालत में सेंगर भावुक हो गए थे और उन्होंने खुद को निर्दोष बताते हुए न्याय की गुहार लगाई थी।
राजनीतिक सफर और विवादों की लंबी श्रृंखला
कुलदीप सिंह सेंगर का राजनीतिक सफर भी विवादों से भरा रहा है। वे कांग्रेस, बसपा और सपा में रहने के बाद भाजपा में शामिल हुए थे। चार बार विधायक रह चुके सेंगर कभी चुनाव नहीं हारे। 2017 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर बांगरमऊ सीट से जीत दर्ज की थी।
उन्नाव रेप केस की जांच और सुनवाई के दौरान पीड़िता के परिवार पर हमले, संदिग्ध मौतें और सड़क दुर्घटना जैसे कई गंभीर घटनाक्रम सामने आए, जिसने इस मामले को देश के सबसे सनसनीखेज आपराधिक मामलों में शामिल कर दिया।

छह साल बाद जेल से बाहर आने का रास्ता खुला
हाईकोर्ट से जमानत मिलने के साथ ही लगभग छह साल बाद कुलदीप सिंह सेंगर के जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि उनकी अपील पर अंतिम फैसला अभी बाकी है और इस पर न्यायिक प्रक्रिया आगे जारी रहेगी।
Akhilesh Yadav Attack: ‘एक देश-एक कारोबारी’ है भाजपा का खतरनाक सीक्रेट एजेंडा; न PDA की सुनी जाएगी, न किसान की; सपा प्रमुख का करारा हमला
📧 pawansingh@tajnews.in
📱 अपनी खबर सीधे WhatsApp पर भेजें: 7579990777
👉 TajNews WhatsApp Channel
👉 Join WhatsApp Group
🐦 Follow on X (Twitter)
🌐 tajnews.in
#UnnaoRapeCase #KuldeepSengar #DelhiHighCourt #CrimeNews #Justice #IndiaNews







