Wed, 28 Oct 2025 11:13 PM IST, आगरा, उत्तर प्रदेश, भारत।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) 29 अक्टूबर 2025 को मुंबई का दौरा करेंगे। इस दौरे का मुख्य केंद्र नेस्को एग्जिबिशन सेंटर होगा, जहाँ वे शाम लगभग 4:00 बजे इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के प्रमुख कार्यक्रम मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री इस दौरान ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम की अध्यक्षता भी करेंगे। यह फोरम वैश्विक समुद्री उद्योग के सीईओ, निवेशकों और नीति-निर्माताओं को एक मंच पर लाएगा। पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई का उद्देश्य सतत विकास, हरित नौवहन और लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं पर विचार-विमर्श करना है। प्रधानमंत्री की यह भागीदारी ‘समुद्री अमृत काल विजन 2047’ के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, जिसका लक्ष्य भारत को दुनिया की अग्रणी समुद्री शक्ति बनाना है। 27 से 31 अक्टूबर 2025 तक चलने वाले इस कॉन्क्लेव में 85 से अधिक देश भाग लेंगे।

पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई: कार्यक्रम की मुख्य रूपरेखा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 अक्टूबर 2025 को देश की वाणिज्यिक राजधानी मुंबई पहुंच रहे हैं। उनका यह दौरा इंडिया मैरीटाइम वीक (IMW) 2025 के सबसे महत्वपूर्ण इवेंट को समर्पित है। शाम 4:00 बजे, प्रधानमंत्री नेस्को एग्जिबिशन सेंटर में मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव को संबोधित करेंगे। इसके तत्काल बाद, वे ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम की अध्यक्षता भी करेंगे।
पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई में प्रधानमंत्री की भागीदारी इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए एक रोडमैप तैयार करने का काम करती है। यह फोरम समुद्री कंपनियों के सीईओ, प्रमुख निवेशक, नीति-निर्माता और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को एक साथ लाकर वैश्विक समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र के भविष्य पर गहन चर्चा करेगा।
ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम का महत्व
ग्लोबल मैरीटाइम सीईओ फोरम इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 का एक केंद्रीय कार्यक्रम है। यह फोरम केवल चर्चा का मंच नहीं है, बल्कि यह रणनीतिक संवाद और कार्रवाई के लिए एक प्रमुख मंच के रूप में कार्य करेगा। फोरम में चर्चा के मुख्य विषय निम्नलिखित होंगे:
- सतत समुद्री विकास (Sustainable Maritime Development): पर्यावरण के अनुकूल तरीकों को अपनाना।
- लचीली आपूर्ति श्रृंखलाएँ (Resilient Supply Chains): वैश्विक व्यापार में बाधाओं को कम करने की रणनीति।
- हरित नौवहन (Green Shipping): कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए नई तकनीकें।
- समावेशी नीली अर्थव्यवस्था (Inclusive Blue Economy): समुद्री संसाधनों का न्यायसंगत और टिकाऊ उपयोग।
पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई और इस फोरम के माध्यम से, भारत एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करना चाहता है।
‘समुद्री अमृत काल विजन 2047’ पर पीएम की प्रतिबद्धता
प्रधानमंत्री मोदी की इस कॉन्क्लेव में भागीदारी ‘समुद्री अमृत काल विजन 2047’ के प्रति उनकी गंभीर और भविष्योन्मुखी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह दीर्घकालिक विजन भारत को 2047 तक दुनिया की अग्रणी समुद्री शक्तियों में स्थान दिलाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखता है। यह विजन चार मुख्य रणनीतिक स्तंभों पर आधारित है:
- बंदरगाह-आधारित विकास (Port-Led Development): बंदरगाहों की दक्षता और क्षमता बढ़ाना।
- नौवहन और जहाज निर्माण (Shipping and Shipbuilding): स्वदेशी जहाज निर्माण को बढ़ावा देना।
- निर्बाध लॉजिस्टिक (Seamless Logistics): माल ढुलाई को आसान और तेज बनाना।
- समुद्री कौशल निर्माण (Maritime Skill Development): इस क्षेत्र में आवश्यक मानव संसाधन तैयार करना।
पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई इस विजन को ज़मीन पर उतारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इंडिया मैरीटाइम वीक 2025: वैश्विक मंच
इंडिया मैरीटाइम वीक (IMW) 2025 भारत सरकार द्वारा इस विजन को क्रियान्वित करने के लिए स्थापित किया गया प्रमुख वैश्विक मंच है। यह 27 से 31 अक्टूबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। यह मंच निम्नलिखित प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाता है:
- नौवहन (Shipping)
- बंदरगाहों (Ports)
- जहाज निर्माण (Shipbuilding)
- क्रूज पर्यटन (Cruise Tourism)
- नीली अर्थव्यवस्था वित्त (Blue Economy Finance)
पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई इस आयोजन का सबसे महत्वपूर्ण भाग है। आईएमडब्ल्यू 2025 का मुख्य विषय है: “महासागरों का एकीकरण, एक समुद्री दृष्टिकोण”। यह विषय भारत के वैश्विक समुद्री केंद्र बनने के रणनीतिक रोडमैप को दर्शाता है।
अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी और प्रदर्शक
IMW 2025 की अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी इसकी वैश्विक प्रासंगिकता को स्थापित करती है। इस आयोजन में 85 से अधिक देश भाग लेंगे, जो भारत के समुद्री क्षेत्र में वैश्विक रुचि को प्रदर्शित करता है। इसमें 1,00,000 से अधिक प्रतिनिधि, 500 से अधिक प्रदर्शक और 350 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय वक्ता शामिल होंगे। पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई में इतनी बड़ी संख्या में वैश्विक हितधारकों की उपस्थिति भारत को नीली अर्थव्यवस्था में अग्रणी बनाने के लिए आवश्यक निवेश और साझेदारी को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 29 अक्टूबर को होने वाला मुंबई दौरा और पीएम मोदी मैरीटाइम कॉन्क्लेव मुंबई में उनका संबोधन भारत के समुद्री भविष्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह आयोजन न केवल ‘समुद्री अमृत काल विजन 2047’ को एक वैश्विक पहचान देगा, बल्कि भारत को लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं और सतत समुद्री विकास के क्षेत्र में एक मजबूत वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित करेगा। भारत इस मंच का उपयोग समुद्री क्षेत्र में नवाचार और निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक रोडमैप प्रस्तुत करने के लिए करेगा।
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संपादन: ठाकुर पवन सिंह | “pawansingh@tajnews.in”
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