भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार पवन सिंह और उनकी पत्नी ज्योति सिंह के बीच चल रहा विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। हालिया प्रेस कांफ्रेंस और सोशल मीडिया पोस्ट्स ने इस पारिवारिक मुद्दे को राजनीतिक रंग दे दिया है, खासकर जब बिहार विधानसभा चुनाव की चर्चा तेज़ हो रही है।
पवन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा, “ज्योति को अच्छे से जानता हूं। उन्होंने मेरी इज्जत की धज्जियां उड़ा दीं। मर्द का दर्द किसी को नहीं दिखता।” यह बयान तब आया जब उनकी पत्नी ज्योति सिंह हाल ही में उनके घर पहुंचीं और रोते हुए कई गंभीर आरोप लगाए। दोनों के बीच तलाक का मामला आरा सिविल कोर्ट में 2021 से लंबित है।

पवन सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि ज्योति सिंह उन्हें चुनाव लड़वाने का दबाव बना रही थीं। उन्होंने कहा, “किसी को चुनाव लड़ाना मेरे बस की बात नहीं है।” साथ ही उन्होंने यह स्पष्ट किया कि एनडीए नेतृत्व से मुलाकात हुई थी, लेकिन सीट को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।
सोशल मीडिया पर बयानबाज़ी तेज़
ज्योति सिंह ने एक वीडियो में दावा किया कि उन्हें अपने ही घर में घुसने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि “मैं सिर्फ अपने पति से मिलने आई थी, लेकिन मुझे बाहर निकाल दिया गया।” वीडियो में पुलिस को उन्हें घर से बाहर ले जाते हुए देखा गया।
पवन सिंह ने इंस्टाग्राम पर जवाब देते हुए लिखा, “जनता मेरे लिए भगवान के समान है। मैं कभी किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचा सकता।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस पहले से मौजूद थी ताकि कोई अनहोनी न हो।
क्या यह मामला सिर्फ पारिवारिक है?
इस विवाद ने अब राजनीतिक मोड़ ले लिया है। पवन सिंह के एनडीए से जुड़ने और चुनाव लड़ने की संभावनाओं के बीच यह विवाद उनके सार्वजनिक छवि और राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकता है। कुछ लोग इसे राजनीतिक दबाव मान रहे हैं, तो कुछ इसे व्यक्तिगत पीड़ा की अभिव्यक्ति।
ज्योति सिंह का पलटवार
ज्योति सिंह ने सोशल मीडिया पर एक और वीडियो जारी कर कहा कि वे किसी से डरने वाली नहीं हैं और जल्द ही अपना पक्ष खुलकर रखेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि पवन सिंह ने उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और अब सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
पवन सिंह की सफाई
पवन सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस में तीन मुख्य बातें रखीं:
- तलाक का मामला कोर्ट में है, और वे कानून का सम्मान करते हैं
- ज्योति सिंह के आरोप झूठे हैं, और वे सिर्फ बदनाम करने के लिए लगाए जा रहे हैं
- चुनाव लड़ने का निर्णय पार्टी नेतृत्व पर निर्भर है, और वे किसी दबाव में नहीं हैं
जनता की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस विवाद को लेकर जनता की राय बंटी हुई है। कुछ लोग पवन सिंह के समर्थन में हैं, तो कुछ ज्योति सिंह के साहस की सराहना कर रहे हैं। कई यूज़र्स ने लिखा, “मर्द का दर्द भी समझना चाहिए, लेकिन महिलाओं की आवाज़ को दबाना ठीक नहीं।”
पवन सिंह और ज्योति सिंह का विवाद अब सिर्फ कोर्ट तक सीमित नहीं रहा। यह सोशल मीडिया, प्रेस कांफ्रेंस और राजनीतिक गलियारों तक पहुंच चुका है। “मर्द का दर्द किसी को नहीं दिखता” जैसे भावनात्मक बयान इस मामले को और भी संवेदनशील बना रहे हैं।
आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद किस दिशा में जाता है — न्यायिक समाधान, सार्वजनिक सहानुभूति या राजनीतिक रणनीति।
आप इस मामले पर क्या सोचते हैं? अपनी राय भेजें 👉 pawansingh@tajnews.in
External Link:
👉 The Week रिपोर्ट पढ़ें
Also Read: – ASP अनुज चौधरी पर एनकाउंटर के दौरान चली गोली — बुलेटप्रूफ जैकेट ने बचाई जान, 2 करोड़ की लूट का मास्टरमाइंड नरेश ढेर
संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
ताज न्यूज – आईना सच का
रोहित शर्मा ने चल दी आखिरी चाल — गंभीर से लिया अपमान का बदला? कप्तानी विवाद ने खोली टीम की अंदरूनी खींचतान







