📅 शनिवार, 11 अक्टूबर 2025 | शाम 6:10 बजे | गाजा पट्टी / वाशिंगटन डीसी / यरुशलम
गाजा पट्टी में दो वर्षों से जारी युद्ध के बाद, अमेरिका की मध्यस्थता से 9 अक्टूबर 2025 को युद्धविराम लागू हुआ। इस युद्ध ने हजारों जानें लीं, लाखों लोगों को बेघर किया और गाजा को एक मलबे के ढेर में बदल दिया। जैसे ही युद्धविराम की घोषणा हुई, हजारों विस्थापित फलस्तीनी अपने घरों की ओर लौटे — लेकिन जो सामने आया, वह सिर्फ पत्थर नहीं, बल्कि टूटी हुई ज़िंदगियाँ थीं।

🏚️ लौटे तो घर नहीं, मलबा मिला
अल जज़ीरा की रिपोर्ट के अनुसार, गाजा के मध्य क्षेत्र देइर अल-बलाह में लोग अस्थायी शिविरों से निकलकर अपने घरों की ओर लौटे, लेकिन वहां सिर्फ ध्वस्त इमारतें, जले हुए खिलौने और बिखरे हुए जीवन के निशान मिले रफ़ा, बैत हनून और गाजा सिटी जैसे इलाकों में सैटेलाइट तस्वीरों ने दिखाया कि पूरा-पूरा मोहल्ला अब सिर्फ गड्ढों और मलबे में तब्दील हो चुका है
🕊️ युद्धविराम की शर्तें और अमेरिका की भूमिका
यह युद्धविराम अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की 20-बिंदु योजना के तहत हुआ, जिसमें बंधकों की रिहाई, मानवीय सहायता की अनुमति और सीमा पार निगरानी जैसे प्रावधान शामिल हैं Aljazeera। हमास ने संकेत दिया है कि वह बंधकों की रिहाई की प्रक्रिया शुरू करेगा, जबकि इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने चेतावनी दी है कि यदि हमास ने हथियार नहीं डाले, तो हमला फिर शुरू होगा ।

📸 तस्वीरें जो सब कुछ कह देती हैं
- एक पिता अपने बच्चे को मलबे से बाहर निकालता हुआ
- एक महिला अपने जले हुए घर के सामने बैठी रोती हुई
- बच्चे स्कूल की जगह अब राहत शिविरों में पढ़ते हुए
- गली में बिखरे हुए कुरान के पन्ने और टूटी हुई साइकिलें
ये दृश्य सिर्फ युद्ध की क्रूरता नहीं, बल्कि मानवता की हार को दर्शाते हैं।
🧭 आगे क्या?
हालांकि युद्धविराम लागू हो चुका है, लेकिन स्थायी शांति अभी दूर है। संयुक्त राष्ट्र और रेड क्रॉस जैसी संस्थाएं अब पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में जुट गई हैं। लेकिन जब तक राजनीतिक समाधान नहीं निकलता, तब तक गाजा के लोग हर युद्धविराम को एक अस्थायी राहत ही मानते रहेंगे।
संपादन: ठाकुर पवन सिंह | pawansingh@tajnews.in
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