आगरा के शमशाबाद क्षेत्र के निवासी सुब्रत सिंह (30), जो ठेला लगाकर अंडों का व्यापार करते हैं, ने अपनी और अपनी तीन छोटी बहनों की सुरक्षा के लिए पुलिस आयुक्त से हस्तक्षेप और न्याय की अपील की है। सुब्रत ने एक पत्र में अपनी स्थिति बताते हुए कहा है कि उनकी आय के मुख्य स्रोत से उनका परिवार जीविकोपार्जन करता है और वे अपनी बहनों को शिक्षित कर उनका भविष्य सुधारने का सपना देखते हैं।
संपत्ति विवाद बना झगड़े का कारण
सुब्रत के दादाजी की पैतृक संपत्ति, जो आगरा जिले के फतेहाबाद क्षेत्र में स्थित है, को लेकर पारिवारिक विवाद चल रहा है। उनका आरोप है कि कुछ परिवारिक सदस्य अपनी आर्थिक ताकत का इस्तेमाल कर उनकी संपत्ति हड़पने के लिए षड्यंत्र रच रहे हैं। इन षड्यंत्रों के चलते उनकी शिक्षा और जीवनशैली प्रभावित हुई है।
झूठी शिकायतों का सामना
सुब्रत का कहना है कि उनके खिलाफ झूठे आरोप लगाकर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। हाल ही में बृजेश नामक व्यक्ति ने झूठी शिकायत दर्ज कराई जिसमें 20 लाख रुपये की मांग की गई। आरोप है कि यह शिकायत उन्हें संपत्ति बेचने या आत्महत्या करने के लिए मजबूर करने के उद्देश्य से की गई।
बहनों की सुरक्षा पर संकट
सुब्रत के मुताबिक, इन आरोपों और पुलिस की कठोर पूछताछ ने उनकी बहनों के मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। वे डर और असुरक्षा के माहौल में जी रही हैं।
साक्ष्य के साथ न्याय की गुहार
सुब्रत ने इस मामले में शपथ पत्र और साक्ष्य प्रस्तुत कर निष्पक्ष जांच और परिवार की सुरक्षा की मांग की है। उन्होंने पुलिस आयुक्त, मुख्यमंत्री, और अन्य उच्चाधिकारियों को प्रतिलिपि भेजकर न्याय के लिए अनुरोध किया है।
भारतीय संविधान का हवाला
सुब्रत ने अपनी अपील में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का हवाला देते हुए अपने और अपनी बहनों के जीवन और शिक्षा के मौलिक अधिकार सुनिश्चित करने की मांग की है।