आगरा के शमशाबाद क्षेत्र के निवासी सुब्रत सिंह और उनकी तीन छोटी बहनें अपनी सुरक्षा और न्याय की मांग के साथ प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। इस संघर्ष में सामाजिक कार्यकर्ता गीतांजलि भारती ने अपनी दृढ़ता और समर्पण से इस परिवार के साथ खड़े होकर उनके अधिकारों के लिए लड़ाई शुरू की है।
परिवार की परिस्थिति और संपत्ति विवाद
सुब्रत सिंह, जो अंडे का व्यापार कर अपनी जीविका चलाते हैं, ने आरोप लगाया है कि पारिवारिक संपत्ति विवाद के कारण उनके परिवार को मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है। उनका दावा है कि संपत्ति पर कब्जा करने की साजिश में उनके खिलाफ झूठी शिकायतें दर्ज कराई गई हैं, जिससे उनकी बहनों की शिक्षा और मानसिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
गीतांजलि भारती ने दिखाया साहस
इस गंभीर स्थिति को देखकर सामाजिक कार्यकर्ता गीतांजलि भारती ने इन बहनों की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रशासन से बातचीत करने की कोशिश की। हालांकि, उन्होंने पुलिस आयुक्त से मिलने का प्रयास किया, लेकिन उन्हें आयुक्त से मिलने का मौका नहीं मिला। इसके बावजूद, उन्होंने अपने प्रयास जारी रखते हुए अन्य अधिकारियों और पुलिस विभाग पर जोर दिया कि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाए और इस परिवार को न्याय मिले।
न्याय की मांग और संविधान का हवाला
सुब्रत और उनकी बहनों ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत अपने जीवन और सम्मान के मौलिक अधिकार का हवाला देते हुए परिवार की सुरक्षा और न्याय की मांग की है। गीतांजलि भारती ने भी जोर देकर कहा कि इन बहनों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए प्रशासन को जल्द कार्रवाई करनी चाहिए।
प्रशासन से अपील
सुब्रत और सामाजिक कार्यकर्ता गीतांजलि भारती ने पुलिस विभाग और मुख्यमंत्री से अपील की है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और पीड़ित परिवार को राहत प्रदान की जाए।