
Wednesday, 17 December 2025, 9:25:00 PM. Agra, Uttar Pradesh
आगरा में मिशन शक्ति अभियान के तहत आयोजित ‘कपल कनेक्ट’ कार्यक्रम केवल एक औपचारिक पुलिस पहल नहीं, बल्कि टूटते रिश्तों को संभालने और परिवारों को दोबारा जोड़ने की एक संवेदनशील कोशिश बनकर सामने आया है। इस कार्यक्रम को लेकर आगरा पुलिस की अपर पुलिस उपायुक्त (ADCP) पूनम सिरोही ने ताज न्यूज़ संवाददाता अमित शर्मा से विशेष बातचीत में कहा कि पुलिस का उद्देश्य केवल कागजी समझौता कराना नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच भरोसा, संवाद और भावनात्मक जुड़ाव को फिर से मजबूत करना है।
उन्होंने साफ शब्दों में कहा, “हमारा लक्ष्य सिर्फ समझौता नहीं, बल्कि मन का मिलन है। अगर दिल नहीं मिलेंगे, तो कोई भी सुलह टिकाऊ नहीं हो सकती।”
मिशन शक्ति का बदला हुआ चेहरा
ADCP पूनम सिरोही के मुताबिक, मिशन शक्ति के तहत पुलिस अब केवल कानून लागू करने वाली संस्था की भूमिका तक सीमित नहीं रहना चाहती, बल्कि सामाजिक समस्याओं के समाधान में भी सक्रिय भागीदार बनना चाहती है। ‘कपल कनेक्ट’ इसी सोच का नतीजा है, जहां वैवाहिक विवादों से जूझ रहे दंपतियों को एक सुरक्षित, संवादपूर्ण और सकारात्मक माहौल दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि अक्सर छोटे-छोटे विवाद, गलतफहमियां और संवाद की कमी रिश्तों में बड़ी दरार पैदा कर देती हैं। ऐसे मामलों में अगर समय रहते हस्तक्षेप न किया जाए, तो बात थाने, कोर्ट और तलाक तक पहुंच जाती है।

पुलिस की भूमिका: मध्यस्थ नहीं, मार्गदर्शक
ADCP ने कहा कि इस पहल में पुलिस खुद को सिर्फ मध्यस्थ नहीं, बल्कि मार्गदर्शक की भूमिका में रखती है। ‘कपल कनेक्ट’ कार्यक्रम के दौरान पति-पत्नी दोनों की बात धैर्यपूर्वक सुनी जाती है। उन्हें एक-दूसरे की भावनाओं को समझने का अवसर दिया जाता है और यह बताया जाता है कि विवाद का असर केवल दो लोगों पर नहीं, बल्कि पूरे परिवार और बच्चों के भविष्य पर पड़ता है।
उन्होंने कहा, “हम यह नहीं कहते कि हर रिश्ता हर हाल में निभाना ही चाहिए, लेकिन अगर थोड़े से संवाद और समझ से परिवार बच सकता है, तो यह कोशिश जरूर की जानी चाहिए।”
काउंसलिंग से बदल रही तस्वीर
कार्यक्रम के दौरान केवल पुलिस अधिकारी ही नहीं, बल्कि प्रशिक्षित काउंसलर भी दंपतियों से बातचीत करते हैं। कई मामलों में देखा गया है कि वर्षों से अलग रह रहे पति-पत्नी पहली बार खुलकर अपनी बातें रखते हैं। इससे गुस्सा, तनाव और अविश्वास धीरे-धीरे कम होता है।
ADCP पूनम सिरोही के अनुसार, अब तक ‘कपल कनेक्ट’ के जरिए कई परिवारों को टूटने से बचाया जा चुका है। कई दंपति, जो थाने तक पहुंच चुके थे, बातचीत के बाद अपने मतभेद सुलझाकर साथ लौटे हैं।
महिलाओं के लिए भरोसे का मंच
उन्होंने यह भी कहा कि मिशन शक्ति के तहत यह कार्यक्रम खास तौर पर महिलाओं के लिए भरोसे का मंच बन रहा है। कई महिलाएं घरेलू विवादों को लेकर खुलकर बोलने में हिचकिचाती हैं, लेकिन जब पुलिस संवेदनशीलता के साथ उनकी बात सुनती है, तो उनमें आत्मविश्वास पैदा होता है।
ADCP ने कहा, “महिला अगर खुद को सुरक्षित और सुना हुआ महसूस करती है, तो वह समाधान की प्रक्रिया का हिस्सा बनती है। यही इस पहल की सबसे बड़ी सफलता है।”
सामाजिक बदलाव की दिशा में कदम
पूनम सिरोही का मानना है कि ‘कपल कनेक्ट’ जैसे कार्यक्रम केवल एक परिवार नहीं, बल्कि समाज की सोच को भी बदलते हैं। इससे यह संदेश जाता है कि पुलिस सिर्फ दंड देने वाली संस्था नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने वाली शक्ति भी हो सकती है।
उन्होंने संकेत दिए कि आने वाले समय में इस तरह के संवाद आधारित कार्यक्रमों को और व्यापक स्तर पर आयोजित किया जाएगा, ताकि घरेलू विवादों को शुरुआती स्तर पर ही सुलझाया जा सके।
‘कपल कनेक्ट’ यह साबित कर रहा है कि अगर कानून के साथ संवेदनशीलता जुड़ जाए, तो पुलिस समाज में सकारात्मक बदलाव की बड़ी भूमिका निभा सकती है। सिर्फ समझौते नहीं, बल्कि दिलों के मिलन की कोशिश — यही इस पहल की असली ताकत है।
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