
Saturday, 27 December 2025, 11:45:00 AM. Agra, Uttar Pradesh
शिक्षा की गुणवत्ता को सुदृढ़ करने और शिक्षकों की शैक्षणिक दक्षता को निरंतर सशक्त बनाने की दिशा में अप्सा (एसोसिएशन ऑफ प्रोग्रेसिव स्कूल्स ऑफ आगरा) द्वारा प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला अंग्रेज़ी शिक्षकों के लिए आयोजित की गई, जिसमें अप्सा से संबद्ध 35 विद्यालयों के 123 शिक्षकों ने सहभागिता की।

‘प्रतिभा की पहचान और संवर्धन’ पर केंद्रित रही कार्यशाला
कार्यशाला का विषय “प्रतिभा की पहचान और उसका संवर्धन : विकसित होते भविष्य के लिए एक शिक्षक का दृष्टिकोण” रहा। इस सत्र का उद्देश्य शिक्षकों को छात्र-केंद्रित शिक्षण पद्धतियों से जोड़ना तथा प्रत्येक विद्यार्थी की अंतर्निहित प्रतिभा को पहचानने और उसे निखारने के लिए प्रेरित करना था।

मुख्य वक्ता विक्रांत बहरी ने दिए प्रभावी शिक्षण के मंत्र
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री विक्रांत बहरी ने शिक्षकों को प्रभावी शिक्षण विधियों, नवाचार और आधुनिक तकनीकों के प्रयोग पर विस्तृत मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि हर छात्र में कोई न कोई विशिष्ट प्रतिभा अवश्य होती है, आवश्यकता केवल उसे पहचानने और सही दिशा देने की होती है।
उन्होंने शिक्षकों को विद्यार्थियों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं को समझने, लचीले शिक्षण तरीकों को अपनाने और भविष्य की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षा देने के लिए प्रेरित किया।
तकनीक और नवाचार पर दिया गया विशेष जोर
विक्रांत बहरी ने कहा कि बदलते शैक्षणिक परिदृश्य में शिक्षक की भूमिका केवल पाठ्यक्रम तक सीमित नहीं रह गई है। आज शिक्षक को मार्गदर्शक, प्रेरक और नवाचार का संवाहक बनना होगा, ताकि छात्र वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए स्वयं को तैयार कर सकें।
अप्साध्यक्ष डॉ. सुशील गुप्ता ने रखे कार्यशाला के उद्देश्य
अप्सा अध्यक्ष एवं प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाओं का उद्देश्य शिक्षकों को नवीन शिक्षण तकनीकों से अवगत कराना और छात्रों की प्रतिभा को पहचानने व निखारने के लिए प्रेरित करना है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला से शिक्षक अपने शिक्षण कौशल को और अधिक प्रभावी बना सकेंगे, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य उज्ज्वल होगा।
संवादात्मक गतिविधियों से शिक्षकों को मिली नई ऊर्जा
कार्यशाला के दौरान संवादात्मक गतिविधियों, व्यावहारिक उदाहरणों और अनुभव साझा करने के सत्रों ने शिक्षकों को विशेष रूप से प्रेरित किया। कार्यक्रम का कुशल एवं प्रभावी संचालन विद्यालय की शिक्षिका मोना काबरा द्वारा किया गया।
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