Saturday, 13 December 2025, 1:15:30 AM. Agra, Uttar Pradesh
आगरा। ताजनगरी आगरा में औद्योगिक विकास पर लगी पाबंदियों के बीच आयकर वसूली का दबाव व्यापारियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। इस मुद्दे को नेशनल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स, यूपी, आगरा ने प्रमुखता से उठाया है। शनिवार को चैम्बर भवन में आयोजित एक संवाद सत्र में प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (कानपुर) श्रीमती अपर्णा करन के समक्ष व्यापारियों ने अपनी समस्याएं रखीं। चैम्बर ने तर्क दिया कि चूंकि आगरा ताज संरक्षित क्षेत्र (TTZ) में आता है और यहाँ नए उद्योगों पर प्रतिबंध है, इसलिए कर वसूली (Tax Collection) के लक्ष्य में शहर को विशेष राहत मिलनी चाहिए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल ने की, जबकि संचालन पूर्व अध्यक्ष एवं आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने किया। इस दौरान चैम्बर की ओर से 10 सूत्रीय प्रतिवेदन और प्री-बजट सुझावों का 25 सूत्रीय ज्ञापन भी सौंपा गया।
‘आगरा में उद्योग सीमित, टैक्स का बोझ कम हो’
चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल ने प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त के सामने स्पष्ट कहा, “आगरा ताज संरक्षित क्षेत्र के अंतर्गत आता है। यहाँ किसी भी नए उद्योग को लगाने या पुराने के विस्तारीकरण पर पूर्णतः प्रतिबंध है। ऐसे में प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य निर्धारित करते समय आगरा की विशेष भौगोलिक और कानूनी स्थिति को ध्यान में रखा जाना चाहिए और कर वसूली में राहत दी जानी चाहिए।”

10 सूत्रीय मांग पत्र: रिफंड में देरी और अपील पेंडेंसी पर सवाल
चैम्बर के आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन अनिल वर्मा ने विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए 10 प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया:
- रिफंड में देरी: अपील में जीत के बाद भी रिफंड जारी नहीं किया जाता, जिससे व्यापारियों का कैश फ्लो प्रभावित होता है। इसके लिए एक समयसीमा तय होनी चाहिए।
- मांग पर रोक (Stay of Demand): सीआईटी (ए) के पास अपील लंबित होने पर भी 20% टैक्स जमा करने का दबाव डाला जाता है। यदि विभाग की वजह से अपील लंबित है, तो दंडात्मक कार्रवाई नहीं होनी चाहिए।
- फेसलेस अपील में समस्या: स्थगन याचिका (Adjournment Petition) पर फैसला किए बिना ही एकतरफा आदेश पारित कर दिए जाते हैं, जो न्याय संगत नहीं है।
- सीपीसी की यांत्रिक कार्यप्रणाली: धारा 154 के तहत सुधार आवेदनों को सीपीसी (CPC) बिना तथ्यों को देखे खारिज कर देता है। इसे सुधारने या मैन्युअल निपटान के लिए ट्रांसफर करने की मांग की गई।
ट्रस्टों के नवीनीकरण की तारीख बढ़ाने की मांग
आयकर प्रकोष्ठ की को-चेयरमैन प्रार्थना जालान ने ट्रस्टों के पंजीकरण (12A और 80G) के नवीनीकरण की समस्या उठाई। उन्होंने कहा कि त्योहारी सीजन और ऑडिट के दबाव के चलते कई ट्रस्ट 30 सितंबर 2025 तक आवेदन नहीं कर पाए, इसलिए इसकी समयसीमा बढ़ाई जानी चाहिए। साथ ही, उन्होंने अपीलों के निपटारे के लिए 6 से 12 महीने की समयसीमा तय करने का सुझाव दिया।
को-चेयरमैन राजकिशोर खंडेलवाल ने कहा कि अपीलीय आदेशों में करदाताओं की दलीलों को नजरअंदाज कर सतही आदेश पारित किए जा रहे हैं, जिससे मुकदमेबाजी बढ़ रही है।
प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त बोलीं- ‘करदाता देश की रीढ़’
प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त श्रीमती अपर्णा करन ने व्यापारियों की समस्याओं को गंभीरता से सुना और सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा:
- “विजन 2047 में करदाताओं के सहयोग की अहम भूमिका है। सरकार की मंशा ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास’ है।”
- “विभाग के पास अब उन्नत तकनीक है जिससे टैक्स डेटा मिल जाता है। कर जमा करना करदाता का दायित्व है और विभाग समस्याओं के निदान के लिए प्रतिबद्ध है।”
प्रधान आयकर आयुक्त अनुपम कांत गर्ग ने कहा कि विभाग करदाताओं के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध निभाता है, जबकि पीसीआईटी कानपुर एस.एस. भदौरिया ने करदाताओं को देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताया।
ये रहे मौजूद
कार्यक्रम में चैम्बर अध्यक्ष संजय गोयल, उपाध्यक्ष संजय कुमार गोयल, विवेक जैन, कोषाध्यक्ष संजय अग्रवाल, अनिल वर्मा, प्रार्थना जालान, राजकिशोर खंडेलवाल, सीए एसोसिएशन के चेयरमैन गौरव सिंघल, टैक्सेशन बार के अध्यक्ष अक्षय कुमार कुलश्रेष्ठ सहित कई वरिष्ठ सीए और उद्यमी मौजूद रहे।
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