
Updated: 13 सितम्बर 2025, लखनऊ
योगी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए यह निर्णय लिया है कि गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को अब शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत निजी स्कूलों में सिर्फ उसी वार्ड तक सीमित नहीं रहना होगा जहाँ वे रहते हैं। अब उन्हें दूसरे वार्डों में भी दाखिला मिल सकेगा।
अभी तक की व्यवस्था
अब तक आरटीई के तहत बच्चों को उसी वार्ड के निजी स्कूल में दाखिला मिलता था जहाँ उनका निवास था। इस व्यवस्था से कई बार बच्चों को बेहतर स्कूलों तक पहुँचने में दिक्कत होती थी और विकल्प सीमित हो जाते थे।
नई व्यवस्था का लाभ
नई व्यवस्था लागू होने के बाद गरीब और कमजोर वर्ग के बच्चों को आसपास के दूसरे वार्डों के स्कूलों में भी प्रवेश का अवसर मिलेगा। इससे बच्चों को अच्छी शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित होगा और माता-पिता को भी राहत मिलेगी।
सरकार का उद्देश्य
सरकार का कहना है कि इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षा के क्षेत्र में समान अवसर उपलब्ध कराना है ताकि किसी भी बच्चे को सिर्फ निवास स्थान की सीमा के कारण शिक्षा से वंचित न होना पड़े।
निजी स्कूलों में बढ़ेगा पारदर्शिता
इस कदम से निजी स्कूलों की प्रवेश प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और गरीब बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पाने का मौका मिलेगा।
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