“भारत में टेस्ला की पहली दस्तक: मंत्री ने पोते को गिफ्ट की ₹60 लाख की इलेक्ट्रिक कार”

मुंबई, शुक्रवार, 5 सितम्बर 2025, शाम 6:13 बजे IST

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम तब दर्ज हुआ जब शुक्रवार, 5 सितम्बर को महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाइक ने देश की पहली टेस्ला कार की डिलीवरी ली। यह डिलीवरी मुंबई के बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स स्थित टेस्ला के नए शोरूम से हुई, जहाँ मॉडल Y की पहली यूनिट उन्हें सौंपी गई। इस मौके पर सरनाइक ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल एक कार खरीदना नहीं, बल्कि इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति जागरूकता फैलाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह कार वे अपने पोते को गिफ्ट करेंगे ताकि अगली पीढ़ी सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट की अहमियत को जल्दी समझ सके।

सरनाइक ने कहा कि सही उदाहरण पेश करना और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना आज की जरूरत है। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की उन पहलों का उल्लेख किया जिनके तहत अटल सेतु और समृद्धि एक्सप्रेसवे पर इलेक्ट्रिक वाहनों को टोल छूट दी गई है। साथ ही राज्य परिवहन विभाग ने लगभग 5,000 इलेक्ट्रिक बसें भी खरीदी हैं, जो राज्य के सार्वजनिक परिवहन को हरित दिशा में ले जा रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भले ही इन वाहनों की कीमत थोड़ी अधिक हो, लेकिन दीर्घकालिक लाभ और पर्यावरणीय संतुलन के लिए यह निवेश आवश्यक है।

टेस्ला की भारत में एंट्री को लेकर लंबे समय से उत्सुकता बनी हुई थी। कंपनी ने जुलाई 2025 में बुकिंग शुरू की थी और अब तक लगभग 600 ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। यह संख्या टेस्ला के वैश्विक स्तर की तुलना में बेहद छोटी है, जहाँ कंपनी कुछ घंटों में ही इतनी गाड़ियाँ डिलीवर कर देती है। टेस्ला का लक्ष्य इस साल भारत में 350 से 500 गाड़ियाँ भेजने का है, जिनमें से पहली खेप सितंबर की शुरुआत में शंघाई से आ चुकी है। फिलहाल डिलीवरी केवल मुंबई, दिल्ली, पुणे और गुरुग्राम तक सीमित रहेगी। पहले कंपनी ने 2,500 यूनिट्स का लक्ष्य रखा था, लेकिन भारत में उच्च इम्पोर्ट ड्यूटी के कारण इसे घटाना पड़ा।

भारत में टेस्ला की राह आसान नहीं रही है। सबसे बड़ी चुनौती इसकी कीमत है। मॉडल Y की शुरुआती एक्स-शोरूम कीमत 60 लाख रुपए है, जो भारत में बिकने वाली औसत इलेक्ट्रिक कार (लगभग 22 लाख रुपए) से कहीं ज्यादा है। उच्च इम्पोर्ट ड्यूटी के चलते यह कीमत और बढ़ जाती है। 2025 की पहली छमाही में 45 से 70 लाख रुपए की रेंज में केवल 2,800 प्रीमियम गाड़ियाँ बिकीं। इसी दौरान चीनी कंपनी BYD ने अपनी Sealion 7 SUV के 1,200 से ज्यादा यूनिट्स बेचे, जिसकी शुरुआती कीमत 49 लाख रुपए है। इससे स्पष्ट है कि टेस्ला को भारत में प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।

15 जुलाई को टेस्ला ने भारत में मॉडल Y को लॉन्च किया था, उसी दिन मुंबई के बांद्रा-कुर्ला कॉम्प्लेक्स में अपना पहला शोरूम भी खोला। इस लॉन्च कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उपस्थित थे। टेस्ला ने दावा किया है कि मॉडल Y एक बार फुल चार्ज होने पर 622 किलोमीटर तक चल सकती है। इसमें सेफ्टी के लिए 8 एयरबैग और लेवल-2 एडास जैसे आधुनिक फीचर्स दिए गए हैं। भारत में फिलहाल केवल मॉडल Y बेची जाएगी, जिसकी कीमत अमेरिका की तुलना में लगभग 28 लाख रुपए ज्यादा है।

मॉडल Y को भारत में दो वैरिएंट्स में पेश किया गया है — रियर व्हील ड्राइव (RWD) और लॉन्ग रेंज रियर व्हील ड्राइव (LR RWD)। RWD वैरिएंट की एक्स-शोरूम कीमत 60 लाख रुपए है, जबकि लॉन्ग रेंज वैरिएंट की कीमत 68 लाख रुपए है। ग्लोबल मार्केट में यह कार ऑल व्हील ड्राइव ऑप्शन के साथ भी आती है, लेकिन भारत में फिलहाल केवल सिंगल मोटर वर्जन उपलब्ध है। RWD वैरिएंट 0 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार 5.9 सेकंड में पकड़ता है, जबकि लॉन्ग रेंज वर्जन 5.6 सेकंड में।

कार के एक्सटीरियर में अपडेटेड व्हील्स, टायर्स और ब्रेक्स दिए गए हैं, साथ ही स्मूथ राइड के लिए रिट्यून्ड सस्पेंशन भी है। सिंगल, क्रॉस-कार लैंप दुनिया की पहली इनडायरेक्ट रिफ्लेक्टिव टेललाइट के साथ आता है। इंटीरियर में एम्बिएंट लाइटिंग, रिफाइंड मटेरियल्स और वेंटिलेटेड फर्स्ट-रो सीट्स दी गई हैं। सेकंड-रो सीट्स पावर फोल्डिंग हैं और पीछे 8 इंच की ब्लूटूथ-कंपैटिबल टचस्क्रीन दी गई है। चारों तरफ एकॉस्टिक ग्लास की वजह से केबिन बेहद शांत है। इनविजिबल स्पीकर्स मिनिमलिस्ट लुक के साथ मैक्सिमम ऑडियो परफॉर्मेंस देते हैं।

टेस्ला भारत में अपने विस्तार की योजना पर काम कर रही है। कंपनी मुंबई और दिल्ली में चार्जिंग स्टेशन स्थापित कर रही है और अगले साल दक्षिण भारत में एक नया एक्सपीरियंस सेंटर खोलने की तैयारी में है। हालांकि, उच्च इम्पोर्ट ड्यूटी और सीमित डिलीवरी नेटवर्क के कारण कंपनी को शुरुआती दौर में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। फिर भी, महाराष्ट्र सरकार जैसे राज्य अगर उदाहरण पेश करें और जागरूकता फैलाएं, तो भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की स्वीकार्यता बढ़ सकती है।

प्रताप सरनाइक की पहल केवल एक व्यक्तिगत खरीद नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक संदेश है — कि भारत को सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने होंगे। अगर नीति निर्माता खुद उदाहरण बनें, तो जनता का भरोसा भी बढ़ता है। टेस्ला की यह पहली डिलीवरी भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य की एक झलक है — और यह भविष्य अब केवल कल्पना नहीं, वास्तविकता बनता जा रहा है।

Thakur Pawan Singh

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