- डॉ प्रशांत गुप्ता के संरक्षण में आयोजित हुआ कार्यक्रम
- टीबी उन्मूलन की दिशा में नवाचार और रणनीतियाँ
- अतिथि वक्ताओं ने टीबी के विभिन्न पहलुओं पर विचार व्यक्त किए
सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज, आगरा के प्रधानाचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता के संरक्षण में आज, 28 फरवरी 2025 को NTEP (राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम) के अंतर्गत मेडिकल कॉलेज फैकल्टी के लिए रेस्पिरेटरी रीजनल ट्यूबरकुलोसिस प्रोग्राम मैनेजमेंट यूनिट स्तर की ट्रेनिंग आयोजित की गई। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य टीबी (क्षय रोग) उन्मूलन की दिशा में नवाचार और रणनीतियों पर चर्चा करना था।
टीबी एक गंभीर संक्रामक रोग है जिसे खत्म करने के लिए वैश्विक और राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किए जा रहे हैं। भारत सरकार ने राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 2025 तक टीबी खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जो WHO के 2030 लक्ष्य से 5 साल पहले है।
कार्यक्रम के दौरान अतिथि वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। डॉ सूर्यकांत त्रिपाठी ने 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान के मकसद, टीबी से होने वाली मौतों को कम करना और नए संक्रमण को रोकने पर प्रकाश डाला। हाँ गजेन्द्र विक्रम सिंह ने टीबी के लक्षण, निदान, इलाज और रोकथाम के बारे में समझाया। डॉ संतोष कुमार ने टीबी दवाओं से होने वाले दुष्प्रभाव और उनसे बचाव के उपायों के बारे में बताया। डॉ सचिन कुमार गुप्ता ने टीबी के उपचार को विस्तार से समझाया। डॉ राजेंद्र प्रसाद ने रोचक चेस्ट X-Ray विषय पर प्रकाश डाला। डॉ रिचा मिश्रा ने टीबी की लैब डायग्नोसिस के बारे में बताया। डॉ सुधीर चौधरी ने टीबी की बीमारी में चेस्ट X-Ray के महत्व के बारे में बताया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ ज्योति बाजपई, डॉ संजीव लवानिया, डॉ मधु नायक, डॉ अतिहर्ष अग्रवाल, और डॉ मधुरम्य शास्त्री ने भी टीबी बीमारी से संबंधित मुख्य विषयों पर प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य डॉ प्रशांत गुप्ता ने कहा कि 100 दिवसीय टीबी उन्मूलन अभियान भारत की टीबी मुक्त राष्ट्र की ओर यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।