दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर अचानक खतरनाक रूप से बढ़ गया है, जिससे लोगों को सांस लेने में कठिनाई सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार देर रात से चली धूल भरी आंधी ने दिल्ली-एनसीआर की हवा में जहर घोल दिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 292 दर्ज किया गया, जो बीते दिन की तुलना में सीधे 157 अंकों की चिंताजनक वृद्धि है। इससे हवा ‘मध्यम’ श्रेणी से खिसककर ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई है।
धूल भरी आंधी ने आसमान किया पीला, स्वास्थ्य पर पड़ा असर
बुधवार देर रात से लेकर बृहस्पतिवार सुबह तक राजधानी और आसपास के इलाकों में चली तेज धूल भरी आंधी इस प्रदूषण वृद्धि का मुख्य कारण रही। रात से ही धूल की एक मोटी परत ने पूरे आसमान को ढक लिया, जिससे सुबह आसमान का रंग पीला दिखाई दिया और दृश्यता में भारी कमी आई। धूल भरी आंधी के कारण प्रदूषण स्तर में अचानक आए इस उछाल से सबसे अधिक परेशानी बच्चों, बुर्जुगों और पहले से ही सांस की बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को हुई। कई लोग सुबह घरों से बाहर निकलते समय मास्क लगाते हुए देखे गए। यह स्थिति दर्शाती है कि हवा की गुणवत्ता रातोंरात कितनी खराब हो गई।
NCR के शहरों का हाल: गुरुग्राम सबसे प्रदूषित
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के अलावा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य शहरों की हवा की गुणवत्ता भी प्रभावित हुई। बृहस्पतिवार को एनसीआर में गुरुग्राम की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही, जहां एक्यूआई 316 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई सबसे कम (246) रहा, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में है। इसके अलावा, नोएडा में एक्यूआई 276 और गाजियाबाद में एक्यूआई 278 दर्ज किया गया, दोनों ‘खराब’ श्रेणी में रहे। इस तरह गुरुग्राम पूरे एनसीआर में सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा।
कहां से आई धूल? विशेषज्ञों ने बताई वजह
पर्यावरण विशेषज्ञों के अनुसार, हवा में अचानक धूल की इस घनी परत का कारण पंजाब और हरियाणा के ऊपर चलने वाली तेज पश्चिमी हवाएं हैं, जिन्होंने पाकिस्तान से आई धूल भरी आंधी को दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र तक पहुंचाया। इस कारण पूरे इलाके में धूल की एक घनी चादर छा गई, जिससे न केवल प्रदूषण बढ़ा बल्कि दृश्यता भी बुरी तरह प्रभावित हुई। भारतीय उष्णकटिबंधीय मेट्रोलॉजी संस्थान (आईआईटीएम) के आंकड़ों के मुताबिक, बृहस्पतिवार को अनुमानित मिक्सिंग डेप्थ 4500 मीटर रही और वेंटिलेशन इंडेक्स 30000 वर्ग मीटर प्रति सेकंड दर्ज की गई, जो इन मौसमी स्थितियों को दर्शाती है।
कब तक मिलेगी राहत? जानें पूर्वानुमान
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने उम्मीद जताई है कि हवा की गुणवत्ता में जल्द सुधार हो सकता है। पूर्वानुमान के अनुसार, शनिवार तक दिल्ली की हवा ‘मध्यम’ श्रेणी में पहुंचने की संभावना है, जिससे लोगों को इस जहरीली हवा से कुछ राहत मिल सकेगी। हवा की दिशा और गति की बात करें तो बृहस्पतिवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली। शुक्रवार को हवा उत्तर-पश्चिम दिशा से 15 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चल सकती है। शनिवार को हवा की गति थोड़ी बढ़कर उत्तर-पश्चिम दिशा से 20 किलोमीटर प्रति घंटे रहने का अनुमान है, जबकि रविवार को यह 18 किलोमीटर प्रति घंटे रह सकती है। हवा की गति बढ़ने से धूल के कणों के छंटने में मदद मिलेगी।