गुरुवार, 19 जून 2025, 7:24:25 AM. आगरा, उत्तर प्रदेश।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का श्रेय लेने की डोनाल्ड ट्रंप की होड़ के बीच, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति से पहली बार फोन पर बात हुई। 35 मिनट चली इस बातचीत में पीएम मोदी ने आतंकवाद पर भारत के सख्त रुख को स्पष्ट करते हुए डोनाल्ड ट्रंप को साफ शब्दों में कह दिया कि भारत को अमेरिका के साथ किसी ट्रेड डील का कोई लालच नहीं है, और आतंकवाद के खिलाफ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा।
विदेश सचिव ने दी जानकारी: आतंकवाद पर भारत का अटल रुख
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इस बातचीत का ब्यौरा देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से कहा कि “पाकिस्तान की गोली का जवाब भारत गोले से देगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के अटल निश्चय को दोहराते हुए ट्रंप से कहा कि भारत किसी भी ट्रेड डील का सहारा नहीं लेगा और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई जारी रहेगी। यह बयान भारत की संप्रभुता और आतंकवाद के प्रति उसकी शून्य-सहिष्णुता की नीति को रेखांकित करता है।
ऑपरेशन सिंदूर और मध्यस्थता के अमेरिकी दावे
ज्ञात हो कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, 6 मई की रात को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च किया था, जिसके तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों को तबाह किया गया। इसके बाद, 7 मई को पाकिस्तान ने बौखलाहट में भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला करने की नाकाम कोशिश की, और भारत ने भी इसका मुंहतोड़ जवाब दिया। 3-4 दिन तक चली इस छोटी लड़ाई के बाद, पाकिस्तान के आग्रह पर दोनों देशों ने सीजफायर का फैसला किया। हालांकि, इस पूरे घटनाक्रम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप बार-बार यह कहते नजर आए थे कि उन्होंने सीजफायर के लिए भारत और पाकिस्तान की मध्यस्थता करवाई है, जिसे भारत ने लगातार खारिज किया है।
डोनाल्ड ट्रंप ने उस वक्त यह भी बताया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा है, ‘मैं तुम्हें बहुत ट्रेड दूंगा, युद्ध खत्म कर दो।’ यह बयान ट्रंप की उस धारणा को दर्शाता है, जिसमें वे आर्थिक प्रलोभन के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने की कोशिश करते हैं।
रद्द हुई मुलाकात और फोन पर चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी 17 जून को जी-7 सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कनाडा गए थे। यहाँ उनकी सम्मेलन से इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात तय थी। हालांकि, ट्रंप सम्मेलन पूरा होने से पहले ही वापस लौट आए, जिसकी वजह से यह बहुप्रतीक्षित मुलाकात नहीं हो सकी। इसी कारण, ट्रंप ने अब पीएम मोदी को फोन करके अमेरिका आने का न्यौता दिया है। हालांकि, प्रधानमंत्री का पहले से ही कनाडा से वापसी में क्रोएशिया का दौरा शेड्यूल है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर ही, दोनों नेताओं की फोन पर बात हुई, जो लगभग 35 मिनट चली। विक्रम मिसरी ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप से यह भी साफ कहा, ‘7-10 मई के बीच न तो भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर बात हुई और न ही भारत और पाकिस्तान की लड़ाई खत्म करवाने के लिए अमेरिका की मध्यस्थता पर किसी भी स्तर पर कोई बात हुई।’ यह बयान भारत की स्वतंत्र विदेश नीति और पाकिस्तान के साथ अपने द्विपक्षीय मुद्दों को स्वयं सुलझाने की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।