
Friday, 29 August 2025, 8:12:15 PM. Agra, Uttar Pradesh
आगरा के शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, सेक्टर 7 आवास विकास कॉलोनी, सिकंदरा में आज पर्युषण महापर्व का शुभारंभ हुआ। प्रथम दिवस पर शाश्वत पर्व दशलक्षण के आरंभिक दिन को उत्तम क्षमा धर्म के रूप में मनाया गया। सुबह सर्वप्रथम मूलनायक भगवान श्री शांतिनाथ जी का अभिषेक चार महानुभावों द्वारा स्वर्ण कलश से किया गया। इसके साथ ही पांडुक शिला पर विराजमान भगवानों का सौ से अधिक इंद्रों ने अभिषेक कर पुण्य अर्जित किया।
विधिविधान की सभी क्रियाओं का संचालन श्रमण ज्ञान भारती, मथुरा से पधारे श्री अंशुल शास्त्री जी तथा अन्य विद्वानों ने किया। इस अवसर पर महती धर्म प्रभावना का आयोजन हुआ। पंडित शास्त्री जैन शास्त्री जी ने अपने प्रवचन में कहा कि क्षमा कायरता नहीं बल्कि बड़प्पन का प्रतीक है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्पात कायरता है क्योंकि उत्पाती व्यक्ति अपने भीतर उठने वाले बैर, क्रोध और अहंकार जैसे शत्रुओं के सामने हार मान चुका होता है। आत्मविजेता कभी उत्पात नहीं कर सकता और न ही अहंकारी तथा क्रोधी व्यक्ति क्षमाभाव रख सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि क्षमा आत्मविजय का प्रतीक है। उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने शिशुपाल की सौ भूलों को क्षमा किया, ईसा मसीह ने अपने शत्रुओं के लिए प्रभु से क्षमा की प्रार्थना की, प्रभु राम ने कैकयी के अपराध को उदारता से माफ किया और भगवान महावीर स्वामी ने गोशालक की शरारतों को सहन कर क्षमाभाव का परिचय दिया। इसी प्रकार स्वामी दयानंद ने जहर देने वाले के प्रति भी वैर-भाव नहीं रखा। क्षमा की इस महिमा को सभी महापुरुषों ने स्वीकारा है, किंतु भगवान महावीर ने इसे और अधिक महिमामंडित किया।
जैन धर्म का प्रमुख पर्व सम्वत्सरी महापर्व भी क्षमापर्व के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य संदेश है कि जिस किसी भी व्यक्ति के प्रति मन में वैर-विरोध है, उससे क्षमा याचना कर हृदय का बोझ हल्का करना चाहिए।
इस अवसर पर श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन समिति के अध्यक्ष राजेश बैनाड़ा, मंत्री विजय जैन निमोरब, मगन कुमार जैन, महेश चंद्र जैन, अरुण जैन, अनिल आदर्श जैन, सतीश जैन, हेमा जैन, राकेश जैन, राजेंद्र जैन, मोहित जैन, प्रशांत जैन, विपुल जैन, सिद्धार्थ जैन, अनंत जैन, विपिन जैन सहित बड़ी संख्या में सकल जैन समाज मौजूद रहा।
मीडिया प्रभारी राहुल जैन ने बताया कि 29 अगस्त 2025 को प्रातः 7:30 बजे से उत्तम मार्दव धर्म की पूजा, अभिषेक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा।






