
Tue, 26 Aug 2025 03:50 PM IST
मनोज तिवारी का बड़ा आरोप: ‘धोनी ने सिर्फ पसंदीदा खिलाड़ियों का किया समर्थन’
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बल्लेबाज मनोज तिवारी ने अपने छोटे अंतरराष्ट्रीय करियर पर खुलकर बात करते हुए, पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तिवारी ने कहा है कि धोनी की कप्तानी में उन्हें उनके प्रदर्शन के अनुसार पर्याप्त मौके और समर्थन नहीं मिला। यह बयान ऐसे समय में आया है जब कुछ समय पहले गौतम गंभीर भी धोनी के फैसलों पर सवाल उठा चुके हैं।
प्रदर्शन के बावजूद नजरअंदाज किए गए तिवारी
मनोज तिवारी ने अपने करियर के संघर्षों को याद करते हुए बताया कि उन्हें तत्कालीन कप्तान और टीम प्रबंधन का पर्याप्त समर्थन नहीं मिला। उन्होंने 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ एकदिवसीय मैच में शतक लगाया था, जिसके बाद भारत ने सीरीज 4-1 से जीती थी। इसके बावजूद, उन्हें अगला मौका जुलाई 2012 में मिला। उस मैच में उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ चार विकेट लेकर टीम को जीत दिलाई, लेकिन इसके बाद भी उन्हें लगातार टीम से बाहर रखा गया। तिवारी का मानना है कि इन अच्छे प्रदर्शनों के बावजूद उन्हें वो मौके नहीं मिले, जो अन्य खिलाड़ियों को दिए जाते थे।
तिवारी ने एक स्पोर्ट्स वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा, “धोनी की नेतृत्व क्षमता बहुत अच्छी थी, लेकिन मेरे मामले में मुझे नहीं पता। मुझे लगता है कि उस समय कुछ ऐसे लोग थे जिन्हें वह सचमुच पसंद करते थे और जिनका उन्होंने पूरा समर्थन किया था।” उन्होंने यह भी कहा कि क्रिकेट में पसंद और नापसंद की राजनीति बहुत गहरी होती है और हो सकता है कि धोनी उन्हें पसंद नहीं करते हों।
तिवारी के मन में अभी भी हैं कई सवाल
धोनी के फैसलों से मनोज तिवारी को बहुत ठेस पहुंची है। उनका मानना है कि उन्हें अपने समकालीन खिलाड़ियों की तरह समर्थन और मौके नहीं मिले। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि इसका जवाब धोनी, डंकन फ्लेचर और चयनकर्ताओं के पास ही है, क्योंकि मुझे आज तक कोई जवाब नहीं मिला।”
तिवारी ने साफ किया कि वह किसी को फोन करके जवाब नहीं मांगते, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब भी उन्हें धोनी से मिलने का मौका मिलेगा, तो वह उनसे जरूर पूछेंगे कि शतक लगाने के बावजूद उन्हें टीम से बाहर क्यों रखा गया था।
तिवारी ने धोनी की नेतृत्व क्षमता का सम्मान करते हुए भी अपने अनुभव को सबके सामने रखा। उन्होंने कहा, “बहुत से खिलाड़ी ऐसे हैं जो धोनी के अपने खिलाड़ियों के समर्थन के तरीके से अलग राय रखते हैं। मेरे अनुभव में, मैं सिर्फ अपना अनुभव बता सकता हूँ। अगर उन्होंने सचमुच अपने खिलाड़ियों का समर्थन किया होता, तो उन्होंने मेरा भी जरूर समर्थन करना चाहिए था, क्योंकि मैंने उस खास मैच में अच्छा प्रदर्शन किया था।”