आगरा, उत्तर प्रदेश (मंगलवार, 13 मई, 2025): आगरा शहर के व्यस्त हरीपर्वत थाना क्षेत्र में स्थित प्रतिष्ठित पुष्पांजलि अस्पताल मंगलवार की सुबह एक बड़ी आपदा का साक्षी बनने से बाल-बाल बच गया। अस्पताल की चौथी मंजिल पर संचालित अति संवेदनशील नवजात गहन चिकित्सा इकाई (NICU) और बाल चिकित्सा गहन चिकित्सा इकाई (PICU) में अचानक आग भड़क उठी, जिससे वहां जीवन रक्षक प्रणालियों पर निर्भर नौ नवजात शिशुओं और बच्चों की जान पर बन आई। इस अप्रत्याशित घटना ने कुछ पलों के लिए अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी और गंभीर चिंता का माहौल पैदा कर दिया।
घटनाक्रम के अनुसार, सुबह के समय जब अस्पताल की गतिविधियां सामान्य रूप से शुरू हो रही थीं, तभी चौथी मंजिल से संदिग्ध धुएं के गुबार उठते देखे गए। NICU और PICU जैसे महत्वपूर्ण वार्डों के पास धुएं की उपस्थिति ने अस्पताल कर्मचारियों को तत्काल सचेत कर दिया। यह वो इकाइयाँ हैं जहाँ समय से पहले जन्मे या गंभीर रूप से बीमार बच्चों को विशेष चिकित्सा देखभाल और निरंतर निगरानी में रखा जाता है। खतरे की गंभीरता को भांपते हुए, अस्पताल के सतर्क कर्मचारियों ने बिना एक क्षण भी गंवाए आपातकालीन प्रक्रिया को सक्रिय किया और तुरंत स्थानीय अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी।
सूचना मिलते ही, आगरा फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां सायरन बजाती हुईं तेजी से पुष्पांजलि अस्पताल की ओर रवाना हुईं। मौके पर पहुँचते ही अग्निशमन कर्मियों ने पेशेवर दक्षता का परिचय देते हुए तुरंत आग पर काबू पाने की चुनौतीपूर्ण कवायद शुरू कर दी। चौथी मंजिल, विशेषकर NICU और PICU वार्डों तक पहुँचने और वहां फंसे बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई। अस्पताल के कर्मचारियों, सुरक्षा गार्डों और अग्निशमन दल के बीच एक सराहनीय समन्वय देखने को मिला, जिसके परिणामस्वरूप आग को और फैलने से पहले ही सफलतापूर्वक बुझा दिया गया। प्रारंभिक जांच में आग लगने का संभावित कारण विद्युत शॉर्ट सर्किट माना जा रहा है, हालांकि इसकी विस्तृत तकनीकी जांच अभी बाकी है।

इस भयावह घटना का सबसे सुखद पहलू यह रहा कि इसमें किसी भी बच्चे या अस्पताल के किसी भी सदस्य को कोई चोट नहीं आई और न ही कोई हताहत हुआ। यह सभी के लिए एक बड़ी राहत की बात थी। आग की सूचना मिलते ही एक त्वरित और सुनियोजित बचाव अभियान के तहत NICU और PICU में भर्ती सभी नौ बच्चों को अत्यंत सावधानी के साथ धुएं और आग की लपटों से दूर, अस्पताल के एक अन्य सुरक्षित वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। अस्पताल के डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की एक टीम तुरंत इन बच्चों के स्वास्थ्य की निरंतर निगरानी और आवश्यक देखभाल में जुट गई।
हालांकि, इस अग्निकांड के कारण NICU और PICU वार्डों में मौजूद कुछ जीवन रक्षक उपकरण, चिकित्सा आपूर्तियाँ और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर को नुकसान पहुंचा है, जिसका मूल्यांकन किया जा रहा है।
घटना की सूचना पाते ही जिला प्रशासन और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी स्थिति का जायजा लेने के लिए पुष्पांजलि अस्पताल पहुँचे। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से घटना के बारे में विस्तृत जानकारी ली और बचाव कार्यों की समीक्षा की। अस्पताल के प्रबंधन ने मीडिया और चिंतित परिजनों को संबोधित करते हुए बताया कि सभी बच्चे पूरी तरह से सुरक्षित हैं और उनकी सर्वोत्तम देखभाल की जा रही है। प्रबंधन ने आग लगने के सटीक कारणों का पता लगाने के लिए एक आंतरिक जांच समिति गठित करने और भविष्य में ऐसी किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना को रोकने के लिए अस्पताल के अग्नि सुरक्षा मानकों की समीक्षा कर उन्हें और सुदृढ़ करने का भी आश्वासन दिया।
इस घटना ने उन माता-पिता और परिजनों को गहरे सदमे और चिंता में डाल दिया था, जिनके बच्चे इन वार्डों में भर्ती थे। आग की खबर फैलते ही कई परिजन घबराहट में अस्पताल की ओर भागे। अस्पताल प्रशासन ने उन्हें धैर्य बंधाया और उनके बच्चों की कुशलता की जानकारी देकर उन्हें आश्वस्त किया।