नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान को दो टूक और बेहद कड़ा संदेश दिया है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर साफ कर दिया कि पाकिस्तान अवैध रूप से कब्जा किए गए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली करे और सीमा पार आतंकवाद को तुरंत रोके। भारत ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के आतंकवाद को समर्थन देने के कारण ही दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को फिलहाल ‘स्थगित’ कर दिया गया है और यह तभी बहाल होगी जब पाकिस्तान विश्वसनीय तरीके से आतंक का साथ छोड़ देगा।
PoK पर भारत की अटल नीति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर भारत की स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने जिस क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है, उसे उसे हर हाल में खाली करना होगा। यह भारत की एक अपरिवर्तनीय और अटूट नीति रही है। भारत पूरे जम्मू और कश्मीर राज्य को अपना अभिन्न अंग मानता है, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाला क्षेत्र भी शामिल है। इस पर किसी भी तरह के समझौते का सवाल ही नहीं उठता। प्रवक्ता ने जोर देकर कहा कि PoK पर भारत का दावा ऐतिहासिक और कानूनी रूप से मान्य है और पाकिस्तान का इस क्षेत्र पर नियंत्रण पूरी तरह से अवैध है।
सिंधु जल संधि: आतंकवाद के कारण ‘स्थगित’
सिंधु जल संधि के मुद्दे पर बात करते हुए रणधीर जायसवाल ने बताया कि कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) के फैसले के बाद सिंधु जल संधि को ‘स्थगित’ कर दिया गया है। यह 1960 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुई एक महत्वपूर्ण संधि है, जो दोनों देशों के बीच सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों के जल बंटवारे के नियमों को निर्धारित करती है। यह संधि मूल रूप से सद्भावना और मित्रता की भावना के साथ दोनों देशों के बीच सहयोग के प्रतीक के तौर पर की गई थी, जैसा कि इसकी प्रस्तावना में भी कहा गया है।
आतंकवाद ने किया संधि का उल्लंघन
जायसवाल ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान ने दशकों से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देकर इस संधि के मूल सिद्धांतों का उल्लंघन किया है। आतंकवाद और सद्भावना एक साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान लगातार भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को समर्थन दे रहा है, जो शांति और सहयोग की भावना के खिलाफ है जिस पर यह संधि आधारित है। इसलिए, CCS के निर्णय के अनुसार, भारत इस संधि को तब तक स्थगित रखेगा जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को मज़बूती से और स्थायी रूप से छोड़ नहीं देता। यह पाकिस्तान की जिम्मेदारी है कि वह आतंकवाद के बुनियादी ढांचे को नष्ट करे, आतंकी समूहों को फंडिंग और समर्थन देना बंद करे और भारत के खिलाफ अपनी जमीन का इस्तेमाल न होने दे।
खुद को मूर्ख बना रहा है पाकिस्तान
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हमने पाकिस्तान के पक्ष से आए बयान को देखा है। जिस देश ने दशकों से ‘औद्योगिक पैमाने’ पर आतंकवाद को पाला पोसा और बढ़ावा दिया है, उसका यह सोचना कि वह इसके परिणामों से बच सकता है, सरासर खुद को धोखा देना है। पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि आतंकवाद को राजकीय नीति के तौर पर इस्तेमाल करने के गंभीर परिणाम होते हैं। पाकिस्तान जितनी जल्दी इस सच्चाई को समझ लेगा और अपनी नीतियों में बदलाव करेगा, यह उसके और क्षेत्र की स्थिरता और शांति के लिए उतना ही बेहतर होगा।
कुल मिलाकर, भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि PoK पर उसकी स्थिति अपरिवर्तनीय है और सीमा पार आतंकवाद को रोके बिना सिंधु जल संधि जैसे द्विपक्षीय समझौतों पर सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो सकती। गेंद अब पाकिस्तान के पाले में है।