Shopping cart

Magazines cover a wide array subjects, including but not limited to fashion, lifestyle, health, politics, business, Entertainment, sports, science,

TnewsTnews
  • Home
  • Sports
  • भारत बनाम इंग्लैंड: जायसवाल और गिल के शतकों ने रचा इतिहास
Sports

भारत बनाम इंग्लैंड: जायसवाल और गिल के शतकों ने रचा इतिहास

Email :

हेडिंग्ले, लीड्स: 20 जून, 2025

भारतीय टेस्ट क्रिकेट के एक नए युग की शुरुआत हेडिंग्ले में शानदार अंदाज़ में हुई है। यशस्वी जायसवाल और नव नियुक्त कप्तान शुभमन गिल के शतकों की बदौलत भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के पहले दिन स्टंप्स तक 3 विकेट के नुकसान पर 359 रन बनाकर अपना दबदबा कायम कर लिया है। यह पूरी तरह से भारत के नाम का दिन रहा, जिसमें मेहमान टीम ने आक्रामक लेकिन संयमित बल्लेबाजी का शानदार प्रदर्शन किया, जिससे कोहली और रोहित के बाद के बदलावों को लेकर उठ रही हर फुसफुसाहट शांत हो गई।

बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला किया था, उम्मीद थी कि पिच से उनके तेज़ गेंदबाजों को शुरुआती मदद मिलेगी। हालांकि, धूप भरी परिस्थितियों और एक आश्चर्यजनक रूप से सपाट पिच ने घरेलू टीम के आक्रमण को बेअसर कर दिया, जिससे भारत के युवा ब्रिगेड को शुरू से ही नियंत्रण हासिल करने और एक विशाल पहली पारी के लिए मजबूत नींव रखने का मौका मिला।

सुबह का सत्र: राहुल और जायसवाल ने दी ठोस शुरुआत

हेडिंग्ले का माहौल बिजली जैसा था जब भारत की नई सलामी जोड़ी केएल राहुल और यशस्वी जायसवाल इंग्लिश आक्रमण का सामना करने के लिए मैदान पर उतरे। क्रिस वोक्स ने नई ड्यूक गेंद के साथ कार्यवाही शुरू की, लेकिन शुरुआती ओवरों से ही यह स्पष्ट हो गया कि अपेक्षित स्विंग और सीम मूवमेंट उतना नहीं था जितना इंग्लैंड को उम्मीद थी।

जायसवाल ने विशेष रूप से शुरुआती बढ़त बनाने की कोशिश की, उन्होंने शानदार टाइमिंग के साथ ड्राइव लगाए और ऑफ-साइड फील्ड को भेदा। उन्होंने वोक्स और जोश टोंग दोनों के खिलाफ बाउंड्री लगाई, जिससे उनकी स्वाभाविक आक्रामकता प्रदर्शित हुई। केएल राहुल ने अधिक सधी हुई पारी खेली, जायसवाल का बखूबी साथ दिया, स्ट्राइक रोटेट करते रहे और ढीली गेंदों को बाउंड्री के पार पहुंचाया। इस जोड़ी ने बिना किसी परेशानी के अपनी पचास रन की साझेदारी पूरी की, जिससे भारत के हौसले बुलंद हुए और उन्होंने अपने इरादे साफ कर दिए।

पहला घंटा भारत के सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रमाण था, क्योंकि उन्होंने शुरुआती तेज़ गेंदबाज़ी का सराहनीय संयम के साथ सामना किया। इंग्लैंड के गेंदबाज, जिनमें ब्राइडन कार्स भी शामिल थे, लगातार लाइन और लेंथ खोजने के लिए संघर्ष कर रहे थे, अक्सर या तो बहुत चौड़ी या बहुत फुल गेंदें फेंक रहे थे, जिससे भारतीय सलामी बल्लेबाजों को आसानी से रन बनाने का मौका मिल रहा था। बेन स्टोक्स खुद आक्रमण पर आए, कुछ आग लगाने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयासों को भी ठोस रक्षा और अच्छी टाइमिंग वाले आक्रमण से जवाब मिला।

ठीक जब लग रहा था कि भारत बिना किसी नुकसान के लंच तक पहुंच जाएगा, इंग्लैंड को कुछ हद तक सफलता मिली। ब्राइडन कार्स ने, अच्छी गति से गेंदबाज़ी करते हुए, केएल राहुल से एक गलत शॉट निकलवाया, जो एक धाराप्रवाह 42 रन बनाकर आउट हो गए। इससे साई सुदर्शन क्रीज पर आए, लेकिन उनकी पारी दुखद रूप से छोटी रही। स्टोक्स ने, एक अवसर को भांपते हुए, एक शानदार गेंद फेंकी जिसने सुदर्शन के बल्ले का किनारा लिया, और उन्हें लंच ब्रेक से ठीक पहले शून्य पर वापस पवेलियन भेज दिया।

दो देर से गिरे विकेटों के बावजूद, भारत लंच तक 2 विकेट के नुकसान पर 92 रनों के मजबूत स्कोर पर था, जिसका श्रेय काफी हद तक जायसवाल की आत्मविश्वास भरी शुरुआत और शुरुआती साझेदारी द्वारा रखी गई नींव को जाता है। स्कोरबोर्ड ने मेहमानों के लिए एक आशाजनक पहले सत्र को दर्शाया, लेकिन इंग्लैंड ने अपनी उम्मीदों को जीवित रखने के लिए पर्याप्त रूप से विकेट चटकाए थे।

लंच के बाद का पुनरुत्थान: जायसवाल और गिल ने बनाया रनों का पहाड़

दिन के दूसरे सत्र में भारत ने वास्तव में खेल पर अपना दबदबा कायम किया, जिससे इंग्लैंड के गेंदबाज यॉर्कशायर की धूप में संघर्ष करते रहे। यशस्वी जायसवाल, दो जल्दी विकेट गिरने से अप्रभावित, अपना आक्रामक रन-स्कोरिंग जारी रखा, जबकि उनके नए कप्तान, शुभमन गिल, क्रीज पर उनके साथ शामिल हुए और एक यादगार पारी की शुरुआत की।

गिल ने, भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में अपनी शुरुआत करते हुए, लालित्य और अधिकार का मिश्रण प्रदर्शित किया जो उनकी उम्र और अवसर को झुठलाता था। उन्होंने सावधानी से शुरुआत की, अपनी आंखें जमाईं, लेकिन जल्द ही अपनी लय पाई, कुछ लुभावने ड्राइव और फ्लिक खेले। उनका फुटवर्क अनुकरणीय था, जिससे इंग्लिश गेंदबाजों द्वारा उत्पन्न की गई किसी भी स्विंग या सीम मूवमेंट को बेअसर कर दिया गया।

जायसवाल और गिल के बीच की साझेदारी फली-फूली, जो टेस्ट मैच बल्लेबाजी के एक प्रभावशाली प्रदर्शन में बदल गई। जायसवाल ने एक आत्मविश्वास भरे स्ट्रोक के साथ अपना अर्धशतक पूरा किया, विशेष रूप से ऑफ-साइड के माध्यम से आसानी से बाउंड्री ढूंढते रहे। वह किसी भी चौड़ी गेंद पर गंभीर थे, कट और ड्राइव सटीक रूप से लगाते थे। गिल ने, दूसरी ओर, अधिक शास्त्रीय दृष्टिकोण प्रदर्शित किया, कवर के माध्यम से गेंद को हल्के से खेलते थे और अपनी कलाई का विनाशकारी प्रभाव से लेग साइड पर उपयोग करते थे।

इंग्लैंड का गेंदबाजी आक्रमण रनों के प्रवाह के साथ तेजी से निराश दिख रहा था। क्रिस वोक्स और ब्राइडन कार्स को जवाब खोजने में मुश्किल हुई, जबकि शोएब बशीर की स्पिन, हालांकि कभी-कभी किफायती थी, कोई महत्वपूर्ण मौका बनाने में विफल रही। जोश टोंग ने अपनी गति के बावजूद, महत्वपूर्ण सफलताएं नहीं मिल पाईं। इंग्लिश खेमे में निराशा स्पष्ट थी, कप्तान बेन स्टोक्स विभिन्न क्षेत्ररक्षण प्लेसमेंट और गेंदबाजी परिवर्तनों की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बहुत कम फायदा हुआ।

साझेदारी ने 100 रन का आंकड़ा पार कर लिया, और दोनों बल्लेबाज बड़े स्कोर के लिए तैयार दिख रहे थे। जायसवाल ने, निरंतर आक्रामकता की अवधि के बाद, एक शानदार शतक लगाया, इंग्लैंड में उनका पहला शतक, प्वाइंट के माध्यम से एक सिंगल के साथ। यह एक अच्छी तरह से योग्य मील का पत्थर था, जो इरादे और बेदाग टाइमिंग की नींव पर बना था। युवा बाएं हाथ के बल्लेबाज ने शांत आत्मविश्वास के साथ जश्न मनाया जो कई और आने वाले शतकों का सुझाव देता था।

चाय के करीब, भारत एक अदम्य स्थिति में था। जायसवाल और गिल ने न केवल शुरुआती झटकों के बाद पारी को स्थिर किया था, बल्कि स्कोरिंग दर को भी तेज किया था, जिससे इंग्लैंड पूरी तरह से पीछे हट गया था। भारत चाय ब्रेक तक 215 रन पर 2 विकेट पर था, इस सत्र में बिना कोई विकेट खोए शानदार 123 रन जोड़े थे।

शाम का सत्र: गिल का कप्तानी शतक और पंत का तूफान

दिन के अंतिम सत्र ने भारत के लिए और अधिक खुशी लाई, हालांकि इंग्लैंड ने एक महत्वपूर्ण विकेट लेने में कामयाबी हासिल की। चाय के बाद खेल फिर से शुरू होने के तुरंत बाद, बेन स्टोक्स ने इंग्लैंड के लिए एक बहुप्रतीक्षित सफलता दिलाई, जिससे शतकवीर यशस्वी जायसवाल 101 रन पर आउट हो गए। स्टोक्स की यह एक शानदार गेंद थी, जो एक लेंथ पर पिच हुई और जायसवाल के बचाव को भेदने और उनके स्टंप्स को हिलाने के लिए पर्याप्त रूप से सीधी हो गई। भीड़ खुशी से झूम उठी, उम्मीद कर रही थी कि यह वह मोड़ होगा जिसकी इंग्लैंड को सख्त जरूरत थी।

हालांकि, उनकी उम्मीदें जल्दी ही टूट गईं। ऋषभ पंत, नंबर पांच पर बल्लेबाजी करने आए, अपने कप्तान शुभमन गिल के साथ क्रीज पर शामिल हुए, और इस जोड़ी ने भारत की अथक स्कोरिंग जारी रखी। गिल, जो चुपचाप नब्बे के दशक में पहुंच गए थे, ने जोश टोंग के खिलाफ एक शानदार बाउंड्री के साथ एक शानदार शतक लगाया, भारत के टेस्ट कप्तान के रूप में उनका पहला शतक। यह हर मायने में एक कप्तान की पारी थी – संयमित, धाराप्रवाह और प्रभावशाली। वह टेस्ट कप्तान के रूप में पदार्पण पर शतक बनाने वाले केवल पांचवें भारतीय बन गए, जो विजय हजारे, सुनील गावस्कर, दिलीप वेंगसरकर और विराट कोहली जैसे दिग्गजों की सूची में शामिल हो गए। जश्न控えत था, जो हाथ में गंभीर कार्य का संकेत था।

पंत ने अपनी स्वाभाविक आक्रामकता के अनुरूप, जल्दी ही अपनी लय पकड़ी। उन्होंने गणनात्मक जोखिम लिए, साहसी स्ट्रोक के साथ बाउंड्री लगाई, फिर भी जरूरत पड़ने पर आश्चर्यजनक संयम के क्षण भी दिखाए। उन्होंने गिल के साथ तेजी से शतकीय साझेदारी की, जिससे इंग्लिश गेंदबाजों को और भी हतोत्साहित किया गया। पंत ने अपना शानदार अर्धशतक पूरा किया, अपने विशिष्ट अपरंपरागत तरीके से मील का पत्थर हासिल किया, लगभग एक स्वीप को गलत टाइम किया जो अभी भी बाउंड्री तक पहुंच गया। इस प्रक्रिया में, उन्होंने 3000 टेस्ट रन भी पूरे किए, जो एमएस धोनी के बाद इस उपलब्धि को हासिल करने वाले केवल दूसरे भारतीय विकेटकीपर बन गए।

इंग्लैंड के गेंदबाजों को, 80 ओवर के बाद नई गेंद लेने के बावजूद, बहुत कम सफलता मिली। क्रिस वोक्स को विशेष रूप से एक कठिन दिन का सामना करना पड़ा, जो महंगे और विकेट रहित साबित हुए। ब्राइडन कार्स और जोश टोंग ने कड़ी मेहनत की लेकिन इन-फॉर्म भारतीय बल्लेबाजों को परेशान करने के लिए निरंतरता की कमी थी। शोएब बशीर ने संघर्ष करना जारी रखा, लेकिन पिच ने उन्हें बहुत कम मदद दी। इंग्लैंड के लिए दिन और भी खराब हो गया जब उन्हें विकेटकीपर के पीछे एक हेलमेट रखने के लिए पांच रन का जुर्माना लगाया गया, जिसे गेंद ने मारा था – एक दुर्लभ और अजीब घटना जिसने उनके निराशाजनक दिन को दर्शाया।

जब स्टंप्स निकाले गए, तो भारत 359 रन पर 3 विकेट के प्रभावशाली स्कोर पर था, जिसमें शुभमन गिल 127 रन पर नाबाद और ऋषभ पंत तेज़ 65 रन पर थे। उनके बीच की साझेदारी ने पहले ही 144 रन जोड़ दिए थे, जिससे भारत की गहराई और आक्रामक क्षमता प्रदर्शित हुई।

रिकॉर्ड्स और दबदबे का दिन

हेडिंग्ले में पहला दिन भारत के लिए असाधारण बल्लेबाजी के दिन के रूप में याद किया जाएगा। जायसवाल और गिल दोनों ने दिखाया कि उन्हें भारतीय टेस्ट क्रिकेट का भविष्य क्यों माना जाता है। जायसवाल के आक्रामक शतक ने मंच तैयार किया, जबकि गिल का कप्तानी पदार्पण शतक इरादे और परिपक्वता का एक बयान था। ऋषभ पंत के विस्फोटक अर्धशतक ने एक प्रभावशाली दिन को सही अंत दिया, यह सुनिश्चित करते हुए कि भारत पूरे नियंत्रण के साथ दूसरे दिन में प्रवेश करे।

दूसरी ओर, इंग्लैंड को जल्दी से regroup करने की आवश्यकता होगी। उनकी गेंदबाजी में पैठ की कमी थी, और उनकी क्षेत्ररक्षण, कभी-कभी, असामान्य थी। कप्तान बेन स्टोक्स अपने गेंदबाजों से दूसरे दिन बहुत बेहतर प्रदर्शन की तलाश में होंगे, उम्मीद है कि ताज़ी पिच और एक अपेक्षाकृत नई गेंद उन्हें शुरुआती सफलताएं प्रदान कर सकती है जिनकी उन्हें प्रतियोगिता में वापस आने के लिए सख्त जरूरत है। हालांकि, दो सेट बल्लेबाजों और एक मजबूत बल्लेबाजी क्रम अभी भी आना बाकी है, भारत पूरी तरह से ड्राइविंग सीट पर है और 500 से अधिक के स्कोर पर नजर गड़ाए हुए है।

एंडर्सन-तेंदुलकर ट्रॉफी धमाकेदार शुरुआत हुई है, और यदि पहला दिन कोई संकेत है, तो यह श्रृंखला दो गतिशील टेस्ट टीमों के बीच एक रोमांचक मुकाबला होने का वादा करती है। अभी के लिए, सुर्खियों में पूरी तरह से भारत के युवा बल्लेबाजी सितारे हैं, जिन्होंने अधिकार और शान के साथ भव्य मंच पर अपने आगमन की घोषणा की है।

img

खबर भेजने के लिए व्हाट्स एप कीजिए +919412777777 todayexpress@outlook.in

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Posts