पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाल ही में एक ऐसी भयावह घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। दो युवतियों, जो शादियों और पार्टियों में वेलकम गर्ल के तौर पर काम करती थीं, के साथ कुछ दरिंदों ने ऐसी क्रूरता की, जिसे सुनकर किसी का भी कलेजा कांप उठेगा। अमित नाम के एक शख्स ने इन दोनों लड़कियों को मिलने के लिए बुलाया और अपने दोस्तों के साथ मिलकर उन्हें जबरन शराब पिलाई। जब लड़कियों ने इसका विरोध किया, तो एक को चलती गाड़ी से फेंक दिया गया, जबकि दूसरी के साथ उसी गाड़ी में तीन घंटे तक सामूहिक दुष्कर्म किया गया। यह घटना ग्रेटर नोएडा से शुरू होकर मेरठ और फिर बुलंदशहर तक चलती रही।
रात के अंधेरे में शुरू हुई दरिंदगी की कहानी
यह खौफनाक वारदात मंगलवार, 6 मई की रात को पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सड़कों पर घटी। नोएडा में रहने वाली दो युवतियां, जिनकी उम्र लगभग 20 से 25 वर्ष के बीच थी, शादियों और अन्य समारोहों में मेहमानों का स्वागत करने का काम करती थीं। उन्हें प्रत्येक कार्यक्रम के लिए लगभग 500 रुपये मिलते थे। दोनों लड़कियां आपस में गहरी सहेलियां थीं और अक्सर साथ ही काम पर जाया करती थीं।
कुछ समय पहले, इनमें से एक लड़की की मुलाकात एक शादी समारोह में अमित नाम के एक व्यक्ति से हुई थी। अमित ने उनसे दोस्ती कर ली और उनके साथ बातचीत शुरू कर दी।
1 मई की रात: एक और मुलाकात, एक खौफनाक साजिश की शुरुआत
1 मई, 2025 को ग्रेटर नोएडा में एक और शादी का कार्यक्रम था, जहाँ अमित ने दूसरी लड़की से भी मुलाकात की। उस रात, अमित ने अपनी गाड़ी से दोनों लड़कियों को उनके घर तक छोड़ा। इस दौरान, उसने उनसे दोबारा मिलने की इच्छा जताई और उन्हें 6 मई की रात को मिलने के लिए राजी कर लिया।
6 मई की रात: जब भरोसे का गला घोंटा गया
6 मई की रात लगभग 8 बजे, अमित अपनी गाड़ी लेकर तय स्थान पर पहुंचा। उसने दोनों लड़कियों को अपने एक दोस्त सुमित से मिलवाया। इसके बाद, ये चारों लोग गाड़ी में बैठकर घूमने निकल गए। लड़कियों को यह अंदाजा भी नहीं था कि यह एक सामान्य मुलाकात नहीं, बल्कि उनके जीवन की सबसे भयानक रात की शुरुआत होने वाली है।
गाजियाबाद में शराब और एक और साथी
गाड़ी जब गाजियाबाद के लाल कुआं इलाके में पहुंची, तो अमित और सुमित ने शराब की कुछ बोतलें खरीदीं। यहाँ पर उन्होंने अपने एक और दोस्त गौरव को गाड़ी में बिठा लिया। अब गाड़ी में कुल पांच लोग थे – अमित, सुमित, गौरव और दोनों लड़कियां।
चलती गाड़ी में शराब और विरोध
शराब खरीदने के बाद, तीनों लड़कों ने चलती गाड़ी में ही शराब पीना शुरू कर दिया। इसके बाद, उन्होंने दोनों लड़कियों को भी जबरन शराब पिलाई। जब लड़कियों ने इसका विरोध किया, तो लड़कों ने उनकी एक न सुनी और उन्हें मजबूर किया।
पेरीफेरल एक्सप्रेसवे और ढाबे का झूठा बहाना
गाड़ी को पेरीफेरल एक्सप्रेसवे पर चढ़ाने के बाद, लड़कों ने लड़कियों से कहा कि वे किसी ढाबे पर खाना खाने जा रहे हैं। लेकिन उनका असली इरादा कुछ और ही था। कुछ देर बाद, उनमें से एक लड़के ने लड़कियों को किसी होटल में चलने के लिए कहा।
जब विरोध किया तो मिली मौत
होटल चलने की बात सुनते ही दोनों लड़कियों में से एक ने तुरंत विरोध किया। उसने कहा कि वे बहुत देर हो चुकी हैं और उन्हें वापस अपने घर जाना है। इस पर पीछे की सीट पर बैठे सुमित और गौरव दोनों भड़क उठे और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने लगे।
बागपत-मेरठ रोड पर चलती कार से फेंकी गई एक जिंदगी
गाड़ी उस समय बागपत-मेरठ रोड पर तेजी से दौड़ रही थी। जब लड़कियों ने छेड़छाड़ का पुरजोर विरोध किया, तो नशे में धुत लड़कों ने आपा खो दिया। उन्होंने उनमें से एक लड़की को चलती कार से धक्का देकर नीचे फेंक दिया। आधी रात के अंधेरे में, वह लड़की सड़क पर तड़पती रही, जबकि गाड़ी अपनी पूरी रफ्तार से आगे बढ़ गई।
म्यूजिक का शोर और काले शीशे: दरिंदगी का छिपा हुआ मंजर
गाड़ी के शीशों पर काली फिल्म चढ़ी हुई थी, जिसके कारण बाहर से अंदर कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। इसके अलावा, म्यूजिक सिस्टम की आवाज इतनी तेज थी कि अंदर की किसी भी आवाज का बाहर सुनाई देना मुश्किल था।
मेरठ से बुलंदशहर: तीन घंटे की हैवानियत
कार को मेरठ से बुलंदशहर की तरफ मोड़ने के बाद, गाड़ी में बचे तीनों लड़कों ने मिलकर दूसरी लड़की के साथ बारी-बारी से सामूहिक दुष्कर्म किया। म्यूजिक के तेज शोर के बीच, उस बेबस लड़की के साथ तीन घंटों तक लगातार दरिंदगी होती रही। वह चीखती रही, मदद के लिए गुहार लगाती रही, लेकिन उसकी आवाज उस तेज म्यूजिक और बंद शीशों के बाहर नहीं जा सकी।
दरिंदों के चंगुल से कैसे छूटी पीड़िता
सुबह जब दिन निकला, तो तीनों दरिंदों ने मिलकर एक और घिनौनी साजिश रची। उन्होंने तय किया कि वे दुष्कर्म पीड़िता को किसी होटल में ले जाएंगे और वहां उसके अश्लील वीडियो और तस्वीरें बनाएंगे। उनका मकसद था कि इन वीडियो और तस्वीरों के जरिए वे लड़की को ब्लैकमेल कर सकें और उसे इस घटना के बारे में किसी को भी बताने से रोक सकें।
हालांकि, पीड़िता को उनकी इस योजना की भनक लग गई। उसने हिम्मत नहीं हारी और सही मौके का इंतजार करने लगी। जब गाड़ी धीमी हुई, तो उसने शौचालय जाने का बहाना बनाया। जैसे ही उसे मौका मिला, वह गाड़ी से उतरकर भाग निकली।
घर वापसी और पुलिस को सूचना
किसी तरह पीड़िता बदहवास हालत में अपने घर पहुंची। उसने अपनी आपबीती अपने परिवार वालों को सुनाई, जिसके बाद तुरंत पुलिस को इस घटना की सूचना दी गई।
नौकरी का लालच और जान-पहचान
पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में पीड़िता ने बताया कि वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की रहने वाली है और नोएडा में अपने मामा के पास किराए के मकान में रहती है। उसने बताया कि उसकी सहेली की जान-पहचान अमित से थी, जिसने उन दोनों को अच्छी नौकरी लगवाने का लालच दिया था। इसी लालच में आकर वे अमित पर भरोसा कर बैठी थीं।
दूसरी लड़की की दर्दनाक मौत
पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए दूसरी लड़की की तलाश शुरू कर दी। आखिरकार, पुलिस ने मृतका का शव मेरठ के जानी इलाके से बरामद किया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में लड़की के शरीर पर 12 अलग-अलग जगहों पर चोट के निशान पाए गए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उसे चलती गाड़ी से फेंकने के बाद गंभीर चोटें आई थीं और उसकी दर्दनाक मौत हो गई थी।
आरोपियों की कुंडली और गिरफ्तारी
पुलिस ने शिकायत मिलते ही मामले की गंभीरता को समझते हुए तुरंत कार्रवाई की। उन्होंने अलग-अलग टीमें बनाकर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। आखिरकार, पुलिस ने एक मुठभेड़ के दौरान तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। मुठभेड़ के दौरान, दो आरोपियों के पैर में गोली भी लगी।
पकड़े गए आरोपियों की पहचान संदीप और अमित के रूप में हुई है, जो गौतमबुद्ध नगर के सूरजपुर के रहने वाले हैं। तीसरा आरोपी गौरव गाजियाबाद के लोनी में न्यू विकास नगर का निवासी है। पुलिस की गोली संदीप और गौरव के पैर में लगी थी, जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। पुलिस इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन आरोपियों ने पहले भी इस तरह की किसी घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने घटनास्थल से और गाड़ी से महत्वपूर्ण सबूत भी जुटाए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
समाज में आक्रोश और न्याय की मांग
इस भयावह घटना के सामने आने के बाद पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश में और खासकर नोएडा, मेरठ और बुलंदशहर में लोगों के बीच गहरा आक्रोश है। लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं और आरोपियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर लोगों में गुस्सा देखा जा रहा है और #JusticeForWelcomeGirls जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
वेलकम गर्ल्स की सुरक्षा का सवाल
यह घटना उन हजारों महिलाओं की सुरक्षा पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है जो शादियों और पार्टियों में वेलकम गर्ल के तौर पर काम करती हैं। अक्सर ये महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर होती हैं और बेहतर जीवन की तलाश में ऐसे काम करती हैं। इस घटना ने यह दिखा दिया है कि ऐसे कामों में भी उनकी सुरक्षा कितनी जोखिम भरी हो सकती है। सरकार और समाज दोनों को मिलकर इन महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
निष्कर्ष
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वेलकम गर्ल्स के साथ हुई यह दरिंदगी एक ऐसी घटना है जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह घटना न केवल अपराधियों की क्रूरता को दर्शाती है, बल्कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति पर भी एक गंभीर सवाल उठाती है। उम्मीद है कि पुलिस इस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी घिनौनी हरकत करने की हिम्मत न कर सके। साथ ही, यह भी जरूरी है कि समाज और सरकार मिलकर उन कारणों पर भी ध्यान दें जिनकी वजह से ऐसी घटनाएं होती हैं और महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाएं।