मुंबई, 3 मार्च 2025: मुंबई पुलिस ने आव्रजन प्रणाली में खामियों का फायदा उठाकर मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मुख्य आरोपी रोशन भास्कर दुधवाडकर (50) को छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, इस गिरोह ने जाली पासपोर्ट और वीजा का इस्तेमाल करके 80 भारतीय नागरिकों को कनाडा, नीदरलैंड, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों में अवैध रूप से भेजने में मदद की।
गिरोह की कार्यप्रणाली
जांच में पता चला है कि गिरोह के सदस्य राजेश पंचाल जाली पासपोर्ट और वीजा बनाने का काम करता था। प्रति यात्री 30 से 50 लाख रुपये तक की मोटी रकम वसूली जाती थी। दुधवाडकर और पंचाल ने मिलकर यात्रियों की हवाई अड्डे से सुचारू निकासी के लिए जाली दस्तावेज पेश किए। दुधवाडकर को प्रति यात्री 50,000 रुपये मिलते थे।
कैसे हुआ भंडाफोड़?
मुंबई पुलिस को 28 फरवरी को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफपीआरओ) के माध्यम से दुधवाडकर की संदिग्ध गतिविधियों की सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने हवाई अड्डे पर दुधवाडकर को हिरासत में लिया। दुधवाडकर मुंबई के अंधेरी पूर्व इलाके में रहता है।
आरोपियों की भूमिका
- रोशन भास्कर दुधवाडकर: यात्रियों को हवाई अड्डे से निकालने में मदद करता था और प्रति यात्री 50,000 रुपये कमाता था।
- राजेश पंचाल: जाली पासपोर्ट और वीजा बनाने का काम करता था और प्रति यात्री 30 से 50 लाख रुपये वसूलता था।
पुलिस की कार्रवाई
मुंबई पुलिस ने इस मामले में गहन जांच शुरू की है। आरोपियों के खिलाफ मानव तस्करी, जालसाजी और धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने दुधवाडकर और पंचाल के बीच हुई वित्तीय लेनदेन की जांच भी शुरू कर दी है।
अगले कदम
पुलिस ने इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की तलाश शुरू कर दी है। साथ ही, आव्रजन प्रणाली में खामियों को दूर करने के लिए संबंधित अधिकारियों से संपर्क किया गया है।