घरेलू वस्तुओं पर टैक्स घटा, दूध-पनीर और रोटी टैक्स के दायरे से बाहर: जीएसटी परिषद की बैठक में ऐतिहासिक फैसले

नई दिल्ली, बुधवार, 3 सितम्बर 2025, रात 10:35 बजे IST

देश की कर व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव बुधवार को सामने आया जब जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में आम आदमी को राहत देने वाले कई अहम निर्णय लिए गए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई इस मैराथन बैठक में 10.5 घंटे तक विचार-विमर्श चला, जिसमें केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों ने मिलकर दो-स्लैब जीएसटी संरचना को मंजूरी दी। यह नई व्यवस्था 22 सितम्बर 2025 से लागू होगी।

दो-स्लैब संरचना को मिली मंजूरी

जीएसटी परिषद ने मौजूदा चार स्लैब — 5%, 12%, 18% और 28% — को सरल करते हुए अब केवल दो मुख्य स्लैब तय किए हैं: 5% और 18%। इसके अलावा एक विशेष स्लैब 40% का भी बनाया गया है, जो विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर लागू होगा।

वित्त मंत्री ने कहा कि यह बदलाव जीएसटी को स्थिर और स्थायी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री पिछले आठ-नौ महीनों से जीएसटी में बदलाव की आवश्यकता पर जोर दे रहे थे। अब समय की मांग को समझते हुए सभी राज्यों ने मिलकर यह निर्णय लिया है।”

घरेलू वस्तुओं पर राहत

आम आदमी को राहत देते हुए कई घरेलू वस्तुओं पर टैक्स दरों में कटौती की गई है:

  • 0% टैक्स स्लैब में शामिल वस्तुएं: दूध, छेना, पनीर, रोटी, पराठा, चपाती और सभी प्रकार की भारतीय ब्रेड्स।
  • 5% टैक्स स्लैब में शामिल वस्तुएं: हेयर ऑयल, शैम्पू, टूथपेस्ट, डेंटल फ्लॉस, टेबल वेयर, किचन वेयर, सॉस, पास्ता, कॉर्नफ्लेक्स, घी, बटर, इंस्टैंट नूडल्स, चॉकलेट, कॉफी, प्रीज़र्व्ड मीट।

वित्त मंत्री ने कहा कि इन वस्तुओं पर टैक्स घटाने से आम परिवारों के मासिक बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

बीमा सेवाओं पर टैक्स समाप्त

जीवन और स्वास्थ्य बीमा सेवाओं पर अब कोई जीएसटी नहीं लगेगा। टर्म लाइफ, यूलिप, एंडोमेंट प्लान और फैमिली फ्लोटर जैसी योजनाएं अब शून्य टैक्स श्रेणी में आ गई हैं। यह निर्णय 22 सितम्बर से लागू होगा।

वित्त मंत्री ने कहा, “बीमा पर जीएसटी समाप्त करने से यह सेवा आम आदमी के लिए अधिक सुलभ और किफायती हो जाएगी। इससे देशभर में बीमा कवरेज का विस्तार होगा।”

ऑटोमोबाइल और आवास क्षेत्र को राहत

वाहनों और निर्माण सामग्री पर भी टैक्स दरों में कटौती की गई है:

  • सीमेंट: 28% से घटाकर 18%
  • छोटी कारें, मोटरसाइकिल (350 सीसी तक), तिपहिया वाहन, बस, ट्रक, एम्बुलेंस: अब 18% स्लैब में
  • ऑटो पार्ट्स: अब सभी पर एक समान 18% जीएसटी

वहीं, 350 सीसी से अधिक की मोटरसाइकिलें, 1,200 सीसी से अधिक पेट्रोल और 1,500 सीसी से अधिक डीजल वाली कारें, निजी विमानों और यॉट्स पर 40% विशेष टैक्स लगेगा।

टेक्सटाइल और फर्टिलाइज़र सेक्टर को राहत
  • मानवनिर्मित धागा और फाइबर: 12% और 18% से घटाकर 5%
  • सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, अमोनियम: 18% से घटाकर 5%
  • नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण: जैसे बायोगैस प्लांट, विंडमिल, सोलर कूकर, पीवी सेल्स — अब 5% टैक्स पर

इससे कपड़ा उद्योग को फाइबर न्यूट्रल नीति का लाभ मिलेगा और कृषि व ऊर्जा क्षेत्र को नई गति मिलेगी।

40% विशेष स्लैब: विलासिता और सिन गुड्स

जीएसटी परिषद ने एक नया 40% टैक्स स्लैब बनाया है, जिसमें शामिल हैं:

  • पान मसाला, सिगरेट, गुटखा, तंबाकू उत्पाद, बीड़ी
  • कोल्ड ड्रिंक्स, कैफिनेटेड पेय, कार्बोनेटेड पेय
  • मध्य और बड़ी कारें, हेलीकॉप्टर, यॉट्स, निजी विमान

यह स्लैब उन वस्तुओं पर लागू होगा जो स्वास्थ्य या सामाजिक दृष्टि से अहितकर मानी जाती हैं।

कृषि उपकरणों पर भी राहत

कृषि क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए ट्रैक्टर, थ्रेशिंग मशीन, कंपोस्ट मशीन, पराली हटाने वाली मशीनों पर टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

राज्यों की प्रतिक्रिया

बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि सभी राज्य दरों को युक्तिसंगत बनाने के पक्ष में हैं और यह सर्वसम्मति से लिया गया निर्णय है। पश्चिम बंगाल की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इससे कुल राजस्व में ₹47,700 करोड़ का नुकसान हो सकता है, लेकिन यह आम जनता के हित में है।

उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि अवगुण वस्तुओं पर कर के बारे में अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

Thakur Pawan Singh

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