दिल्ली में एक बार फिर कोविड-19 के मामलों में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसके बाद दिल्ली सरकार अलर्ट हो गई है। शुक्रवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोविड-19 की मौजूदा स्थिति की समीक्षा बैठक की। गुरुवार तक दिल्ली में 23 कोविड मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसने सरकार की चिंता बढ़ा दी है।
अस्पतालों को तैयारी के निर्देश: बेड, ऑक्सीजन और वेंटिलेटर सुनिश्चित करने को कहा
बढ़ते मामलों को देखते हुए, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने सभी अस्पतालों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है। इस एडवाइजरी में अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर सहित अन्य सभी आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, अस्पताल परिसर में मास्क पहनने का भी परामर्श दिया गया है, ताकि संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित किया जा सके।

दिल्ली और NCR में कुल 32 मामले: मरीजों की पुष्टि प्रक्रिया जारी
दिल्ली में अब तक 23 कोविड मामलों की पुष्टि हो चुकी है। सरकार वर्तमान में इन मामलों के सत्यापन की प्रक्रिया में जुटी है, यह पता लगाया जा रहा है कि ये मरीज दिल्ली के निवासी हैं या बाहर से यात्रा करके आए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में भी कोरोना के कुल नौ संक्रमित मिले हैं। इनमें गाजियाबाद में चार, गुरुग्राम में तीन और फरीदाबाद में दो मरीज शामिल हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने लोगों से की अपील: घबराने की नहीं, सतर्क रहने की जरूरत
स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह ने लोगों से घबराने की जरूरत नहीं होने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली के सभी अस्पतालों के चिकित्सा अधीक्षकों, डॉक्टरों और उनकी टीम के साथ समन्वय स्थापित किया गया है और अस्पताल तथा स्वास्थ्य सुविधाओं को अलर्ट पर रखा गया है। उन्होंने लोगों से सभी स्वास्थ्य और सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने और अधिकारियों का सहयोग करने की भी अपील की।
स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण और सुविधाओं की उपलब्धता पर जोर
एडवाइजरी में स्वास्थ्यकर्मियों को दोबारा से कोविड-19 से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने का भी निर्देश दिया गया है। अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन, एंटीबायोटिक्स, अन्य दवाओं और वैक्सीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है। इसके अतिरिक्त, वेंटिलेटर, बाई-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, पीएसए जैसे सभी उपकरणों को कार्यात्मक स्थिति में रखने के लिए कहा गया है।
दैनिक रिपोर्टिंग और जीनोम सीक्वेंसिंग पर फोकस
अस्पतालों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों को रोजाना आधार पर रिपोर्ट करना होगा। इन मामलों को एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफॉर्म (IHIP) पोर्टल पर अपडेट किया जाएगा। सभी पॉजिटिव कोविड-19 सैंपल को लोकनायक अस्पताल में जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा, ताकि नए वेरिएंट का पता लगाया जा सके।
विशेषज्ञों की राय: चिंता की बात नहीं, पर सतर्कता जरूरी
विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड के संबंध में चिंता करने और घबराने वाली कोई बात नहीं है। डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग में निदेशक और प्रोफेसर डॉ. सुभाष गिरी ने कहा कि यह सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह हो चुका है। उन्होंने खांसते और छींकते समय मुंह को ढकने और हाथों को समय-समय पर धोने की सलाह दी। डॉ. गिरी ने यह भी बताया कि जिस JN.1 वेरिएंट की वजह से संक्रमण के मामले सामने आ रहे हैं, वह डेढ़ साल पुराना है और यह संक्रामक जरूर है, लेकिन इससे कोई गंभीर समस्या पैदा नहीं होगी। हालांकि, उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की जरूरत पर जोर दिया।