
देहरादून, बुधवार, 3 सितम्बर 2025, रात 9:28 बजे IST
उत्तराखंड में सितंबर की शुरुआत प्रकृति के प्रकोप से हुई है। लगातार हो रही भारी बारिश ने राज्य के पहाड़ी जिलों में जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है। ऋषिकेश से लेकर चमोली, धारचूला से लेकर नैनीताल तक हर जगह हालात चिंताजनक हैं। नदियां उफान पर हैं, सड़कों पर मलबा है, और घरों में दरारें पड़ रही हैं। मौसम विभाग ने 5 सितम्बर तक बारिश जारी रहने की संभावना जताई है, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
चमोली में बद्रीनाथ हाईवे बंद, जोशीमठ के 32 घरों में दरार
चमोली जिले में बद्रीनाथ हाईवे कई स्थानों पर बंद हो गया है। ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग झडकुला और जोशीमठ के पास बाधित है। कमेड़ा और भनेर में सड़कों पर मलबा गिरने से आवाजाही पूरी तरह ठप है। जोशीमठ के पल्ला गांव में भारी बारिश के कारण 32 घरों में दरारें आ गई हैं। जिला प्रशासन ने गांव को खाली करा लिया है और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
यह वही जोशीमठ है जहां जनवरी 2023 में ज़मीन धंसने की घटनाएं सामने आई थीं। अब फिर से दरारें पड़ना इस क्षेत्र की भूगर्भीय संवेदनशीलता को उजागर करता है।
धारचूला में चीन सीमा से संपर्क टूटा
धारचूला में तवाघाट-लिपुलेख मार्ग पर ऐलागाड़ और कुलागाड़ के पास पहाड़ी दरक गई है। इससे दारमा, चौदास और व्यास घाटियों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है। सोबला सड़क भी बंद हो गई है। लगातार मलबा और बोल्डर गिरने से आवाजाही ठप बनी हुई है। धारचूला के एसडीएम जितेंद्र वर्मा ने बताया कि सड़कों को खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन मौसम की खराबी के कारण कार्य में बाधा आ रही है।
नैनीताल में गौला और कोसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर
नैनीताल जिले के हल्द्वानी में गौला नदी अपने खतरे के निशान से 20 सेमी ऊपर बह रही है। गौला बैराज में 44,124 क्यूसेक पानी डाउनस्ट्रीम में प्रवाहित हो रहा है। प्रशासन ने बैराज के नीचे बसे लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। धनगढ़ी, पनोद, ढेला रपटा, कसेरूआ नाला और टेड़ा नाले में उफान आने से राहगीरों को रोका जा रहा है। रानीखेत रोड पर सन्नाटा पसरा हुआ है।
गंगोत्री और यमुनोत्री मार्ग बाधित
गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग डबरानी के पास मलबा आने से बंद हो गया है। यमुनोत्री मार्ग पर झर्जर गाड़, जंगलचट्टी, बनास नारदचट्टी, कल्याणी और हरेती के पास रास्ता बंद है। चारधाम यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है।
उत्तरकाशी में सिलाई बेंड पर भूस्खलन के कारण डीजल आपूर्ति बाधित हुई थी, जिसे BRO ने कई घंटे की मेहनत के बाद बहाल किया। NH-34 पर धारसू में भूस्खलन के कारण मार्ग बंद है।
स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद
राज्य सरकार ने 11 जिलों में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र बंद रखने का आदेश दिया है। इनमें पौड़ी गढ़वाल, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, चंपावत, पिथौरागढ़ और बागेश्वर शामिल हैं। यह निर्णय बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
बिजली आपूर्ति पर संकट
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPCL) ने आम जनता से अपील की है कि वे बिजली के खंभों और लाइनों से दूर रहें। UPCL के एमडी अनिल कुमार ने कहा कि भारी वर्षा और प्रतिकूल मौसम के चलते बिजली आपूर्ति बनाए रखना चुनौतीपूर्ण है। डिजास्टर रिस्पांस टीमें हाई अलर्ट पर हैं।
राज्य में कई स्थानों पर ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हुए हैं और बिजली आपूर्ति बाधित है। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
भूस्खलन से 373 सड़कें बंद
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, 373 सड़कें भूस्खलन और बोल्डर गिरने के कारण बंद हैं। इनमें 249 PMGSY और 86 PWD सड़कें शामिल हैं। उत्तरकाशी सबसे अधिक प्रभावित है, जहां 55 मार्ग बंद हैं। इसके बाद उधम सिंह नगर और अल्मोड़ा में 43-43 मार्ग बंद हैं।
चमोली जिले में 53 ग्रामीण और प्रांतीय मार्ग बाधित हैं। NH-109K, जो सिमली, थराली और ग्वालदम को जोड़ता है, कई स्थानों पर बंद है।
मौसम विभाग का अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने उत्तराखंड के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। देहरादून, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ और उत्तरकाशी में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। IMD ने कहा है कि अगले 24 घंटे में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन की आशंका है।
IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि उत्तराखंड में कई नदियों का उद्गम स्थल है, इसलिए भारी बारिश का असर डाउनस्ट्रीम शहरों और कस्बों पर भी पड़ेगा।
राहत और बचाव कार्य
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और स्थानीय प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है। प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। SDRF की टीमें जोशीमठ, धारचूला, हल्द्वानी और रामनगर में सक्रिय हैं।
गौला और कोसी नदी किनारे बसे लोगों को अलर्ट किया गया है। प्रशासन ने कहा है कि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में तत्काल निकासी की जाएगी।