आगरा: भारतीय क्रिकेट टीम के तेज़ गेंदबाज मोहम्मद शमी के रोज़ा न रखने को लेकर उठ रहे विवाद पर हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष और भारत सरकार द्वारा कबीर पुरस्कार से सम्मानित डॉ. सिराज कुरैशी ने प्रतिक्रिया दी है।

डॉ. कुरैशी ने स्पष्ट किया कि इस्लामी शिक्षाओं के अनुसार यात्रा करने वाले व्यक्ति के लिए रोज़ा माफ़ होता है, और चूंकि शमी वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टूर्नामेंट में व्यस्त हैं, इसलिए उनके रोज़ा न रखने पर सवाल उठाना अनुचित है। उन्होंने कहा, “रमज़ान पवित्र महीना है, लेकिन इस्लाम धर्म राष्ट्र की प्रगति और कर्तव्य को भी उतनी ही अहमियत देता है। मोहम्मद शमी देश का गौरव हैं, और उनके प्रदर्शन से भारत को वर्ल्ड चैंपियन बनने में मदद मिलेगी। अल्लाह उनकी मेहनत को ज़रूर कुबूल करेगा।”
इस मुद्दे पर हिंदुस्तानी बिरादरी के उपाध्यक्ष विशाल शर्मा ने भी अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा कि खेल को धार्मिक विवादों में घसीटना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा, “मोहम्मद शमी न केवल भारत का नाम रोशन कर रहे हैं, बल्कि युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं। उनका योगदान देश के लिए गर्व की बात है। खेल के क्षेत्र में भारत की सफलता हर धर्म, जाति और समुदाय के लिए गर्व का विषय होनी चाहिए, न कि विवाद का।”
विशाल शर्मा ने आगे कहा कि भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखना हर नागरिक की ज़िम्मेदारी है। “आज जब हमारी टीम विश्व कप जीतने की ओर बढ़ रही है, तब हमें एकजुट होकर अपने खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए, न कि बेवजह की बहसों में उलझना चाहिए।”
क्रिकेट प्रेमियों और समाज के विभिन्न वर्गों ने भी इस मामले पर संयम बरतने और खेल भावना को सर्वोपरि रखने की अपील की है।