
नई दिल्ली, सोमवार, 1 सितम्बर 2025
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सोमवार को हुई भारी बारिश ने जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया। सुबह से शुरू हुआ बारिश का सिलसिला देर रात तक जारी रहा, जिससे दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद के अधिकांश हिस्सों में जलभराव, लंबा ट्रैफिक जाम और मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ का दृश्य आम हो गया। मौसम विभाग ने पहले ही येलो अलर्ट जारी किया था, जिसे बाद में ऑरेंज अलर्ट में बदल दिया गया।
यमुना का बढ़ता जलस्तर और बाढ़ की आशंका
यमुना नदी का जलस्तर सोमवार शाम तक 204.94 मीटर तक पहुंच गया, जो खतरे के निशान 205.33 मीटर से बेहद करीब है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पुराने रेलवे पुल को मंगलवार शाम 5 बजे से बंद करने का आदेश जारी किया। शाहदरा के जिला मजिस्ट्रेट ने चेतावनी दी कि नदी के किनारे बसे इलाकों में सतर्कता बरती जाए और ज़रूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जाए।
हथिनीकुंड बैराज से सोमवार सुबह 3.29 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जिससे यमुना का जलस्तर तेजी से बढ़ा। वज़ीराबाद बैराज से 41,830 क्यूसेक और ओखला बैराज से 56,455 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। प्रशासन को आशंका है कि मंगलवार तक जलस्तर 206 मीटर पार कर सकता है।
गुरुग्राम: तालाबग्राम में तब्दील होता शहर
गुरुग्राम में हालात और भी गंभीर रहे। सिग्नेचर टॉवर चौक अंडरपास पूरी तरह जलमग्न हो गया। हीरो होंडा चौक से नरसिंहपुर तक एनएच-48 पर चार किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा। शाम के समय ऑफिस से लौटते लोग दिल्ली-जयपुर हाइवे पर घंटों तक फंसे रहे। कई वाहन ब्रेकडाउन हो गए और एंबुलेंस तक जाम में फंस गईं।
गुरुग्राम के जिला कांग्रेस अध्यक्ष (शहरी) पंकज डावर ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “शहर का नाम गुरुग्राम से बदलकर तालाबग्राम कर देना चाहिए। एक घंटे से पानी नहीं निकला। सरकार कितना भ्रष्टाचार करेगी?”
गुरुग्राम में 3 बजे से 7 बजे के बीच 100 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई। प्रशासन ने मंगलवार के लिए सभी निजी कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम और स्कूलों को ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश दिया।
दिल्ली: राजधानी की सड़कों पर रेंगती गाड़ियाँ
दिल्ली में छतरपुर रोड, महात्मा गांधी मार्ग, कैप्टन गौर मार्ग, वसंत विहार और पिटमपुरा जैसे इलाकों में जलभराव के कारण गाड़ियाँ रेंगती रहीं। राजीव चौक मेट्रो स्टेशन पर भारी भीड़ देखी गई, क्योंकि लोग सड़क यातायात से बचने के लिए मेट्रो का रुख कर रहे थे। लेकिन मेट्रो सेवा भी बाधित रही — नोएडा-इलेक्ट्रॉनिक सिटी रूट पर तकनीकी खराबी के कारण येलो और ब्लू लाइन पर देरी हुई।
यह सप्ताह में तीसरी बार था जब दिल्ली मेट्रो नेटवर्क पर तकनीकी खराबी की सूचना मिली। यात्रियों को स्टेशन पर लंबी कतारों में खड़ा रहना पड़ा। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर तस्वीरें साझा कीं, जिसमें राजीव चौक, कश्मीरी गेट और साकेत जैसे स्टेशनों पर भारी भीड़ देखी गई।
हवाई यात्रा भी प्रभावित
दिल्ली हवाई अड्डे पर भी हालात सामान्य नहीं रहे। इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और अकासा एयर जैसी कंपनियों ने यात्रियों को उड़ानों की स्थिति जांचने की सलाह दी। सोमवार को 95 इनकमिंग फ्लाइट्स और 353 डिपार्चर या तो देरी से चलीं या रद्द कर दी गईं। फ्लाइटरडार24 के अनुसार, दोपहर 2:30 बजे तक पालम एयरपोर्ट पर दृश्यता 2,500 मीटर थी, जो 3 बजे तक घटकर 800 मीटर रह गई।
नोएडा और गाजियाबाद: सतर्कता और तैयारी
नोएडा प्रशासन ने भी बाढ़ की आशंका को देखते हुए तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। एक गौशाला से 800 गायों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। नोएडा के एसीईओ संजय कुमार खत्री ने कहा कि पानी का स्तर 2023 की बाढ़ के समान है। उन्होंने बताया कि स्टाफ को तैनात किया गया है और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए घोषणाएं की जा रही हैं।
गाजियाबाद में भी कई इलाकों में जलभराव की स्थिति रही। वसुंधरा, इंदिरापुरम और राजनगर एक्सटेंशन जैसे क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भर गया। वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
मौसम विभाग की चेतावनी
भारतीय मौसम विभाग ने सोमवार को ऑरेंज अलर्ट जारी किया था और मंगलवार के लिए भी भारी बारिश की चेतावनी दी है। स्काइमेट के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने बताया कि दिल्ली में 5 सितंबर तक रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी। उन्होंने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ और मानसून की सक्रियता के कारण यह स्थिति बनी हुई है।
दिल्ली में सफदरजंग में 18.6 मिमी, पालम में 30.8 मिमी, आया नगर में 48.9 मिमी और लोधी रोड पर 16.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 30.8°C रहा, जो सामान्य से 3.7°C कम था। न्यूनतम तापमान 23.7°C रहा, जो सामान्य से 2.8°C कम था। आर्द्रता 71 से 90 प्रतिशत के बीच रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक 60 रहा, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है।
सामाजिक प्रतिक्रिया और जन-संवेदना
सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रशासन की आलोचना की। कई लोगों ने कहा कि हर साल यही हाल होता है, लेकिन कोई स्थायी समाधान नहीं निकलता। कुछ ने कहा कि दिल्ली अब ‘जल्ली’ बन गई है — हर बारिश में डूब जाती है।
एक महिला यात्री ने कहा, “मैं ऑफिस से शाम 6 बजे निकली थी, रात 9 बजे तक घर नहीं पहुंच पाई। मेट्रो में भीड़ थी, सड़क पर पानी था, और टैक्सी मिलना नामुमकिन।”
एक ऑटो चालक ने बताया, “पानी इतना भर गया कि ऑटो बंद हो गया। मैंने यात्रियों को बीच रास्ते में उतारना पड़ा। खुद को धक्का देकर ऑटो निकालना पड़ा।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
दिल्ली सरकार ने कहा कि सभी टीमें अलर्ट पर हैं और राहत कार्य जारी है। दिल्ली के मंत्री परवेश साहिब सिंह वर्मा ने कहा, “मैं हर नागरिक को आश्वस्त करना चाहता हूँ — घबराने की ज़रूरत नहीं है। दिल्ली सरकार सतर्क है, टीमें ज़मीन पर हैं और हम हर दिल्लीवासी की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
गुरुग्राम प्रशासन ने भी कहा कि जलभराव की समस्या को हल करने के लिए ड्रेनेज सिस्टम की समीक्षा की जा रही है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक शहरों की योजना जल निकासी को प्राथमिकता नहीं देती, तब तक हर मानसून यही हाल रहेगा।
राहत की बारिश या चेतावनी की बूँदें?
दिल्ली-एनसीआर में सोमवार को हुई बारिश ने गर्मी से राहत तो दी, लेकिन साथ ही यह एक चेतावनी भी थी — कि हमारी शहरी व्यवस्था अब भी मौसम के सामने कमजोर है। जलभराव, जाम, मेट्रो में भीड़, हवाई यात्रा में बाधा और बाढ़ की आशंका — ये सब दर्शाते हैं कि हमें अपने शहरों को मौसम के अनुकूल बनाना होगा।
यह सिर्फ एक मौसम की घटना नहीं, बल्कि एक शहरी संकट है। जब तक हम इसे गंभीरता से नहीं लेंगे, तब तक हर बारिश एक आपदा बनती रहेगी।